RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
फोन पापा ने किया था,उन्होने बोला कि आज शाम को कोई ट्रेन नही है , कल सुबह ट्रेन है,मे उसमे तुम्हारा रिज़र्वेशन करा रहा हूँ
तभी मेरे मन मे आया कि क्यो मे 16 घंटे का सफ़र खाली निकालु,मेने पापा से कहा
मे:पापा आप एक 2 सीटर रूम बुक करो दो ,मे नही चाहता कि कोई मम्मी से कोई छेड़खानी करे,ऑर किराया भी ज़्यादा नही होगा
पापा ने वहाँ खड़े दूसरे आदमी से इस बारे मे बात की ऑर बोला ,फिर तो हमे 2 दिन इंतज़ार करना पड़ेगा,12 की सुबह ट्रेन है
मेने कहा कोई दिक्कत नही
पापा:ठीक मे करा रहा हूँ उसमे रिज़र्वेशन
मेने फोन रख दिया
मेने सोचा 2 दिन क्या किया जाए
मुझे चाची का फार्महाउस याद आया,मेने सोचा चाची से इस बारे ने बात करना सही नही होगा,फिर मुझे याद आया कि चाची के फार्महाउस मे पीछे से घुसा जा सकता है,ऑर वहाँ पे दूर दूर तक कोई नही है,वहाँ जाकर मम्मी को जमकर चोद सकता हूँ
मेने तुरंत फोन रखा ऑर मम्मी के पास जा पहुचा ,इस बार मे फिर मम्मी के पीछे चिपक गया ऑर लंड गान्ड मे घुस गया
मम्मी:किसका फोन था
मे:पापा का था
मम्मी:क्या कहा पापा ने
मे:आज कि कोई ट्रेन नही हो पाएगी
मम्मी: अरे मेने सामान पॅक कर लिया
मे:कोई दिक्कत नही मम्मी मे हूँ ना ,हम ऐसी जगह चलते है,जहाँ टाइम यूही निकल जाएगा
मम्मी:कहाँ ले जाना चाहते हो
मे:बस एक जगह है वहाँ तुम भी बोर नही होगी मे भी बोर नही होउंगा
मम्मी:तो वहाँ खाने पीने की ववस्था है
मे:खाने पीने की सब व्यवस्था है
मम्मी:ऑर सोने की भी
मे:उसकी ज़रूरत नही पड़ेगी
मम्मी:क्यो
(( अपने मन मे ,क्योकि रात भर चुदाई जो करने वाला हूँ))
मे:पहले चलो तो सही
मम्मी:ठीक है
शायद मम्मी को भी अंदाज़ा हो गया था कुछ गड़बड़ है
फिर हम ऑटो करके निकल गये चाची के फार्महाउस पे
वहाँ आस पास कोई भी नही था , जगह सुन्शान थी,बहुत अच्छी जगह थी किसी को मस्त चोदने की
मे तुरंत फार्महाउस के पीछे गया ऑर अंदर घुस कर आगे का दरवाज़ा खोल लिया
मम्मी अंदर आ गयी,उनके पीछे चलने लगा
मे:मम्मी कैसा लगा
मम्मी:बहुत सुना है,हम 2 दिन कैसे गुज़ारेंगे
मे:साथ मे रहकर
मम्मी थोड़ी मुस्कुराइ
मम्मी:मतलब ,हम साथ मे ही तो है
मे:मेरा मतलब थोड़ी दूरिया कम कर करके साथ मे रहेगे,ऑर थोड़ा थोड़ा आपस मे एक दूसरे को ऑर नज़दीक से जानेगे
मम्मी:अच्छा तू अपनी माँ को ऑर नज़दीक से जानना चाहता है
मे:हाँ मम्मी
चल ठीक है ,अभी तू क्या पिएगा
मे:चाइ
मम्मी:ठीक है
ये कहकर मम्मी चाइ बनाने चली गयी,मेरे पास बहुत अच्छा मोका था
मे फिर मम्मी के पीछे से चिपक गया
ऑर इस बार मेने बहुत ज़ोर से पकड़ा था मम्मी को
मम्मी की तो एक बार आहह ही निकल गयी
मम्मी:क्या कर रहा है
मे:मम्मी को प्यार कर रहा हूँ
मम्मी:ऐसे करते है क्या प्यार
मे:शुरुआत ऐसे ही करते है
मम्मी:ओह,ये बात है
मे मम्मी के गान्ड पे अब हल्के हल्के झटके देने लग गया था,मेरा लंड मम्मी की गान्ड की दरार मे घाघरे के साथ अंदर बाहर हो रहा था
अब मम्मी क सासे भी तेज होने लगी
अब मम्मी आगे झुक गयी ऑर अपनी गान्ड को पीछे लेने लगी जिससे मेरा लंड अब ऑर गहराई मे उतरने लगा
मेने धीरे धीरे एक हाथ चूत के उपर ले गया,मुमनी अब अपने होश मे नही थी कि वो कुछ कर सके
मे घाघरे के उपर से माँ की चूत को सहलाने लगा ,ऑर दूसरे हाथ से मम्मी की चुचि को हल्के हल्के दबा रहा था
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