RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मनोहर अपने मन मे ""बस एक बार ये मोहित अपनी माँ को चोद दे,तो फिर इसकी माँ को मुझे माफी देनी ही पड़ेगी,फिर तो इसकी माँ को पटा कर ,इस बार बहुत चुदाई करने वाला हूँ,कि साली जिंदगी भर याद रखेगी ,1 साल हो गया मुझे मेरा लंड भी बोलता है क्या हुआ उस चूत का,मुझे पास ही नही आने दे रही थी,मोहित के कारण मुझे एक मोका मिला है""
इधर मे भी अपने मन मे ""भेन्चोद मुझे चूतिया समझता है,मतलब मेरी मदद करके मेरी माँ को चोदना चाहता है,मे तो उस औरत के बेटे को अपनी माँ चुदवाने के लिए देने को तैयार नही हूँ जिसने मुझे चूत ऑर गान्ड मारना सिखाया,ऑर तुझ जैसे भिकारी को अपनी माँ हवाले कर दूं ,केवल मे ही चोदुगा अपनी माँ ,अगर माँ को लगे कि मे खुशी नही दे पा रहा हूँ तो वो खुद अपनी मर्ज़ी से लंड ढूंड सकती है पर तुझे नही चोदने दूँगा अपनी माँ को""
मेने सोचा ये चुदाई की टिप्स कुछ काम आएगे मेरे,मे बोला ठीक है भाई यार,मे सब कुछ करूगा तेरे लिए बस एक बार मेरी माँ मुझसे चुदवा दे
मनोहर:मे कोई प्लॅनिंग करता हूँ,मुझे कल मिलना
मे:ओके,मुझे इतना नशा हो रखा था कि मे उठ नही पा रहा था,ऑर उपर से मेरा लंड खड़े 2 घंटे से उपर हो चुका था
मे:यार मनोहर,इस लंड का क्या करूँ
मनोहर:देख तू मेरी समस्या सुलझा रहा है तो मैं तेरी सुलझा दूँगा,आजा मेरे साथ चल मे तेरे लंड को भी शांति दिलवाता हूँ
मे उसके साथ चल दिया,वो मुझे अपने घर ले गया
मे:यार तेरे तो मेहमान आए थे
मनोहर:मेने झूठ बोला था ,मुझे गांजा पीना था ऑर मम्मी मना करती है इसलिए फ्लॅट पे चला गया,ऑर गांजा पीने का मज़ा तभी आता है जब कोई साथ मे होता है
मे:मतलब तुमने झूठ बोला
मनोहर:उसके अलावा कोई झूठ नही बोला,चल यहाँ बैठ
मनोहर ने मुझे बेड पे बैठा ऑर अंदर चला गया,मनोहर अंदर जाकर कुछ घुस फूस बाते कर रहा था अपनी माँ से
फिर कुछ देर बाद उसकी माँ आई
((रतना बाई-मनोहर की माँ,मनोहर ने उसे चोद चोद कर एक मस्त शरीर की मालकिन बना रखा है,लेकिन उसकी चूत का भोसड़ा हो चुका है,अब चोदने मे कुछ मज़ा नही,लेकिन कोई भी उसे देख ये नही कह सकता कि कोई उसे चोदना नही चाहता))
उसकी माँ ने आते हुए मेरी तरफ देखा,ऑर मुस्कुराइ ऑर बोली
रत्ना:क्या हुआ बेटे ,लंड ने परेशान कर रखा है,चल मे शांत करती हूँ तेरे लंड को
ये कहकर रत्ना बाई ने मेरे पाजामा के अंदर हाथ डालकर मेरा लंड बाहर निकाल लिया,बाहर निकालते ही पूछा
रत्ना:ये क्या हुआ तेरे लंड को,बड़ा सूज़ा हुआ है
मे:पता नही
रत्ना:अच्छा है,बड़ा ही सुंदर लग रहा है,ऑर ये कहकर रत्ना ने मेरा लंड मुँह मे रख लिया,आज पहली बार इतना मज़ा आया कि उससे शब्दो मे बयान नही कर सकता,रत्ना के मुँह की तपिश मेरे लंड की आग को शांत कर रही थी ,मेरे लंड झटके पे झटके खाए जा रहा था
रत्ना ने धीरे धीरे मेरा लंड अपने मुँह के अंदर लेना शुरू किया,
रत्ना बहुत ही अनुभवी थी ,लंड अंदर लेने के बाद मेरे लंड के सुपाडे को तो जीब से मसेज कर रही थी ,मे इतना मज़ा झेल नही पाया ऑर मेरे लंड ने वीर्य का एक फव्वारा छोड़ दिया जो सीधा रत्ना के गले के निचले भाग मे टकराया,मुझे लगा कि रत्ना वापस बाहर निकाल देगी लेकिन रत्ना ने इसके विपरीत काम किया,रत्ना सारा रस निगल गयी,एक एक बूँद तक निगल गयी ,एक भी बूँद बाहर नही गिरने दी,जब मेरे लंड बाहर आया तो पूरा सॉफ था,ऑर अब मेरा लंड भी मुरझा गया था,ऑर मेरे चेहरे पर इतनी खुशी थी कोई भी देखकर यही बोले कि इससे ज़्यादा खुश कोई हो ही नही सकता
रत्ना:बड़ा जल्दी तेरा लंड हार मान गया,आज से पहले शायद किसी ने मुँह मे नही लिया लगता है
मे:हाँ सही कहा रत्ना बाई
रत्ना :मज़ा आया ना
मे:हाँ बहुत मज़ा आया
रत्ना:चल अब जा,मुझे काम करना है
मे:मनोहर कहाँ गया
रत्ना :वो सो गया
मे:ठीक है
मे वापस घर की ओर जाने लगा,मे कुछ सोच नही पा रहा था,एक तो ग़ांज़े का असर ऑर उपर से रत्ना द्वारा मस्त लंड चूसे जाना,ऐसा लग रहा था कि मे जन्नत की सैर कर रहा हूँ
मे सीधा घर आके सो गया,तब तक चाची भी अपने घर जा चुकी थी
आज फिर मे बहुत देर तक सोया ,मे इतनी गहरी नींद मे था कि माँ को बहुत मुश्किल हुई मुझे उठाने मे
उठने के बाद भी मेरा सिर चकरा रहा था,मुझे पता नही था गांजे का इतना नशा होता है,मेने सुना ज़रूर था गांजे के बारे मे ,पर आज उससे पीकर महसूस किया,वाकई बहुत मज़ा है गांजा पीने पे
एक बात तो है गांजा पीने के बाद लंड चूत की बातें बहुत अच्छी लगती है
मे नशे मे होने के कारण पता नही क्यो मे सोचे जा रहा था,माँ ने मुझे उठा दिया था तो भी बैठे बैठे मे सोच मे डूब गया
मे सोच रहा था अब 4 दिन बचे है ,माँ को चोदने के लिए मुझे कुछ करना होगा,लेकिन आज मनोहर की बातो ने भी मुझे डरा दिया था
मुझ मे एक तरफ घबराहट थी एक तरफ हिम्मत थी कि जो होगा देखा जाएगा
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