RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
ये गोली लेकर गान्ड मारेगा तो ये तो पक्का है वो 2 दिन नही चल पाएगी,लेकिन मेरा सुझाव है कि ऐसा मत करना क्योकि गान्ड मारने के लिए लंड को भी सख़्त होना पड़ता है,अगर तूने गोली ले ली,तो तुझमे गान्ड मारने की ताक़त तो आ जाएगी पर तेरा लंड को जो चुदाई के दोरान हो रहे घर्षण को सहन नही पाएगा,ऑर लंड तेरा छिल जाएगा
मे:तो फिर क्या करना चाहिए
मनोहर:बस प्रॅक्टीस कर जितना हो सके
,कम से कम 50 बार किसी की दमदार गान्ड मार
मे:तुमने कभी किसी की गान्ड मारी है
मनोहर:नही,पता नही क्यो मुझे गान्ड मारना पसंद नही है,मेरे लिए तो चूत ही काफ़ी है,मे तो चूत मे ही सामने वाली का कचूमर निकाल देता हूँ,मुझे क्या ज़रूरत गान्ड मारबे की
(शायद झूठ बोल रहा है,लेकिन हो नही सकता कि मनोहर ने आजतक कभी गान्ड नही मारी हो,हो सकता है मनोहर याद नही करना चाह रहा हो)
मे:हाँ सही है,आपके पास तो अनुभव ही बहुत है,इतना अनुभव कहाँ से लाए
मनोहर:बताया ना मेने,मे अपनी माँ को मछक मछक के चोदता हूँ
मे:आपके पास तो माँ है,पर पास कोई नही(उदास सा चेहरा)
मनोहर:अरे तेरे पास भी तो माँ है,बोल तो यूँ रहा है,जैसे तेरा कोई ना हो
मे:मेरा मतलब ,चोदने के लिया
मनोहर:तो पटा ले अपनी माँ को
मे:नही पट ती मेरी माँ मुझसे
मनोहर:तो तू भी अपनी माँ को चोदना चाहता है
मे:नही........ऐसी कोई बात नही ,मेने ऐसा कब कहा
मनोहर:मुझे चूतिया मत बना,मे सब जानता हूँ,तू खुद अपनी माँ के पीछे पड़ा हुआ है,ऑर मुझे अब समझ मे आया तू क्यो गोली ले रहा है ऑर क्यो गान्ड मारने की बाते कर रहा है
मे: मे बस मनोहर की ओर देखते हुए(उसके पास वाकई अनुभव था,वो जो बात बोल रहा था वो सच थी)
वो आगे बोलता हुआ
हमारे यहाँ ऐसी कोई गान्ड नही जो किसी को दीवाना बना दे सिवाए तेरी माँ की,ऑर मे शर्त लगा के कह सकता हूँ ,तू अपनी माँ की गान्ड जोरदार तरीके से मारना चाहता है,जिससे तू उसके साबित कर सके कि तू भी मर्द का बच्चा है
मे:कुछ नही बोला
मनोहर:बोल की मे सही हूँ
मे:हाँ सही है
माहोार:तो खुलके बोला ना कर
बस मुझे एक बार बोल मे तुझे तेरी माँ पे चढ़वा सकता हूँ
मे:वो कैसे
मनोहर:बस मे तेरी माँ को तुझसे चुदवा सकता हूँ,तेरी माँ के साथ मेरी एक घटना हुई थी ,अगर तू बुरा ना माने तो बोलू
मे:बोल
मनोहर:देख ले , बाद मे बुरा मत मान ना,
मे:हाँ पक्का बुरा नही मानूँगा
(मुझे भी पता नही माँ के बारे मे सुनने की बहुत इच्छा थी)
मनोहर:तेरी माँ एक बार मेरे नीचे आते आते बची थी,वो दिन आज भी याद है,अगर उस दिन तेरी माँ मेरे नीचे आ जाती,तो बेटा आज तू मुझसे नफ़रत करता
लेकिन मे ये कह सकता हूँ,तेरी माँ है बहुत इमांनदार ,सेक्स की भावना तो बहुत भरी हुई है,पर वो हमेशा अपनी लिमिट मे रहती है तुझे थोड़ी मुस्किल होगी अपनी माँ को उस लिमिट से निकालने मे,एक बार लिमिट क्रॉस हो गयी तो फिर मज़े से चोदना
मे:तो क्या तुम माँ चोदने वाले थे,ऐसा क्या हुआ था,मुझे भी बताओ वो घटना
मनोहर:अभी............लंबी घटना है,टाइम लग जाएगा
मे:कोई नही मुझे सुनना है
तो फिर खड़े खड़े ही सुनेगा,कही चलते है
मे:हाँ,तुम्हारे घर चलते है
मनोहर:नही नही आज कुछ मेहमान आए हुए है
मे:तो फिर कहाँ चलोगे
मनोहर :कल ही एक फ्लॅट खाली हुआ है ऑर अभी तक कोई आया भी नही वहाँ ,वहाँ चलते है
मे:ठीक है चलो
मनोहर:गांजा पिएगा
मे:नही नही ,मुझे पसंद नही है
मनोहर:लेकिन,माँ की बाते सुनना तो पसंद है ना,इसको पीने के बाद माँ की कल्पना करने मे जो मज़ा आएगा कि तुझे माँ के नाम पे लंड हिलाने पे भी नही आया होगा
मे अपने मन मे (मनोहर बहुत एक्सपर्ट था,ओर उसकी हर बात सच होती थी,इसलिए मे राज़ी हो गया गांजा पीने के लिए)
ठीक है पी लेंगे थोड़ा सा
फिर हम खाली फ्लॅट पे गये,वहाँ सोफे पे बैठ गये,मनोहर ने जॉइंट निकाला(गांजा भरे हुए सिगरेट को जॉइंट कहते है) ऑर जला दिया ऑर मेरी ओर करके बोला ले पी
मेने जैसे ही जॉइंट पिया मेरा सिर चढ़ गया
मे:आगे बताओ तुमने कैसे मम्मी को पटाने की कॉसिश की
मनोहर:तेरी माँ को पटाता तो रोज़ तेरी माँ की चूत मारता,बस यही तो मेने जल्दबाज़ी कर दी थी कि मे तेरी मम्मी को पटाने की बजाय सीधा चोदने की कॉसिश की ,खेर मेरी ग़लती नही है तेरी माँ का शरीर है भी तो इतना भारी,कि बस मन करता है दिन रात तेरी माँ को नंगी करके चोदता रहूं
|