RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मे फिर सोच मे सब गया,आख़िर मम्मी कहना क्या चाह रही थी,क्यो वो सीधी लाइन दे रही थी कि मम्मी मुझसे चुद्ना चाहती है
मुझे भी आगे कॉसिश करनी चाहिए
आज 7 तारीख है ,अब बस 5 दिन बचे है मेरे पास माँ की गान्ड का उद्घाटन करने के लिए,नही तो सबसे शानदार कुवारि गान्ड की ओपनिंग मेरे हाथो से निकल जाएगी
बस ये सोचते सोचते मे बाथरूम मे गया,माँ की गान्ड की कल्पना करते हुए लंड हिलाया ऑर वापस आकर पढ़ाई करने लग गया
पढ़ते पढ़ते मुझे पता ही नही चला कब 11 बज गये
डोर बेल बजी
मुझे पता था कॉन होगा
चाची ने सोचा होगा मे बाहर चला गया हुंगा,जैसा सौदा हुआ था,पर मेरा आज बाहर जाने का मन था नही शायद मुझे इतना कॉन्फिडेन्स आ गया था कि माँ को अब मे अकेले ही पटा लुगा,चाची की मदद की कोई ज़रूरत नही है
मम्मी किचन मे काम कर रही थी,मेने जाकर दरवाजा खोला,मुझे देखते ही चाची का मुँह उतर गया,ऑर मुझे बोला
चाची:तू बाहर गया नही
मे:नही चाची,आज मन नही हो रहा था
चाची:चल बाहर जा,मुझे तेरी मम्मी से काम है
मे:मे जानता था कि मम्मी तक आवाज़ नही पहुचेगी,मेने कहा क्या काम है,तुम मेरा काम तो कर नही रही,अपना काम निकाले जा रही हो(आगे भी बोलता पर मे चुप हो गया,मे जानता था अगर चाची नाराज़ हो गयी तो मुझे बेवजह ही एक चूत ऑर गान्ड से हाथ धोना पड़ सकता है)
चाची मुझे आश्चर्य से देखती हुई
मेने अपने आपको कंट्रोल किया ऑर बात घुमा के बोला
मे:चाची आपने कहा था कि आप मुझसे माँ को चुदवाओगि,लेकिन आप कोई कॉसिश नही कर रही
चाची:मे कॉसिश कर रही हूँ,तेरी माँ इतनी जल्दी थोड़े ही मान जाएगी
मे:फिर मे,आज मे बाहर नही जाउन्गा,मेरे सिर दर्द हो रहा था
चाची:तो मेरे घर चला जा,ले चाबी
मे:आज रहने दो ना
चाची:फिर मत बोलना,मेने कॉसिश नही की
मे मन मे-- आप मुझे धोका दे रही हो ऑर मुझे बोल रही हो कॉसिश कर रही हूँ
मे:बेमंन से,ओर सोचा कुछ फ़ायदा ही हो जाएगा
मेने चाची से चाबी ली ऑर मम्मी से बोला ,मम्मी मे बाहर जा रहा हूँ
मम्मी:किचन से,कहाँ जा रहा है,ऑर दरवाज़े पे कॉन है
मे:दोस्त के यहाँ पढ़ाई करने जा रहा हूँ,ऑर चाची आई हुई है
चाची भी मुझे देख मुस्कुरा गयी
मम्मी:अच्छा ,जल्दी आ जाना
मे:2 बजे तक आ जाउन्गा
मम्मी ठीक है
उसके बाद क्या हुआ मे नही जानता,चाची ऑर माँ ने लेज़्बीयन सेक्स किया होगा ऑर वही गान्ड मे उंगली डालकर माँ की चूत से पानी निकाला होगा,ऑर माँ को उल्टी पट्टी पढ़ाई होगी
मे 2 बजे वापस आकर खाना खाकर सो गया
मे सो रहा था,मुझे लगा कोई मेरे पास बैठा है,मेरी नाक ने मेरी मम्मी के शरीर से आ रही गंध को पहचान लिया,मे जान गया था मेरी मम्मी मेरे पास बैठी है
पर मेरे लंड पे मेरा वश नही था,मेरी नाक तक मम्मी के शरीर की भीनी भीनी गंध पहुच रही थी ऑर मेरे लंड ने खड़ा होना शुरू कर दिया
था
अब तक मे भी होश मे आ चुका था
मेरा लंड बिल्कुल सख़्त हो गया,ऑर लंड खड़ा हो कर इतना लंबा हो गया कि माँ के शरीर को टच हो गया
मेने अपनी पलके बहुत थोड़ी सी खोली ,जिससे मम्मी को पता चल नही पाए कि मे जाग गया हूँ
मम्मी मेरे लंड का स्पर्श पाकर मस्त हो गयी, और मैं अपने मन मे मम्मी की नंगी कल्पना कर रहा था,काश अभी चोद पाता मम्मी को
फिर मे अपने आप को नींद का नाटक करने से नही रोक पाया ऑर उठने लगा
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