RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
कुछ ही देर मे माँ को भी चाची के द्वारा गान्ड मालिश से मज़ा आने लगा,ऑर चूत ने पानी छोड़ना शुरू किया
चाची:देखा मेरी सुधा रानी,इस छेद की ताक़त ,इस छेद की मालिश से तुम्हारी चूत ने पानी छोड़ दिया
माँ:हाँ ,ये तो अज़ीब बात है,तुमने चूत के हाथ नही लगाया फिर भी पानी छोड़ दिया
चाची:तो सोचो,जब लंड डालकर गान्ड मारी जाएगी,तब कितना मज़ा आएगा,तुम जन्नत की शैर करोगी
इस बात मे माँ को गान्ड मरवाने के लिए राज़ी करने की ताक़त थी
ऑर इस बात ने अपना काम कर दिया था
माँ:हाँ बात तो ठीक कह रही है तू
ऑर मालिश कर ना गान्ड की
अब अपनी सबसे छोटी उंगली को गान्ड के छेद के ठीक उपर रखकर दबाव बनाया,अबकी बार एक साथ दबाव ना बनाकर ,धीरे धीरे दबाव बनाया,जिससे माँ की गान्ड का छल्ला धीरे धीरे खुलता गया,ऑर उसने चाची की उंगली को गान्ड के अंदर जाने की जगह दी
माँ को दर्द तो हो रहा है लेकिन सहने लायक,शायद अब गान्ड मरवाने की इच्छा ने दर्द सहने की ताक़त दे दी थी
चाची लगातार अपनी उंगली माँ की गान्ड मे धीरे धीरे घुसा रही थी
ऐसा करते करते *पूरी उंगली माँ की गान्ड के अंदर घुसा दी
चाची:सुधा रानी,आख़िर आज एक उंगली तुम्हारी गान्ड मे घुस ही गयी,बहुत जल्द उंगली की जगह एक बड़ा लंड होगा
माँ:मुझे इस उंगली से दर्द हुआ,लंड कहाँ से लुगी
चाची:गान्ड का छेद ,अपनी ज़रूरत के अनुसार बड़ा छोटा हो जाता है,चिंता मत करो बहुत आसानी के लंड अंदर बाहर जाएगा
अब चाची ने उंगली को गान्ड के अंदर की घुसाना शुरू किया
माँ:आह,मज़ा आ गया ,प्लीज़ रूकना मत,इस मज़े के लिए मे तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हूँ
चाची की उंगली दवारा माँ की गान्ड के अंदर हो रही गुद गुदि से उत्तेजित हो रही थी,ऑर माँ की चूत लगातार पानी छोड़ रही थी,
आज माँ की चूत ने इतना पानी छोड़ा था,जितना अपनी जिंदगी भर मे एक बार मे नही छोड़ा था
चाची ने बिस्तर गीला देखकर बोला,देखा गान्ड कितने मज़े देती है,
माँ:हाँ मुझे विस्वास नही होता,गान्ड मे भी इतना मज़ा आता है
चाची:तो अब तुम गान्ड मरवाने को तैयार हो
माँ:हाँ बिल्कुल,मे तैयार हूँ
((माँ को बहुत आश्चर्य हो रहा था,ऑर बहुत खुश थी ,ऑर माँ ने ठान लिया था चाहे कुछ भी हो जाए ,गान्ड मरवा के रहेगी
))
इधर मे इन दोनो की बाते पागल हो गया था,मुझे चाची पे बहुत गुस्सा आ रहा था,कैसे वो मेरी माँ की गान्ड अपने बेटे से चुदवाना चाहती है,जिसपे मेरा हक है,
अब बात है अपने हक को पाने की,भले ही मे माँ की गान्ड पहले नही मार पाऊ,लेकिन तुझे पहले नही मारने दूँगा,
मे क्यो नही मारूगा ,पहले मे ही मारूगा
अब मेने खुद से मन मे कहा"चाहे मेरी किस्मत मे लिखी हो या ना हो माँ की गान्ड मारना,,पहले मे ही मारूगा""
इतना चूत का पानी निकल जाने के बाद माँ का शरीर अकड़ गया था,
माँ:आज के लिए काफ़ी है,अब मेरा शरीर अकड़ गया है,
चाची:ठीक है
चाची ने जैसे ही उंगली निकाली
माँ के मुँह से आह निकल गयी
चाची:कैसा लगा
माँ:बहुत मज़ा आया,अब मुझसे गान्ड मरवाने से रहा नही जा रहा ,सोच रही हूँ अभी चढ़ जाउ किसी लंड पे
चाची ने अपने बेटे से मेरी माँ की गान्ड मरवाने का जो प्लान बनाया था वो फैल होता हुआ दिख रहा था ,क्योकि चाची नही जानती कि माँ इतनी जल्दी गान्ड मरवाने को तैयार को तैयार हो जाएगी क्यों कि सलीम को आने मे अभी कुछ दिन बाकी थे
ऑर चाची जानती थी अगर कोई औरत गरम होती है,वो बिना किसी की परवाह करे किसी से भी चुदने को तैयार रहती है
इसलिए चाची ने तुरंत जवाब नही
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