RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मेने कहा चाची सलीम 12 की रात को आएगा,ऑर तुम माँ के साथ सेक्स कर सकती हो,तो माँ को गरम करो ऑर बताओ कि मे उन्हे चोदना चाहता हूँ,अगर चाची तुमने मुझे 12 से पहले मुझे मेरी माँ से चुदवा दिया तो 13 को मेरी माँ सलीम के साथ फार्महाउस पे अकेली होगी,ऑर सलीम जो भी चाहे कर सकता है(मेरा मतलब गान्ड मारने से था,जो चाची समझ गयी थी)
चाची:लेकिन अगर तूने गान्ड मार ली ,तेरी माँ की गान्ड पहले मेरा बेटा ही मारेगा
मे:चाची मेरे पास इतनी ताक़त कहाँ कि मैं माँ की गान्ड मार सकूँ,मेने तो आपकी भी गान्ड मारने की कॉसिश की थी,मेरे लंड ने तो टोपा घुसते ही हार मान ली थी ऑर आपकी तो खुली हुई गान्ड है,मे कैसे माँ की बिना चुदि हुई गान्ड मार सकता हूँ,ऑर मेरा कोई अनुभव भी नही है गान्ड मारने का
अगर मे माँ की गान्ड मारने की कॉसिश करता हूँ तो मेरी बेज़त्ती होगी क्यो कि मेरा तो आधा लंड भी नही घुसेगा और मेरा पानी निकल जाएगा,कॉन ऐसा बेटा अपनी माँ के सामने बेज़्जती कराएगा
चाची:बात तो सही कह रहा है
मे(मन मे चाची अब फस रही है मेरे जाल मे)
मे:तो चाची सौदा पक्का ,अगर तुम मुझे मेरी माँ दिला दो तो मेरी माँ को 13 को फार्महाउस पे जाना
चाची :ठीक है,पक्का
कल से दो दिन तक तुम दिनभर घर से बाहर रहना,मे आउगि तेरी माँ के पास
मे:अब जाकर कुछ प्रोगेस नही हुई तो साला समझ मे नही आ रहा था कि माँ को चोद पाउगा भी या नही,सब मेरी माँ को चोदने के लिए कॉसिश कर रहे है मेरे लिए कोई कॉसिश नही कर रहा
अब मे संतुष्ट था ,क्योकि अब मेरे मन को भरोसा हुआ था कि मेरी माँ मुझसे बहुत जल्दी चुदने वाली है
हमारा सौदा पक्का हो गया कि चाची मेरी माँ को मुझसे चुदवायेगी,
ऑर चाची इस काम को पूरा करने कॉसिश करेगी इसलिए मे घर मे बेड के नीचे छुप गया जबकि चाची ने कहा था कि कहीं बाहर जा आउ,लेकिन मुझे चाची पे भरोसा नही था
माँ ने मुझे 11:45 पे आवाज़ लगाई,ऑर मुझे घर मे ढूँढा ,मे कही नाही मिला
माँ:ये मोहित भी ना जब देखो बिना बताए चला जाता है
ऑर माँ अपने काम मे मस्त हो गयी
डोर बेल बजी
चाची:ऑर सुधा(मेरी माँ का नाम) कैसी हो
माँ:बहुत दिनो बाद आना हुआ,
चाची मन मे,तेरा बेटा रोज मुझे चोदने आता है,उसको छोड़कर यहाँ आउ),नही थोड़ी बिज़ी थी अब फ्री हूँ
माँ:चलो अच्छा है,मेरा भी मन लगता,तेरे आने से समय कट जाता है
चाची:मोहित कहाँ गया
माँ:पता नही,बिना बताए कहीं भी चला जाता है,आज भी बिना बताए चला गया
चाची:अच्छा है,ऑर सूनाओ,बहुत दिनो से पति बाहर था,अपनी आग कैसे शांत करती हो(चाची माँ पहले लेज़्बीयन सेक्स करते है,मुझे रूल पता नही थे इसलिए मेने उस पार्ट को इग्नोर किया है)
माँ:हाँ क्या करूँ,बस उंगली डाल कर शांत कर लेती हूँ,तू भी तो ऐसे ही करती है
चाची:हाँ ज़्यादातर समय तो ऐसे ही करती हूँ,पर कभी कभी पति का मूड हो जाता है तो चोद देते है
माँ:हाँ तेरे तो मज़े है,तेरा पति तो है भी बड़ा चोवडा,मस्त चोदता होगा
चाची:चोद्ने का दम तो है पर अभी उतना मज़ा नही दे पाते ,बिना इच्छा के चोदते है
माँ:तो अब कर भी क्या सकते है
चाची:कर सकते है,बहुत कुछ कर सकते है
माँ:क्या कर सकते है
चाची:किसी लंड का इंतज़ाम कर लेते है
माँ:नही नही ये सही नही होगा
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