RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
आज मैं भर भर के अपना थूक चाची के मूह मे डाल रहा था ,ऑर अपनी पूरी जीब चाची मे मूह डाल रखी थी,आज तो चाची भी मेरा साथ दे रही थी ,आज मे आराम से किस कर रहा था,आज बहुत सारा थूक हमारे मूह से निकल कर चाची के बूब्स पे गिर रहा था,अब चाची भी अपना थूक मेरे मूह डाल रही थी ,आज हम बहुत देर तक किस करते रहे ,चाची मेरी जीब को चूस रही थी ,मे चाची की जीब को चूस रहा था,मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मे चाची के थूक को निगल रहा था,फिर मुझे याद आया कि चाची को सेक्स के लिए मनाने के लिए उनको गरम करने की ज़रूरत है,अब मेने किस करते हुए अपने हाथ चाची की पीठ पे चलाना शुरू कर दिए, मैने उनके मूह के मूव्मेंट के चेंज होने से ये अंदाज़ा लगा लिया कि चाची गरम हो रही है,अब चाची ने भी अपने हाथ मेरी पीठ पे चलाने शुरू कर दिए
हम दोनो लगातार किस करे जा रहे थे ,अब हमारे होठ भी ज़्यादा देर गीले रहने के कारण नरम पड़ गये थे,आज ज़्यादा जोरदार तरीके से किस नही किया था ,नही तो चाची भी जानती थी कि ,अगर पहले वाला जैसा किस होता तो उनकी हालत आधे मे ही ऐसी हो जाती कि अगले दिन तक किसी को अपने होठ दिखाती ती तो सामने वाला ये कहने मे देर नही लगाता कि आपके होंठो को किसी ने बहुत बुरी तरह चूसा है
अब किस तोड़ते हुए
चाची:आज तो मज़ा आ गया ,क्या किस किया है.ऐसा किस तो मेने पूरी जिंदगी मे भी नही किया
मे:हाँ चाची ,बहुत मज़ा आया,पर मुझे जोरदार किस करने मे मज़ा आता है
चाची:मेने कब मना किया ,बस थोड़ा रुक जाओ,जिससे मुझे भी आदत हो जाए,
मे:अच्छा चाची,मुझे एक बात ऑर कहनी थी
चाची:क्या
मे:अगर मना कर दिया या बुरा मान गयी तो मे तो जी भी नही पाउगा,मेने ये मन मे सोचा
चाची :कहो
मे:मेने थोड़ा सोच समझ कर कहा ----- चाची आइ लव यू
ऑर ये कहकर मे चाची के गले लग गया,ऑर इस बार होंठ की जगह चाची की गर्दन पे रख दिए
चाची:के मूह से आह निकल गयी
मे:मेने अब जीब निकल कर चाची की गर्दन की चॅम्डी को चाटना शुरू कर दिया
चाची तो मदहोश हो गयी थी ,मेने अपना एक हाथ चाची की सुडोल गान्ड मे रख दिया ऑर सहलाने लगा
चाची:आह मोहित,रूको मत मोहित
मे:मे समझ गया कि चाची गरम हो चुकी है,अब मेने दोनो हाथ चाची की गान्ड पे रख दिए ऑर अब मे सहलाने की बजाए अब दबाने लग गया,अब मे ज़ोर ज़ोर से चाची की गान्ड दबा रहा था
चाची:आह मोहित,प्लीज़ रुकना मत ऐसे ही करते रहो
चाची अपने कंट्रोल से बाहर जा चुकी थी ,उनकी आँखे बंद हो चुकी थी ऑर एक तरह से मुझे पर्मिशन दे दी थी कि मे कुछ भी कर सकता हूँ
अब मेने एक हाथ चाची की गान्ड से हटा कर चाची के बूब्स पे रख दिया,मे डर रहा था चाची कही मुझे रोक नही दे,पर चाची ने कुछ नही किया,मे एक हाथ से चाची की गान्ड मसल रहा था ऑर एक हाथ से चाची के बूब्स मसल रहा था,मे तो बस चाची के भरे हुए बदन का आनंद ले रहा था,ऐसा पल तो कभी ख़तम ना हो मे बस यही प्रार्थना कर रहा था
अब मेने हिम्मत करके अपना मूह चाची के बूब्स पे रख दिया ऑर सलवार के उपर से ही चूस रहा था ,ऑर एक हाथ मेने चाची के सूट मे घुसा दिया ,चाची ने पैंटी नही पहनी थी,इसलिए मेरा हाथ सीधा चाची की उस सुडोल गान्ड पे पड़ा जिसने मेरी नींद हराम कर रखी थी,अब पूरी ताक़त से चाची की गान्ड दबा रहा था,मेने अपना हाथ चाची की गान्ड की खाई मे घुसने लग गया,उनकी गान्ड इतनी सुडोल थी उनकी गान्ड की दरार के बीच हाथ घुसाने की कॉसिश करी तो यू लगा कि गान्ड मेरे हाथ पे ज़ोर लगा रही है,मेने मन ही मन कहा क्या गान्ड है चाची की ,बिल्कुल गोल मटोल ऑर कसी हुई,चाहे कुछ भी हो जाए ,चाची की गान्ड ज़रूर मारूगा चा हे मुझे जान देनी पड़े या किसी की जान लेनी पड़े
मे चाची की सुडोल गान्ड पे हाथ फेर रहा था,अब मेने अपना हाथ चाची की गान्ड की दरार मे डालना शुरू किया ,उनकी दरार मे हाथ डालना अससन नही था,बड़ी गान्ड होने के कारण ऑर उपर से सुडोल होने के कारण दोनो गान्ड के हिस्से एक दूसरे से जुड़ रहे थे,ओर अब अपने उस रास्ते को ढूँडने लगा,जो मुझे खुशी ऑर प्यार ऑर चाची के शरीर को पाने की इच्छा को पूरा करेगा,मतलब चाची का गुदा मार्ग,मतलब गान्ड का वो छेद जिसे सब लोग अपने शरीर की गंदगी निकालने के लिए काम मे लेते है लेकिन आज कल बहुत लोग इसमे अंदर डालकर खुशी पाते है,ऑर उन लोगो मे एक मैं था जो इस कदर पागल था अपना हथियार इस गान्ड के छेद घुसाने को कि इसके लिए किसी का भी मर्डर कर सकता था,
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