RE: Incest Kahani पहले सिस्टर फिर मम्मी
“मेरे प्यारे, क्या तुम्हें अब भी कोई शक हो रहा है? ओह्ह... माय डार्लिंग सन, जरा अपनी मम्मी की चूचियों को दबाओ और उसके होंठों को चूमो...”
“ओह्ह... ये बहुत ही आश्चर्यजनक बात है, मेरे लिये। मुझे समझ नहीं आ रहा, मैं आपको क्या जवाब दें और कैसे आगे बढ़े.. ओहह... मम्मी, मुझे आपके साथ ये सब करने में बहुत शर्म आ रही है, क्या आप?”
हरामी लड़के, तुम्हें अपनी प्यारी बहना को चोदने में कोई शर्म नहीं आई और तुमने बेशरमी से मुझे सारी कहानी भी सुना दी। अब तुम शर्माने का नाटक कर रहे हो... ओह्ह... बेटे, क्या मैं तुम्हें सुंदर नहीं लगती?”
नहीं मम्मी, तुम ऐसा कभी ना सोचना। तुम बहुत ही सुंदर हो, और कोई भी मेरी उमर का लड़का तुम्हें प्यार करना चाहेगा। मैं हमेशा से सोचता रहता था कि मेरी मम्मी और बहन से ज्यादा खूबसूरत कोई भी नहीं है। दीदी के साथ प्यार करने के बाद, मेरे मन में कई बार यह इच्छा उठी कि मैं तुमसे भी प्यार करूं, पर आज अचानक.."
ओह्ह... बेटे, तुमने जब अपनी बहन को चोदने का पाप कर लिया है, तो फिर अपने आपको इस पाप के लिये भी तैयार कर लो। बेटे, मुझे अपना प्यारा हथियार दिखाओ, जिससे तुम दोपहर में अपनी प्यारी दीदी को चोद रहे थे...”
ओह... माय डार्लिंग मम्मी, मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे अपने ही घर में ऐसा आनंद मिलने वाला है...” कहते हुए, मैंने मम्मी की चूचियों को अपनी दोनों मुठ्ठीयों में भर लिया और उन्हें कस-कसकर दबाने लगा। फिर अपने आपको उसके ऊपर झुका कर, उसके होंठों पर एक जोरदार चुंबन लिया।
मम्मी की चूचियां, मेरी बहन की चूचियों की अपेक्षा में बहुत ज्यादा बड़ी-बड़ी थीं। जहां दीदी की चूचियां मेरे हाथों में पूरी तरह से फिट हो जाती थी, वहीं मम्मी के स्तन थोड़े भारी और बड़े-बड़े थे। मम्मी के पतले गुलाबी होंठों को चूसते हुए, मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में घुसा दी और उसकी चूचियों को कसकर दबाने लगा। मम्मी ने भी मुझे अपने से चिपका लिया और मुझे अपने ऊपर खींचकर, मेरे चूतड़ों को दबाने लगी।
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