RE: Incest Kahani पहले सिस्टर फिर मम्मी
उस रात, जब मैं लौटकर कमरे में आया तो, मैंने देखा कि दीदी शायद गहरी नींद में सोई हुई थी। उसका नाइटगाउन अस्त-व्यस्त हो गया था और उसकी खूबसूरत मांसल जांघे और पैन्टी में ढकी हुई, उसकी चूत दिख रही थी। मैं उसके पास आकर, उसकी जांघों पर हाथ फेरते हुए, उसकी पैन्टी को ध्यान से देखने लगा। उसकी पैन्टी उसकी चूत पर कसी हुई थी और ध्यान से देखने पर, उसकी चूत की फांकें स्पष्ट दिख रही थीं। मेरा दिल कर रहा था कि, मैं हाथ बढ़ाकर उसकी चूत को छू लूं। मैंने उसके चेहरे की ओर एक बार ध्यान से देखा कि हो । सकता है, वो जांघों पर हाथ फेरने से जाग गई हो। मगर दीदी अब भी गहरी नींद में सो रही थी। उसकी चूचियां, जो कि इस समय बहुत उभरी हुई, सीधी तनी हुई दिख रही थी और उसकी सांसों के साथ ऊपर-नीचे हो रही थी। उसके नाइट-गाउन के ऊपर के दो बटन खुले हुए थे। उसकी गोरी मुलायम चूचियों का ऊपरी भाग, फ्लोरोसेन्ट लाइट की रोशनी में चमक रहा था और मुझे अपनी ओर आमंत्रित कर रहा था।
वासना की आग में, मैं अब अंधा हो चुका था। दीदी की उभरी हुई चूचियों को देखाकर, मेरे हाथ बेकाबू होने । लगे। मैं हाथ बढ़ाकर उन्हें हल्के-हल्के दबाने लगा। फिर मैंने धीरे से नाइट-गाउन के सारे बटन खोल दिये और उसकी ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियों को दबाने और चूमने लगा। मुझे अब जरा भी होश नहीं था, ना ही मैं डर रहा था कि दीदी जाग जायेगी।
तभी बहन ने अपनी आँखें खोल दी, तो मैं थोड़ा सा डरा, मगर मैंने अपने हाथों को उसकी चूचियों पर से नहीं हटाया था। दीदी ने अपनी आँखें खोलकर मुझे देखा और मुश्कुराते हुए मेरे सिर के पीछे अपने हाथों को रखकर मेरे होंठों को चूम लिया। मुझे थोड़ा आश्चर्य तो हुआ।
पर तभी सिस्टर ने कहा- “ओह्ह.. भाई, क्या तुम मम्मी-पापा की चुदाई देखकर आ रहे हो...”
दीदी के ऐसे पूछने पर, मैं चौंक गया और मैंने पूछा- “तुम्हें ऐसा क्यों लग रहा है, दीदी?"
वो इसलिये भाई, क्योंकी तुम इतने ज्यादा उत्तेजित पहली बार लग रहे हो। मैं भी इतना ही उत्तेजित हो जाती थी, जब मैं मम्मी-पापा की चुदाई देखकर आती थी...”
ओह्ह... सिस्टर, इसक मतलब है कि, तुमने भी मम्मी और पापा की चुदाई देखी?”
येस ब्रदर, मैंने कई बार मम्मी-पापा का खेल देखा है। और हर बार मैं उतना ही उत्तेजित हो जाती थी, जितना आज तुम महसूस कर रहे हो। मगर मेरे पास बाथरूम में जाकर, उंगली या बैगन से करने के अलावा कोई रास्ता नहीं होता था। पापा जब भी यहां होते हैं, वो दोनों हमेशा आपस में प्यार करते हैं, और खुलकर चुदाई करते हैं। मैंने उन दोनों का खेल बहुत बार देखा है। इसलिये मैं अब तभी देखने जाती हूँ, जब पापा कुछ दिनों की छुट्टी के बाद घर वापस आते हैं। उस समय पापा बहुत भूखे होते हैं और वो और मम्मी दोनों मिलकर बहुत जबरदस्त चुदाई करते हैं...”
ओहह.. दीदी, इसका मतलब बहुत दिनों से मम्मी-पापा की चुदाई देख रही हो। तुम ये भी जानती हो कि, किस दिन सबसे अच्छी चुदाई देखने को मिल सकती है? मगर सिस्टर, उसके बाद तुम बैगन का इस्तमाल क्यों करती हो? क्या तुम्हारे मन में, किसी आदमी के डण्डे का उपयोग करने की इच्छा नहीं हुई?”
भाई, मेरा तो बहुत मन करता था, मगर मेरे पास कोई रास्ता नहीं था। क्योंकी, मेरी सहेली कनिका ने मुझे पहले ही बता दिया था कि, बाहर के लड़कों के साथ बहुत सारे खतरे होते हैं। फिर हमारा गर्ल्स-स्कूल होने के कारण, कोई बोयफ्रेन्ड बनाना बहुत ही मुश्किल हो गया था...”
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