RE: Incest Kahani पहले सिस्टर फिर मम्मी
कुछ ही देर में उनका डण्डा खड़ा हो गया। तुमने डण्डे को चूसना बंद कर दिया और अपने दोनों पैर को फैलाकर पिताजी के ऊपर बैठ गई। उनके इण्डे को अपने हाथों से पकड़कर तुमने उसे अपनी फुद्दी में घुसा लिया और उनके ऊपर उछलने लगी। तुम्हारे दोनों गोरे मुलायम चूतड़ मुझे स्पष्ट दिख रहे थे और उनके बीच का भूरा छिद्र भी अच्छी तरह से नजर आ रहा था। पापा का इण्डा बहुत तेजी के साथ तुम्हारी फुद्दी में अंदर-बाहर हो रहा था
और पीछे से तुम्हारी खूबसूरत चूत में घुसता हुआ पिताजी का डण्डा मुझे दिख रहा था। मैंने ब्लू-फिल्मों के बाद पहली बार ऐसा दृश्य देखा था। मेरे जीवन का यह अदभुत अनुभव था। यह इतना रोमांचित कर देने वाला, और वासना भड़का देने वाला दृश्य था कि मैं बता नहीं सकता। यह सब कुछ देखकर मेरे पैर कांपने लगे थे, और मेरा डण्डा एकदम से खड़ा हो गया था। मेरे लिये बरदाश्त कर पाना संभव नहीं था। एक ओर पिताजी तुम्हारी
खूबसूरत चूचियों को मसल रहे थे और दूसरी तरफ मैं भी अपने लण्ड को मसलने लगा...”
(कहानी सुनाते-सुनाते मैं पूरी तरह से गरम हो चुका था, इसलिये मैंने नंगे शब्दों का इस्तमाल शुरू कर दिया था।)
कुछ ही देर में मेरे लण्ड से पानी निकल गया। पर तुम दोनों काफी जोश में आ चुके थे और एक दूसरे के साथ खुलकर गंदे शब्दों का प्रयोग करते हुए चुदाई कर रहे थे। धीरे-धीरे मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया। कुछ देर के बाद तुम शायद झड़ गई और पिताजी के ऊपर गिर पड़ी, वो भी शायद झड़ चुके थे और हांफ रहे थे। इतना सब कुछ देखकर, मैं अपने खड़े लण्ड को हाथ में पकड़े हुए वापस अपने कमरे में लौट आया...”
ये तो तुमने मेरी कहानी ही मुझे सुना दी। मैंने तुमसे पूछा था कि तुम्हारी बहन और तुम्हारे बीच, कैसे नाजायज संबंध बना? बेटे, मुझे उसके बारे में बताओ, मैं बहुत उत्सुक हूँ..”
ओह... मम्मी, आगे की कहानी बताने में, मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा। मैं थोड़ी शर्म भी महसूस कर रहा
लड़के, तुम बहुत शैतान हो। तुम्हें अपने मम्मी-पापा की चुदाई की कहानी बताने में कोई शर्म नहीं आई, मगर अपनी बहन के साथ की गई बेशर्मी की कहानी सुनाने में तुम्हें शर्म आ रही है। तुम एक दुष्ट पापी लड़के हो...”
नहीं मम्मी, ऐसा नहीं है। चलो, मैं शोर्ट में तुम्हें बता दें कि...”
नहीं, मुझे सारी कहानी विस्तार से बताओ और पूरी तरह से खुलकर बताओ कि कैसे तुमने अपनी बहन के साथ इतना बड़ा पाप किया? तुम्हें जब ऐसा करने में कोई शर्म नहीं आई, तो फिर मुझे उस पाप की कहानी बताने में, क्यों शर्म आ रही है?”
मेरे पास अब कोई रास्ता नहीं था, और मैंने उसे सब कुछ बता दिया।
|