RE: Incest Kahani पहले सिस्टर फिर मम्मी
ओह्ह... मम्मी तुम जाग रही हो... मैं ये नहीं जानता था। मैं टायलेट जा रहा हूँ..”
“ठीक है... जरा रुको, मुझे भी वहीं जाना है...” कहते हुए, वो भी बेड से नीचे उतर गई।
जब वो खड़ी हो गई, तो मैंने उसे पूरी तरह से देखा। उसके बाल बिखरे हुए थे, उसने केवल ब्लाउज़ और पेटीकोट पहन रखा था। उसका गोरा चेहरा थोड़ा फूला हुआ-सा लग रहा था, मगर फिर भी उसकी सुंदरता में कोई कमी नहीं आई थी। वो गजब की जानमारू लग रही थी। जहां मैं खड़ा था, वहां तक आने के लिये उसने कदम बढ़ाये। जब वो चलने लगी तो, उसके कदम डगमगा गये और उसके मुँह से हल्की-हल्की बदबू भी आने लगी। थी। मुझे लग रहा था, शायद मम्मी ने घर में डैडी की शराब में से कुछ पी ली था।
जो भी हो, उसने मेरे नजदिक आकर, अपना हाथ मेरे कंधे पर रख दिया और आगे बढ़ते हुए मुझे अपने से सटा लिया। मैंने भी अपना एक हाथ उसकी कमर में डाल दिया।
मेरे ऐसा करने से मेरे बदन में एक हल्की सिहरन-सी हुई, और इस बात से मैं इनकार नहीं कर सकता था। मगर दोपहर की घटनाओं की रोशनी में, इस समय इस तरह का कोई भी ख्याल, मैं अपने दिमाग से कोसों दूर झटक देना चाहता था। टायलेट की तरफ जाते हुए, मम्मी का बदन मेरे बदन से रगड़ खा रहा था और उसकी एक चूची मेरे चेहरे पर दबाव डाल रही थी। इन सब कारणों से मेरे हाथ एकदम ठण्डे हो गये थे, और कमर से नीचे खिसक कर उसके चूतड़ों पर चला गया था।
टायलेट में पहुँच कर मम्मी ने लाइट ओन कर दी। तेज चमकदार रोशनी में वो बहुत खूबसूरत लग रही थी। गोरा चेहरा, तीखे नाक-नक्श, बिखरे बाल, बड़ी-बड़ी नशे के कारण गुलाबी हुई आँखें और थोड़ा-सा फूला हुआ चेहरा, कुल मिलाकर उसे खूबसूरत ही बना रहे थे। उसकी सांसें बहुत तेज चल रही थीं, जिसके कारण उसकी ब्लाउज़ में कैद चूचियां तेजी से उठ-बैठ रही थीं। उसने मेरी ओर देखा और मुश्कुराते हुए मुझसे पेशाब करने के लिये कहा। मैंने थोड़ा हिचकिचाते हुए मम्मी कि ओर देखा तो, वो मुश्कुराते हुए आगे बढ़ी और मेरे पीछे आकर, मुझे पीछे से अपनी बांहों में भर लिया। फिर मेरे पजामे के नाड़े को खोलकर, उसे नीचे करके, मुझे पेशाब करने के लिये कहा।
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