non veg kahani दोस्त की शादीशुदा बहन
06-06-2019, 01:38 PM,
RE: non veg kahani दोस्त की शादीशुदा बहन
सहेली हड़बड़ा गई। वो संभलकर बोली- “नहीं जी, ऐसी बात नहीं है। आज आपका कुछ ज्यादा ही मोटा और लंबा लग रहा है.”
कामरू- तो घबराती क्यों है? जरा पकड़ ना।
सहेली ने फिर से कामरू के लण्ड को पकड़ लिया। अब उसकी खुद की फुद्दी में चींटियां रेंगने लगी। उसकी भी खुद की इच्छा होने लगी। पर ये लण्ड... बाप रे... बेचारी कमलावती ठीक ही कहती थी... बहुत ही तगड़ा और मोटा लण्ड है ये तो... कमलावती धन्य हो तुम और धन्य है तुम्हारी फुद्दी जो इतने बिशाल लण्ड को भी निगल लेती है, तुम्हारी जगह मैं होती तो मेरी तो सचमुच में फट गई होती।
सहेली कामरू के लण्ड को सहला रही थी। और इधर कामरू सहेली की चूचियों को दबाने लगा तो सहेली बोलीक्या कर रहे जी? मेरी चूचियों को चोदो।
कामरू- अरे ऐसे कैसे बिदक रही है? जैसे मेरी बीवी ना होकर मेरी साली लगती हो। और अपने जीजा से पहली बार चूचियां दबवाते हुए नई घोड़ी की तरह बिदक रही हो। अरे तुम मेरे लण्ड को सहलाओ। मैं तुम्हारी इन चूचियों को दबाता हूँ। तो मेरा जल्दी निकल जाएगा... क्या बोलती है?
सहेली ने सोचा- चलो ये भी ठीक है। उसने लण्ड के साइज को अंधेरे में ही टटोला। सचमुच बिशाल था लण्ड। जैसे कोई गधे का उखाड़ करके फिट करवा लिया हो।
सहेली- अच्छा, एक बात पूंछू जी?
कामरू- पूछो रानी।
सहेली- क्या आपके दोस्त... भादरू भैया का भी इतना ही बड़ा है क्या जितना बड़ा आपका है?
कामरू- क्यों? उस साले भादरू के लण्ड से चुदवाना है क्या? उसपे मन आ गया क्या? चल फिर उसके कमरे में चल.. पर फिर मैं क्या करूँगा? हाँ हाँ मैं उसकी बीवी की चूत में घुसाऊँगा। बोल मजोर है?
सहेली- छीः छीः छीः कैसी गंदी बातें करते हो जी आप भी। मैं तो इसीलिए पूछ रही थी की सबका इतना ही बड़ा होता है क्या? आज तक मैंने आपके अलावा और किसी का नहीं देखा है ना इसीलिए। ज्ञान वर्धन... वो क्या कहते हैं आप... जनरल नालेज के लिए पूछ रही थी।
कामरू- अच्छा... मैं समझा भादरू से चुदवाने का इरादा है, पर उसका लण्ड मेरे जितना बड़ा नहीं है।
सहेली- आपके जितना बड़ा तो हाथी का भी नहीं है।
कामरू- क्या मतलब? हाथी का बड़ा होता है?
सहेली- पर आपके जितना बड़ा नहीं। आप तो छः फूट के हैं जी। और हाथी का भी मेरे खयाल से छः फूट का तो होगा नहीं?
कामरू- अरे वाह रानी। आज तो बड़ी मस्त-मस्त बोल रही है... मेरा लण्ड और टाइट होने लगा है। आज लण्ड को मस्त-मस्त ढंग से सहलाते हुए मूठ भी नये तरीके से मार रही है। बहुत मजा आ रहा है, मेरी रानी।
सहेली- पर.. ये... ये आप क्या कर रहें हैं? मेरे ब्लाउज़ क्यों खोल रहे हैं?
कामरू- वो क्या है कि तुम्हारी चूचियों को सहलाते हुए मूठ मरूंगा तो जल्दी निकल जाएगा और तुम्हारे इन कोमल-कोमल हाथों को ज्यादा तकलीफ नहीं होगी... इसीलिए।
सहेली- “ठीक है जी, दबा लो चूचियां..." और मन में कहा- “मुझे माफ करना कमलावती। मैंने तुम्हें धोखा दिया। और जीजाजी के लण्ड से खेल रही हूँ...”
कामरू- तुम्हारी चूचियां तो रानी, आज कुछ अलग-अलग सी लग रही हैं। एकदम कठोर, बेल के फल जैसी।
सहेली घबरा गई। वो सोची- आज तो पकड़ी ही जाएगी। अगर पकड़ी गई तो क्या होगा? उसकी और उसकी सहेली दोनों की ही इज़्ज़त चली जाएगी। हे भगवान् बचाना। फिर उसने बात को संभाला- “अजी, मेरी तो वही चूचियां हैं सब दिन वाली। क्या इसमें नट बोल्ट लगा रखा है जो बाजार से नया खरीद के फिटिग करवा लूंगी। वैसे तो मैं भी कह सकती हूँ की आज आपका लण्ड सचमुच में थोड़ा और मोटा और बड़ा भी लग रहा है.” सहेली ने लण्ड को सहलाते हुए कहा।
कामरू- वो तो है। पर तुमरी चूचियां आज कुछ अलग सी लग रही हैं।
सहेली- यहाँ पर ठंड बहुत ज्यादा है ना जी इसीलिए मेरी चूचियां ठंड से पथरा गई हैं।
कामरू- हाँ.. ये हो सकता है... तुमरे आने से पहले मेरा लण्ड भी सिकुड़ गया था।
सहेली- पर सैंया जी। अभी तो ये आपकी लुंगी फाड़ने के ऊपर उतारू है।
कामरू- नहीं रानी। ये अभी तुमरी फुद्दी के अंदर घुसने पर उतारू है।
सहेली का मन बेकाबू होने लगा। चूत में चींटियां सी रेंगने लगी। चूत किसी लण्ड को अपने अंदर लेने को कसमसाने लगी, उसकी चूत पनियाने लगी। उसने अपने मन को बहुत समझाया पर मन उसके काबू में ना था। उसे तो बहुत कुछ चाहिए था। पर ये मस्ताना लण्ड... ये मस्ताना लण्ड तो उसकी सहेली कमलावती के पति कामरू जीजाजी का था। उसके ऊपर उसका अधिकार ना था। अगर वो चुदवाती है तो ये उसकी सहेली के साथ धोखा होगा।
पर उसके मन ने कहा- वाह री सहेली... जीजाजी के साथ एक अंधेरे कमरे में उससे लिपट रखी है, उनसे अपनी नंगी चूचियां दबवा रही है, उनके लण्ड को सहला रही है, मूठ भी मार रही है और अभी भाषण देने लगी। ये उचित नहीं हैसहेली, ये अच्छी बात नहीं है। मौका भी है, नजाकत भी है, मस्ताना लण्ड भी है, तेरी तड़फती फुद्दी भी है, कमरे में अंधेरा भी है। ऐसा मौका बार-बार नहीं आएगा सहेली। बार-बार ऐसा मौका नहीं आएगा। शुरू हो जा। पर... ये तो मेरे जीजाजी हैं। अगर उनको पता चल गया तो? तो क्या? तो क्या होगा? थोड़ा सा शर्माने का नाटक करना। इधर तेरी सहेली कमलावती भी तो तेरे कमरे में तेरे पति के साथ एक ही पलंग पे लेट रखी है।
Reply


Messages In This Thread
RE: non veg kahani दोस्त की शादीशुदा बहन - by sexstories - 06-06-2019, 01:38 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,499,753 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 544,204 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,231,098 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 931,160 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,652,829 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,079,871 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,949,867 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,051,340 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,030,395 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 284,723 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)