RE: non veg kahani दोस्त की शादीशुदा बहन
रश्मि- खबरदार... साले, मेरी फुद्दी सूजकर पावरोटी से भी दुगनी फूल गई। है। मैं ये सोच रही हूँ कि अब मेरे पति अगर चोदना चाहेंगे तो उनको कैसे मना करूंगी? मैं चल नहीं पा रही हूँ, और तुम्हें एक राउंड की और पड़ी है। चलो, चुपचाप निकलो।
कामरू- पर आज शाम को?
रश्मि- नहीं, आज नहीं कल। आज तो मैं अपने पति से भी ना चुदवाऊँ।
कामरू- ठीक है भाभीजी, नमस्ते।
रश्मि- नमस्ते... नमस्ते... हम आपको कुछ नहीं समझते। चले जाओ रस्ते-रस्ते। आ जाना कम शाम ढलते-ढलते।
और ठीक आधे घंटा बाद। रश्मि गरम पानी से अपनी चूत को धो रही थी की दरवाजे की घंटी बजी।
रश्मि- अरे, आ रही हैं बाबा.. आ रही हैं। दरवाजे की घंटी है कोई मंदिर का घंटा नहीं की बजाते ही जा रहे हो। अरे बाबा कौन है? साला बजाते ही जा रहा है। अरे... रे... आप?
रमेश- अरे डार्लिंग, कहाँ थी? मैं कितनी देर से घंटी बजा रहा था।
रश्मि - वो... वो मैं बाथरूम में थी।
रमेश- अरे, ये ऐसे कैसे चल रही है?
रश्मि- अरे बाबा, पाइल्स की शिकायत हो गई है।
रमेश- पाइल्स की शिकायत हो गई है? पर डार्लिंग, मैंने तो तेरी गाण्ड में आजतक लण्ड पेला ही नहीं है तो पाइल्स कैसे?
रश्मि- “छीः छीः कैसी बात करते हैं आप? गाण्ड मारने से थोड़े ही पाइल्स होता है। वो तो रात को...”
रमेश- वो रात को? रात को क्या डार्लिंग? मेरी याद में कहीं चूत की जगह गाण्ड में ही तो गाजर मूली नहीं घुसेड़ लिया तूने?
रश्मि- अरे नहीं बाबा, वो रात को सब्जी में थोड़ी सी ज्यादा मिर्च डल गई, इसीलिए सुबह तक... रात को मुँह जल गया और सुबह गाण्ड जल रही है।
रमेश- अच्छा... अच्छा, हाँ... अरे मैं रात को नहीं आऊँगा कहके अपने दोस्त के हाथों खबर किया था, उसने बता दिया था ना?
रश्मि- हाँ हाँ... कामरू भैया आए थे। उन्होंने बता दिया था की तुम रात को नहीं आने वाले हो।।
रमेश और मेरी तनखाह के पाँच हजार रूपए उसके हाथ दे दिए थे, संभाल कर रख दिया था ना तूने?
रश्मि- क्या? क्या?
रश्मि- क्या? क्या-क्या लगा रखी है। मैं कहता हूँ कि पैसा संभाल के गिन के रख दिया था ना तूने?
रश्मि- क्या? वो तनखाह के पाँच हजार रूपए थे? हे राम... मैं ये क्या कर बैठी? पैसे के लालच में पति के दोस्त से चुदवा बैठी?
* * * * *
* * * * *
सासूमाँ- अरी चम्पारानी, खुश कर दिया यार तूने तो... कमाल कर दिया, यारा बिना चुदाई के ही चूत की खुजली मिटा दी तूने तो।।
चम्पा- बैंक यू अम्मा जी।
दीदी- अरे अम्मा जी, अभी रामू भैया क्या कर रहे होंगे?
सासूमाँ- क्या कर रहा होगा? तेरा रामू भाई, जरूर उस साली चू-दाने वाली सुमनलता की चुदाने का मजा ले रहा होगा।
दीदी- क्या बात कर रही हो अम्मा जी? मेरा भाई, मैं मानती हूँ की कल रात भर बस के अंदर मेरी फुद्दी में लण्ड पेलते रहा। सुबह मेरी ननद की चूत में पेल दिया। दोपहर को आप चुदवा बैठी। रात भर हम तीनों को पेल दिया। फिर किचेन में चम्पा रानी की बुर में भी लण्ड पेल दिया। उसके बाद आपके बेटे यानी मेरे पातिदेव ने उनसे गाण्ड भी मरवा ली। पर मेरा भाई इतना भी महा-चुदक्कड़ नहीं है की ऐसी कोई ऐरी गैरी नत्थू खैरी... किसी बूढ़ी सुमनलता के चुदाने का मजा ले।
सासूमाँ- अरे बहूरानी, मैं चू-दाने की बात कर रही हूँ। चुदाने की नहीं।
दीदी- अरी अम्मा, चुदाने की बात कर रही हूँ चुदाने की नहीं का मतलब क्या है आपका? जरा खुलकर समझाइये ताकी मैं ठीक से समझ सकें।
सासूमाँ- अरे साड़ी को कमर तक तो खोल रखा है और कितना खोलू? दिन में भी पूरी की पूरी खोल दें.. नंगी हो जाऊँ पूरी की पूरी... अरे मैं चू-दाने। चू-दाने याने चूनमून दाने की बात कर रही हूँ। पक्की वो सुमनलता को उस चू-दाने में मजा आता है कंपनी की मालेकिन है। उसे चू-दाने खिला रही होंगी। और मेरे रामू बेटे को उसके चुदने में मजा आता होगा।
दीदी- हाँ... अम्माजी। उसे तो हमारे साथ चुदाने में मजा भरपूर आया था। और इस सुमनलता के चू-दाने में भी मजा आता होगा। क्या पता... चू-दाने में मजा लेते-लेते कहीं चुदाने का मजा भी ना लेने लगा हो। मैं फोन लगाती हूँ भैया को।
सासूमाँ- हाँ.. बेटी लगा फोन रामू बेटे को कहीं वो सुमनलता सचमुच में ही कही चुदाने में मजा ना लेने लगे।
दीदी- ये लो, घंटी बजी... हेलो हेलो... अरे चम्पा तू क्यों अपनी उंगली मेरी फुद्दी में हिला रही है। मेरा पानी निकल चुका है। पगली अब हिलाना बंद कर।
चम्पा- वो भाभी, आपने तो हिलाओ... हिलाओ कहा था।
दीदी- अरे मैंने हेलो-हेलो... कहा है, हिलाओ-हिलाओ नहीं। हाँ... अरे रामू भैया कहाँ हो आप?
रामू उधर सुमनलता के घर पे- “अरे दीदी... मैं इधर मेडम के घर आ रखा हूँ। और मेडम के साथ चू-दाने का मजा ले रहा हूँ।
दीदी- अरे, आप वहाँ भी चुदाने में मशगूल हो गये। शर्म नहीं आई आपको। यहाँ हम सबकी चूत में जबरदस्त खुजली मची हुई है। हम सब एक-दूसरे को पहले की चुदाई की कहानी बता-बताकरके चूत में उंगली हिलाहिलाकर टाइम पास कर रहे हैं, और आप... आप भैया, वहां उस सुमनलता मेडम के साथ.. साली बुढ़िया के साथ चुदाने का मजा ले रहे हो?
रामू- “अरे दीदी, क्या गजब कर दिया आपने? हाँ... मैं क्योंकी चुदाने में मजा ले रहा था मोबाइल का लाउडस्पीकर ओन था। हे भगवान्... दीदी, आपने सब कहानी आधे मिनट में ही सुना के खतम कर दिया। दीदी मैं मेडम के साथ उनके कंपनी का बनाया हुआ चू-दाने का मजा ले रहा था। मेडम की चूत में लण्ड घुसाके चुदाने का मजा नहीं ले रहा था। और मेडम बुढ़िया नहीं हैं.. एकदम जवान और खूबसूरत हैं... एकदम मस्त सासूमाँ की तरह, की लण्ड... ओह.. सारी सारी... मेडम...”
दीदी- सारी भैया, मैंने आपका दिल दुखाया। सारी।
रामू- कोई बात नहीं दीदी। पर अब न जाने मेडम क्या सोचेंगी मेरे बारे में। ठीक है रखता हूँ।
दीदी- ठीक है भैया, हम सब खाने पे आपका इंतेजार करेंगे।
रामू- ओके... बाइ बाइ, सी यू देन।
* * * * * * * * * *
|