RE: non veg kahani दोस्त की शादीशुदा बहन
मैं- तो क्या गोरी मेमसाहब को भीख में चुदाई माँगेंगे। मेमसाहब... एक चुदाई दे दे मेमसाहब। एक चुदाई दे दे। खड़े लण्ड के नाम पे दे दे। गीली चूत के नाम पे दे दे मेमसाहब?
कालिया- अरे पहले मेरी बात सुन तो लो।।
सब लोग कान खड़े करके कालिया की ओर देखने लगे।
सब लोग हमें, याने मैं दीनदयाल, कालिया, ढोलू, मोनू सब बीच में थे और सभी कर्मचारी हमें घेरकर खड़े थे।
मैं- यार कालिया, खुल के बता तेरे दिमाग में क्या है?
कालिया- मेरे बताने से पहले मेरी बात ध्यान से सुनो।
सब तरफ पिन ड्रॉप साइलेन्स। जैसे बिल्ली के आने पर चूहों में सन्नाटा छा जाता है। एकदम साँस रोके सब हमारी ओर ही देख रहे थे।
कालिया- देखो भाई, हमारी तनखा इतनी है नहीं की हम उस गोरी मेमसाहब को चोद सकें। और अगर चोद भी लिए 1500 रूपए जुगाड़ करके तो फिर परिवार के भूखे मरने की नौबत आ जाएगी।
मैं- अबे साले, वो सब छोड़? असल मुद्दे पर आ?
कालिया- ठीक है गुरू.. पर जब-जब आप मुझे साला बोलते हैं तो दिल में अजब सी ठंडक पहुँच जाती है गुरू। आप अगर मेरे जीजाजी बन गए तो मेरी बहन के भाग्य ही खुल जाएंगे। मेरी बहन भी आपसे बहुत ही ज्यादा प्यार करती है। बस आपके हाँ कहने की देर है।
मैं- “अबे साले, ओहो... सारी यार...”
कालिया- सारी काहे गुरू, आप मुझे सुबह शाम, घर में, बाहर में सब जगह साला बोल सकते हैं। बल्कि मैं तो सोचता हूँ मैं भी आपको गुरू की जगह जीजाजी कहना चालू कर दें। क्यों साथियों?
सबने ताली बजायी, मुझे मुबारकबाद दी। मैं ऐसे तो कालिया की बहन से मन ही मन प्यार करने लगा था। पर कहने की हिम्मत नहीं कर सकता था। अब जबकी उनकी बहन भी मुझ पर मर मिटी थी तो फिर क्या कहने। यहाँ तो दोनों तरफ है आग बराबर लगी हुई। मैं मुश्कुराया, तो कालिया की बांछे खिल गई।
कालिया- तो गुरू, ओहो... मेरे होने वाली जीजाजी, होने वाले क्या? हो गये समझलो। मैं आज ही घर में ये खुशखबरी सुनाता हूँ।
मैं- अरे यार, वो बात बाद की है। पहले अपन गोरी मेमसाहेब की।
कालिया- जीजाजी, गोरी मेमसाहेब की चूत भी दिलाऊँगा। मेरी बहनसे शादी करने की खुशी में अग्रिम दहेज।
मैं- पर मेरे पास उसे चुदाई के बदले में देने को 1500 रूपये नहीं है।
कालिया धीरे से मेरे कान के पास- “वो सब आप मुझ पर छोड़ दीजिए जीजाजी। पर मेरी बहन को भूल मत जाना..."
मैं- खुश होते हुए, ठीक है सालेसाब।
कालिया- हाँ तो भाइयों, मैं ये कह रहा था की हममें से किसी में ये औकात नहीं, और हिम्मत नहीं। पाकेट में पैसा नहीं की वो गोरी मेमसाहेब को चोद के आ सके। तो मेरे पास एक मस्त आइडिया है सुनो... हम सब गोरी मेमसाहेब की चूत में लण्ड घुसाकर चुदाई करने के लिए चंदा कर लेते हैं।
मैं- “पागल हो गया है क्या कालिया? साले चंदा माँगने जाएगा तो क्या बोलेगा? गोरी मेमसाहेब को चोदना है। चंदा दे दो? खड़े लण्ड का सवाल है बाबा, चंदा दे दो... दमदार चुदाई के नाम चंदा दे दो... रसभरी गोरी फुद्दी के नाम पर चंदा दे दो... गोरी मेमसाहेब की गोरी-गोरी चूचियों, गोरी-गोरी बिना झांट की फुद्दी के नाम पर चंदा दे दो..."
सब लोग ताली बजा-बजाकर हँसने लगे।
मैं- साले, ये तेरा प्लान सूपर-फ्लॉप है। उल्टे लेने के देने पड़ जाएंगे। पब्लिक चंदा तो देगी नहीं उल्टा हमें गाली देगी सो अलग से।
कालिया- अरे, आप मेरी पूरी बात तो सुन लो जीजाजी। बीच में ही अपना खड़ा लण्ड घुसेड़ देते हो। जैसे मेरी बात, बात नहीं हुई, वो गोरी मेमसाहेब की बिना झाँटों की फुद्दी हो गई।
मैं- हँसते हुए, अच्छा साले साब पूरी बात बता दो।
कालिया- देखो भाइयों, हम सब 1500 कर्मचारी हैं। और वो गोरी मेमसाहेब लेती है पूरे 1500 रूपये। तो हम सबके पास किसी एक के लण्ड में ये ताकत नहीं है की वो गोरी मेमसाहेब को चोदने को अपनी अंटी से 1500 रूपए निकलकर गोरी मेमसाहेब को चोदकर अपने परिवार को मुसीबत में डाले। तो मेरे पास एक शानदार आइडिया ये है की हम सब 1500 रूपया तो नहीं पर एक सिर्फ एक रूपया तो चन्दा दे ही सकते हैं।
सभी लोगों ने कहा- हाँ हाँ.. एक रूपया तो हम दे ही सकते हैं, गोरी मेमसाहेब को चोदने को।
तभी गगन बिहारी उठ खड़ा हुआ, बुजुर्ग कर्मचारी थे। सभी उसे खड़ा देखकर चुप हो गये।
गगन बिहारी- भाइयों, कालिया की बातें मैंने सुनी, और अच्छा भी लगा। पर भाइयों हम सब अगर एक-एक रूपया देंगे तो 1500 रूपया ही इकट्ठा होयेगा। और गोरी मेमसाहेब लेती है 1500 रूपए।
कालिया- हाँ... तो? मैं भी वही कह रहा हूँ गगन काका।
गगन बिहारी- अरे बेटा, गोरी मेमसाहेब लेती है 1500 रूपए एक चुदाई के। और चोदने वाले कितने हैं? पूरे 1500... तो भैया मुझे ये समझा की जो तू चंदा के 1500 रूपए इकट्ठे करेगा। तो गोरी मेमसाहेब तो सिर्फ एक से ही चुदवाएगी मेरे बंधु। सभी 1500 से थोड़े ही चुदवाएगी... अगर एक से चुदवाएगी तो बाकी 1499 क्या करेंगे? मूठ मारेंगे?
कालिया- अरे काकाजी... आप भी आ गये बीच में अपना लण्ड घुसेड़ने। उधर काकी की फुद्दी की गर्मी को तो मुझे शांत करनी पड़ती है। गोरी मेमसाहेब चोदने लण्ड पहले ही खड़ा कर दिये, धोती के अंदर। मेरी बात ध्यान से सुनिए सब लोग।
ढोलू- हाँ हाँ... बताइए कालिया भैया। 1500 रूपए में तो वो गोरी मेमसाहेब केवल एक जन से ही चुदवाएगी। तो बाकी 1499? हम क्या मूठ मारेंगे? बोलो बोलो... जवाब दो? ये हमारे खड़े हुए लण्ड का सवाल है... आपको जवाब देना ही होगा। आपको अपने लण्ड के चारों तरफ उगी हुई झांटों की कशम। आपके द्वारा चोदी गई हर चूत की कशम। आपके इन हाथों से दबाई गई हर चूचियों की कशम। आपको जवाब देना ही होगा।
कालिया- अरे कम्बख़्त जवाब दे ही तो रहा हूँ, सुनो... गोरी मेमसाहेब लेगी 1500 रूपया। हम सब जने हैं 1500 तो अगर हम सब जने एक-एक रूपया देंगे तो गोरी मेमसाहेब को चोदने लायक 1500 रूपये हो जाएंगे।
मैं- अबे साले, गोरी मेमसाहेब को चोदने लायक 1500 रूपया तो ठीक कह रहा है पर किसी एक जने के चोदने लायक पैसा। सबके चोदने लायक?
|