RE: Chodan Kahani जवानी की तपिश
मुझे टीचर की कोई बात पल्ले तो नहीं पड़ी, मगर मैंने सिर्फ़ सिर हिलाने में ही भलाई समझी। मेरे सिर हिलाते ही टीचर सोफा से खड़ी हो गई और मुझे सोफा के सेंटर में आकर बैठने को कहा-“तुम यहाँ सोफा के सेंटर पर आ जाओ…”
मैं जल्दी से खिसक कर सोफे के सेंटर पर आ गया। टीचर ने एक बार फ़िर मेरी तरफ देखकर थोड़ा सख़्त लहजे में कहा-“देखो तुमने प्रामिस किया है कि तुम इस सेक्स क्लास के बारे में किसी से बात नहीं करोगे। अगर तुमने किसी से बात की तो मैं तुमसे नाराज हो जाऊँगी, और दूसरा तुम्हारे बाबा को भी जाकर सब कुछ बता दूँगी। फ़िर तुम्हारा जो हश्र होगा वो तुम खुद सोच सकते हो?”
मैं बाबा का सुनकर थोड़ा घबरा गया और जल्दी से बोला-“टीचर मैंने प्रामिस किया हैं मैं किसी से कभी कोई बात नहीं करूँगा…”
मेरा जवाब सुनकर टीचर के चेहरे के भाव फौरन नॉर्मल हो गये। उन्होंने जो अपने चेहरे पर सख्ती मुझे डराने के लिए तरी की हुई थी उसकी जगह एक दिलफरेब मुश्कुराहट ने ले ली। वो पिंक गाउन में मेरे सामने खड़ी हुई थी। मेरी बात सुनकर उन्होंने मुश्कुराते हुए अपनी एक टाँग का घुटना मोड़ते हुए मेरे बायें साइड पर रखा और फ़िर दूसरी टाँग उठाकर उसी तरह मेरी दाईं साइड पर रख दी।
अब वो दोनों घुटनों के बल मेरी दोनों टाँगों को ऊपर से क्रॉस करते हुए ठीक जैसे मेरी गोद में बैठी हुई थी, इस तरह बैठने से उनका पूरा बदन मेरे बिल्कुल करीब आ चुका था। उनके बदन से उठने वाली महक मेरी साँसों में घुल रही थी। उन्होंने अपने चेहरे को मेरे करीब लाते हुए बिल्कुल मेरे चेहरे के फ्रंट पर ले आई और मेरी आँखों में आँखें डालकर देखने लगी और एक बार फ़िर कहा-“तैयार हो डेमो क्लास के लिए?”
टीचर के इस तरह मेरे करीब होने से उनके जिश्म की गर्मी मुझे पर असर अंदाज हो रही थी। मेरा हलाक सूख कर काँटा हो चुका था। मेरे सूखे गले से बड़ी दबी-दबी सी आवाज निकली-“यस टीचर…”
उसके बाद टीचर ने मुश्कुराते हुए अपने होंठों के मेरे होंठों पर रख दिया। ‘अह्ह’ क्या गरम और टेस्टी होंठ थे। मैंने अपने दोनों होंठ आपस में भींचे हुए थे। उन्होंने अपने दोनों होंठों को चुसाइ मशीन की तरह मेरे दोनों होंठों के ऊपर रखकर मेरे होंठों को जोर से अपने होंठों में चूसा, तो मेरे होंठ अलग होकर उनके होंठों में जकड़ गये और अपनी जगह से ऊपर उठकर उनके मुँह में दाखिल हो गये।
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