Chodan Kahani जवानी की तपिश
06-04-2019, 01:07 PM,
#13
RE: Chodan Kahani जवानी की तपिश
मैंने थोड़ा सा दरवाजा खोलकर चाचा से नाइट ड्रेस ले ली। ट्राउजर और शर्ट लेकर मैंने जल्दी से चेंज किया और बाहर निकल आया। बाहर रूम में सारा एक तरफ फर्श पर बैठी थी और उसने खाने की ट्रे सोफा के सामने रखी टेबल पर रखी हुई थी। मुझे आता देखकर वो जल्दी से खड़ी हो गई। सलामू भी एक साइड पर मौजूद था। सारा को देखकर मेरे दिल की धड़कनें एक बार फ़िर तेज हो गई थीं। मगर मैंने खुद पर कंट्रोल करते हुए आगे बढ़कर सोफा पर बैठ गया, जिसके सामने खाने की ट्रे, एक टेबल पर सफेद कपड़े से ढकी हुई थी। सारा ने जल्दी से आगे बढ़कर खाने की ट्रे पर से पाश हटाया तो पूरी ट्रे कई तरह के खानों से भरी हुई थी।



मैं इतना सब कुछ देखकर घबरा गया, और जल्दी से बोला-“यह सब इतना कुछ कौन खाएगा? मुझे तो वैसे भी कुछ अच्छा नहीं लग रहा…”

मेरी बात सुनकर सारा जल्दी से शोख अंदाज में बोली-“कहाँ साईं। यह सब तो मैं अकेले ही खा जाऊँ, और आप तो इतने तगड़े जवान हो, आप नहीं खा पाओगे?”

उसकी बात सुनकर सलामू जल्दी से बोला-“छोरी ज़्यादा जबान मत चला…” फ़िर मेरी तरफ देखकर बोला-“छोटे साईं, आपने जो खाना हो वो खा लें, बाकी यह वापिस ले जाएगी। और इस छोरी की बातों को दिल पर मत लेना, इसे तो ऐसे ही ज़्यादा बोलने की आदत है…”
मैंने सारा की तरफ देखा तो वो सलामू चाचा की डाँट सुनकर मुँह फुलाए एक तरफ खड़ी थी। मैंने शोख नजरों से उसकी तरफ देखा, और खामोशी से खाना खाने लगा।

इसी दौरान चाचा सलामू बोले-“छोटे साईं। आप खाना खाकर आराम करिए, मैं दूसरे मेहमानों का इंतज़ाम देख लूँ । सरकार की तदफीन पर बहुत दूर-दूर से लोग आए हुए हैं…”
मैंने गर्दन हिलाते हुए चाचा सलामू को जाने का इशारा किया, और वो बाहर निकल गया। चाचा सलामू के बाहर निकलते ही सारा जल्दी से मेरे करीब आकर टेबल के पास बैठ गई। मैंने नजरें उठाकर सारा की तरफ देखा। वो बड़ी मासूमियत से मुझे देख रही थी। मुझे अपनी तरफ देखते हुए पाकर उसने कहा-“साईं, आपने अपने दादा साईं की तस्वीर देखी है?”


मैंने हल्के से कहा-“नहीं…”

उसने जल्दी से कहा-“आप बिल्कुल अपने दादा जैसे दिखते हैं। लोग कहते हैं कि वो भी आपकी तरह ही जवानी में ऐसे ही गबरू जवान थे…”

मैंने उसे देखते हुई कहा-“तुमने मेरे दादा की तस्वीर कहाँ देख ली?”

उसने जल्दी से कहा-“बड़ी साईं के रूम में आपके दादा की बहुत बड़ी तस्वीर लगी हुई है…”

मैंने उसका जवाब सुनकर कोई जवाब नहीं दिया और फ़िर से खाने लगा। मैं जानबूझ कर उसकी तरफ से नजरें चुरा रहा था। उसकी गहरी और बड़ी-बड़ी खूबसूरत आँखें मुझे अपनी तरफ खींच रही थीं, और मैं इस वक़्त जबकी मेरे वालिदान को गुजरे हुए दो दिन भी नहीं हुए थे, ऐसा कुछ नहीं करना चाहता था कि जिस पर मुझे अपने आप पर शर्मिंदा होना पड़े।

उसने एक बार फ़िर जल्दी से कहा-“छोटे साईं, अब आप यही रहोगे ना?”

उसकी इस बात पर मैंने एक बार फ़िर नजरें उठाकर उसे देखा। उसकी आँखों में एक हसरत सी महसूस हुई और एक बे-यकीनी का अहसास भी हुआ, कि कहीं मैं यह ना कह दूँ कि मैं यहाँ नहीं रहूँगा।

मैंने उसकी बे-यकीनी को यकीन में बदल दिया। उसपर से नजरें हटाते हुए हल्के से कहा-“नहीं…”

“क्यों, आप यहाँ क्यों नहीं रहेंगे? यह सब कुछ आप ही का तो है, और अब आप इस गढ़ी के वारिस भी तो हैं…” उसके लहजे में एक तड़प सी थी।

मैंने अपना हाथ खाने से रोक लिया। मेरे चेहरे पर उसकी बात सुनकर एक बार फ़िर गुस्से के भाव आ गये थे। मैंने बड़ी मुश्किल से खुद पर कंट्रोल करते हुए, सख़्त आवाज में उसे कहा-“मेरा इस गढ़ी से कोई ताल्लुक नहीं और ना ही मुझे इस तमाम दौलत और जायदाद का कोई शौक है। मैं बाबा के सोयम के बाद एक लम्हा भी यहाँ रुकना पसंद नहीं करूँगा…”

“मगर उनका क्या होगा, जो आपसे बहुत सी उम्मीदें लगाए बैठे हैं?” सारा ने कहा।

मैंने हैरत से सारा की तरफ देखा-“किसका क्या होगा? कौन मुझसे उम्मीदें लगाए बैठा है?”

सारा-आपकी दादी, आपकी दूसरी माँ, आपकी दो बहनें, और इस इलाके के वो तमाम लोग जो आपके बाबा के वफादार थे और अब आपके हैं।

मैं-“मेरा उन लोगों से कोई ताल्लुक नहीं। जिनको मैं नहीं जानता। मेरा रिश्ता इस गाँव के हवाले से सिर्फ़ अपने बाबा के साथ था, जो अब टूट चुका है…” कहकर मैंने उसके चेहरे को देखा तो उसकी बड़ी-बड़ी आँखें पानी से भरी हुई थीं। मुझे देखकर सारा उठ गई और अपने दुपट्टे से अपनी आँखों में आए आँसू को सॉफ किया और जल्दी से एक साइड पर रखे फ्रिज की तरफ बढ़ गई। फ्रिज खोलकर उसने एक पानी की बोतल निकाली और साइड टेबल पर रखा ग्लास उठाकर मेरी तरफ बढ़ी।

मैं खामोशी से उसे यह सब कुछ करते देखता रहा।

फ़िर उसने बोतल खोलकर एक ग्लास पानी का भरा, और मेरे सामने बोतल और ग्लास दोनों रख दिए। फ़िर रुंधी हुई आवाज में बोली-“साईं, आप आराम से खाना खा लें, मैं यह बर्तन सुबह ले जाऊँगी…” यह कहकर वो तेजी से रूम से बाहर निकल गई, और मैं चाहते हुए भी रोक ना पाया।
Reply


Messages In This Thread
RE: Chodan Kahani जवानी की तपिश - by sexstories - 06-04-2019, 01:07 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,499,193 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 544,145 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,230,732 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 930,977 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,652,356 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,079,393 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,949,171 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,049,631 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,029,704 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 284,677 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)