RE: Biwi ki Chudai बीवी के गुलाम आशिक
1 महीने बाद …
मियामी(USA ) के एक पर्सनल बीच हाउस में मैं आराम कर रहा था,सामने समुंदर था और हाथ में वाइन ….
“तुमने ये कब लगा की मोना तुमसे धोखा कर रही है ..”
विक्रम आंखे फाड़े मुझे देख रहा था ,और डॉ चुतिया उसकी बात सुनकर हँस रहे थे ..वो जब से आया था तब से ना जाने कितने प्रश्न करना चाह रहा था लेकिन मैं उसे रोके हुआ था ,अब उसे और रोकना मुश्किल था …
मेरे होठो में भी एक मुस्कान आ गई …
“जब हम उसके ऑफिस के पार्टी में पहली गए थे,वही वो समय था जंहा से मैं उसके ऊपर नजर रखनी शुरू की थी ,उससे पहले भी उसकी कई आदतें मुझे थोड़ी खटकती जरूर थी लेकिन मैं उसे इतनी तो आजादी दे कर रखा था ..मैं सच में उससे बेहद ही प्यार करता था,पहले तो उसकी बाते बस मुझे शरारत ही लगती थी लेकिन उस दिन से मैं थोड़ा ध्यान देने लगा था,क्योकि उससे पहले हमारी कई बात होती थी और वो हमेशा मुझे किसी ऐसे चीज की तरफ धकेल रही थी जिसका नाम cuckold है ,पहले तो ऐसा लगा की मैं ही उसे इसकी ओर धकेल रहा हु लेकिन जब मैंने ध्यान देना शुरू किया तो सब कुछ साफ था …
मैंने जीवन में कभी ऐसी कहानियां और पोर्न नही देखा था लेकिन मेरे कम्प्यूटर में वो साइट खुली मिलती थी ,मुझे पहले लगता था की ये सब पॉपअप के कारण हो रहा है ,लेकिन फिर मोना कही से अचानक आ जाती जब मैं वो पढ़ या देख रहा होता,वो भी थोड़ा इंटरेस्ट दिखाती थी तो मैं भी उधर आकर्षित होने लगा,मुझे तो कभी ये समझ ही नही आया की ये मेरे दिमाग में एक सोची समझी साजिश की तहत डाला जा रहा है..”
विक्रम अब भी कंफ्यूज था ..
“ऐसे कैसे हो सकता है …??”
अब डॉ ने कहना शुरू किया ..
“असल में ये मानव की प्रवित्ति में से एक है की हमारे अंदर ये फीलिंग थोड़ी या ज्यादा मात्रा में होती ही है की जिसे हम अपनी प्रॉपर्टी समझते है हम उसपर अपना ही हक समझते है ,लेकिन उसी समय हमे ये भी लगता है की कोई हमारी प्रॉपर्टी की तारीफ करे ,सोचो अगर तुम्हारे पास एक आलीशान बंगला है तो तुम्हे जो बंगले का सुख मिलेगा वो तो ठीक है लेकिन अगर कोई उसकी तारीफ ही ना करे तो ..???
सोचने वाली बात है की हम उसकी मालकियत भी चाहते है और साथ ही ये भी की कोई उसकी तारीफ करे,तुमने लोगो को अपने कपड़ो का शो ऑफ करते देखा होगा,या फिर अपने घर को घुमाते हुए पाया होगा,हमे लगता है की ये शो ऑफ कर रहा है ,लेकिन क्या ये सच नही है की शो ऑफ वही करता है जिसके पास कुछ दिखाने के लायक हो …
ये तो निर्जीव चीजे है जिसे आप उन चीजों को उनसे छीन नही सकते लेकिन प्यार के मामले में ऐसा नही है ..इसलिए ये थ्योरी इन मामले में थोड़ी फीकी जरूर पड़ जाती है लेकिन फिर भी इससे हमे एक हिंट तो मिल ही जाता है की मनुष्य की प्रवित्ति क्या होती है..
मोना ने इसी का इस्तेमाल अभिषेक के लिए किया,मोना खुद कितनी सुंदर और आकर्षक है ये उसे अच्छे से पता था ,उसे ये भी मालूम था की उसका हुस्न किसी भी कमजोर मर्द को उसका गुलाम बना देगा ,वो दिमाग से चालाक थी और चहरे से मासूम …
यही कारण था की अभिषेक भी उसके प्यार में पागल था,अब मनुष्य की स्वाभाविक प्रकृति का प्रयोग मोना ने करना शुरू किया,अभिषेक सभी पतियों जैसे अपनी पत्नी की सुंदरता को दुसरो को किसी ना किसी रूप में दिखाता था,चाहे वो अपने दोस्तो को जलाने की बात हो या किसी और को ,ये नार्मल चीज थी लेकिन मोना चाहती थी की वो थोड़े और दूसरे लेबल में जाए,उसने अभिषेक के कम्प्यूटर और मोबाइल में उन सब साइट्स के लिंक्स को पॉपअप की तरह डाऊनलोड किया ,उसे बस थोड़ी मेहनत करनी पड़ी क्योकि अभिषेक की नजर जब उनमे गई तो उसका दिमाग उसके आकर्षण से मुक्त नही हो पाया ..
अब हाल ही में इसपर कई रिसर्च किये गए जिनमे पाया गया की पत्नी को adultres (शादी शुदा महिला जो पति को धोखा देती है ) के रूप में देखना कामन सी बात है,पुरुषों में ये प्रवित्ति आदि काल से है लेकिन फिर भी वो इसके बारे में सोचना तक ही पसंद करते है ,ना की रियल लाइफ में ये चाहते है ...तो अभिषेक के दिमाग में ये चीज आयी और वो इससे जुड़े कंटेंट्स को नेट में पड़ने लगा,और साथ ही अपने सेक्स लाइफ को और भी बेहतर बनाने के लिए मजाक में ही मोना से इसका जिक्र करने लगा,मोना ने वही किया जो एक सुशील पत्नी करती यानी की अभिषेक को उसके इस फेंटेसी के लिए झिड़का,अभिषेक को लगा की उसकी पत्नी बहुत ही अच्छी है और इसे थोड़ा और बोल्ड किया जाए जिससे उसके अंतरंग जीवन में बहार आ जाए ...लेकिन बेचारे को क्या पता था की ये सब कुछ तो मोना ही करवा रही है ,अनजाने में ही वो मोना से कुछ ऐसी बाते बोल गया जिससे वो खुद ही फसने लगा,मोना बड़े ही जतन से उसे फंसा रही थी लेकिन ...वो भूल गई की अभिषेक एक जासूस है कोई आम मर्द नही वही उसने कुछ ऐसी गलतियां कर दी जिससे अभिषेक को उसकी नियत पर शक हो गया …”
डॉ के बोलने के बाद विक्रम मुझे घूरने लगा,मेरे होठो में एक फीकी मुस्कान थी ..
“लेकिन उसने ऐसा क्यो किया होगा ,आखिर उसे क्या जरूरत थी इन सबकी ???”
मैंने एक गहरी सांस ली …
“मेरे दिमाग में भी पहला सवाल यही आया था ...जब मैंने मोना के अचानक ही बदलते रूप को देखा ...मुझे वो पार्टी याद है जब उसके कलीग्स उसके ऊपर कमेंट्स कर रहे थे,(अपडेट-2 ),उसके बाद उसने मुझे अपने उन सभी लड़को से मिलवाया था साथ ही राज से ,उसने ऐसे मिलवाया जैसे की राज से उसका कोई खास नाता नही हो ,लेकिन उससे कुछ दिन पहले ही मैं एक क्लब में गया था जंहा मैंने मोना को राज के साथ देखा था…
मेरे दिमाग की घंटी बजनी शुरू तो हो गई थी लेकिन फिर भी मैंने अपने उस सबक को याद किया जो मेरे पुलिस के बड़े अधिकारी जो खुद भी एक बेहद ही अच्छे इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर थे उन्होंने दिया था..उन्होंने कहा था की जब तक पुख्ते सबूत इकट्ठा ना हो जाए तब तक किसी को दोषी मत मानो ,चाहे तुम्हे पता ही क्यो ना हो की वो दोषी है…
मेंने इस नॉकरी में जो चीज सीखी थी वो ये थी की चाहे दुश्मन का पता भी चल जाए फिर भी चुप चाप सही मौके और तरीके का इंतजार करो ,ताकि एक ही वार में काम हो जाए और दुश्मन को कोई मौका ही ना मिले..
वही मैंने भी किया,मैंने ना सिर्फ इंतजार किया बल्कि मोना को ये ही लगने दिया की वो जीत रही है …
तो ….मुझे ये तो पता चल गया था की मोना मुझसे कुछ छिपा जरूर रही है,और अगर वो मेरे दिमाग में ये सब डाल रही थी तो क्यो...मैं इसकी खोजबीन के लिए उसके शहर गया,लेकिन जाते जाते मैंने घर में कई माइक्रोफोन लगा दिए जो की किसी डिवाइस के पकड़ में ना आये,ये मैंने बहुत सोच समझकर नही किया था बल्कि इसलिए ही किया था क्योकि मेरे पास दूसरे और नही थे इन्हें मैंने एक खास मिशन के लिए मंगवाया था ,
मोना के शहर और उसके कॉलेज के दिनों का पता करने पर मुझे रोहित और डॉली के बारे में पता चला,ये भी की कैसे मोना ने रोहित को अपने काबू में कर रखा था,उतना ही नही असल में उसे पवार की एक अजीब भूख रही जो ऐसे तो सबमे होती ही है लेकिन मोना ने अपने कालेज के समय में भी कई कारनामे किये थे,मुझे पता चला की वँहा ही उसका एक बड़े अंडरवर्ड डॉन के बेटे से भी नाता था ….”
“अब्दुल ???”
विक्रम बोल उठा ..और मैं मुस्कुराने लगा ..
“हा अब्दुल ...मैंने अपने तरीके से उसके बारे में पता किया तब मुझे सब कुछ सही से समझ आने लगा,अब्दुल पुराने डॉन असलम का बेटा है जो अपनी सारी ताकत खो चुका था,लेकिन संयोग था की अब्दुल अब हमारे शहर पर राज करने की ख्वाहिश लेकर आ चुका था ,और जो केस मेरे हाथ में आय था (बंसल वाला केस) वो उसे फिर से पावरफुल बना सकता था ,अब्दुल ने अपने पुराने प्यार मोना से संपर्क किया (बीवी का आशिक नम्बर-1) तब उसे पता चला की उसका पति कोई और नही बल्कि मैं हु ,तब कुछ केस को लेकर मेरी थोड़ी ख्याति थी ,अब्दुल को शहर के साथ साथ अपनी पुरानी आइटम को पाने की चाहत जागी,मोना और अब्दुल ने अपने कमीने दिमाग से एक अजीब सी साजिश रचने की सोची ...मुझे cuckold में धकेलने की ,ताकि दोनो मजे भी कर सके और साथ ही मैं भी उनके काबू में रहु...अब्दुल ने दुबई वाले डील की प्लानिंग उसी समय कर ली थी ,लेकिन उसके सामने एक बड़ा खतरा था बंसल जो की उस समय वँहा का डॉन था,और मंन्त्री भी …
जब मुझे ये सब पता चला तो एक बार के लिए मेरा दिल तो टूट ही गया लेकिन फिरभी मैं ठहरा अड़ियल पुलिस वाला,इतनी जल्दी और बिना कोई सजा दिए मैं भी कैसे मान सकता था,मैं उस समय भी कुछ कर सकता था लेकिन मैंने इंतजार करने की सोची और वापस आ गया…
उसके बाद ही अब्दुल ने मुझे अपने हवेली में बुलाया (अपडेट-5) ,कुछ तो मुझे पहले से पता था और कुछ मेरा उस समय का दिमाग,इन दोनो का मिलान से अब्दुल चौका,बुरी तरह से चौका,उसने तो सोचा भी नही होगा की मैं इतना चालाक निकल जाऊंगा,हालांकि उसे ये पता नही था की मैं उसके बारे में किसी अलग सोर्स से पता लगा कर आया हु,उसे तो लगा की मैं इतने दिमाग वाला हु,उसे अपना प्लान फेल होता दिखाई दिया लेकिन फिर भी उसे उम्मीद की एक किरण भी दिखाई दी ,बंसल को पकड़वाने की उम्मीद,मैंने ही उसे समझाया की वो बंसल का गुलाम बन जाए और उसका साया बनकर मेरी मदद करे,मोना को थोड़ी छूट देना भी मेरे लिए इसी लिए जरूरी था ताकि वो मेरे नजरो के सामने ही रहे ,इसीबीच एक और चीज हुई ,बंसल का केस चल ही रहा था और मोना ने घर में कैमरे लगा दिए ,.शायद अब्दुल के कहने पर .”
“एक मिनट रुक तूने भी तो घर में माइक्रोफोन लगाए थे ना “
“ओह हा जब मैं मोना के शहर गया था उसके बारे में पता करने,दो रात मैं वँहा रहा था और दोनो ही रात मैंने मोना और राज के सेक्स की आवाजे सुनी …”
मैं इतना बोलकर ही चुप हो गया था,मेरे आंखों से अभी भी चिंगारियां निकल रही थी ...सभी थोड़ी देर के लिए शांत हो गए थे …
विक्रम एक पैक बनाकर मेरी ओर देता है …
“तूने सही किया दोस्त मुझे तो लगा था की तू लालची निकला जो पूरे हीरे लेकर ..लेकिन …”
“अरे ये विक्रम तू बात को यंहा से वँहा मत ले जा लाइन से सुनने दे “डॉ की बात से विक्रम फिर से मुझे देखने लगा …
“मोना के राज(बीवी का आशिक -2) से संबंध थे ये मुझे उन माइक्रोफोन से ही पता लगा ,और ये भी मोना ने घर में कैमरे लगवाए ताकि मेरे ऊपर नजर रखी जा सके,वाह रे मेरी बीवी जिस गेम का मैं खुद को चेम्पियन मानता था वो उसमे मुझे ही हराना चाहती थी ,असल में उस समय मुझे ठीक से समझ नही आया की उसने कैमरे क्यो लगाए थे,अब समझ आता है,,अब्दुल और वो मिलकर दुबई वाले डील की प्लानिंग उसी समय से करने में लगे थे,तब मुझे इस डील की भनक भी नही लगी थी ..”
“वो डील छोड़ यार तू बंसल में आया था ..”
विक्रम बोल उठा उसने अपना पैक फिर से गटक लिया था…
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