RE: Biwi ki Chudai बीवी के गुलाम आशिक
शादी को बस दो ही दिन बचे थे,साथ ही डील को भी,हर गतिविधियों पर एक साथ नजर रखी जा रही थी ,रात भी मैं घर नही गया था लेकिन कही किसी गतिविधियों का पता नही चला था,दोपहर हो चुका था जो की मीटिंग का समय था ,
लोग फिर से अब्दुल के फार्महाउस में आने लगे थे कोई 3 लोगो की आवाज आ रही थी लेकिन अभी अब्दुल और मोना नही आये थे …
थोड़ी देर बाद ही दोनो भी आ गए ..
‘काम में दो ही दिन बचे है और ये इमरजेंसी मीटिंग किसलिए ..?’
एक आदमी चिल्लाया ..
‘शांत हो जाओ माल का आखिरी ट्रक भी आ चुका है,..’
‘ये हमे पता है ये बताने के लिए बुलाया है ..’
‘नही बल्कि ये बताने के लिए की अब डील परसो नही बल्कि उसके एक दिन बाद होगी..’मोना की आवाज आयी
‘वाट ..’वँहा बैठे सभी तीनो लोग एक साथ ही चिल्लाए
‘पागल हो गए हो क्या क्लाइंट दूसरे शहर से नही देश के बाहर से आ रहा है अगर कुछ गड़बड़ हो गई तो ...और वो डील भी कैंसल कर सकते है ..’
‘उनसे हम बात कर लेंगे ..’मोना फिर से बोली
‘चुप कर छिनाल ये तेरा ही आईडिया होगा ..’
ये आवाज ठाकुर की थी
‘ठाकुर ..तमीज से बात कर ..’अब्दुल भड़क गया था ..
‘देखो उस दिन मंन्त्री के बेटी की शादी है तुम सब को बताने की जरूरत नही की किसी ने उसी शादी में मंन्त्री को मारने की भी धमकी दे रखी है ,और तुम DSP अभिषेक और इंस्पेक्टर विक्रम को अच्छे से जानते हो वो बाल की खाल खिंचने वालो में से है..सारे नाकों पर पुलिस होगी ,हो सकता है की समुद्र के किनारों में भी गस्त की जाए ...खतरा ज्यादा रहेगा ..’
मोना ने सबको समझाया ..
‘लेकिन तुमने ही तो कहा था की वही दिन ठीक है और समुद्र कौन सा शहर के पास है ..’
‘हा मैंने कहा था लेकिन उस समय किसी को जान से मारने की कोई भी धमकी नही दी गई थी ..और ऐसे भी एक खुशखबरी भी है की शादी की रात को ही अभिषेक स्विटीजरलैंड जाने वाला है ,तो काम और भी आसान हो जाएगा ‘
मोना की बात सुनकर सभी तो चुप हो गए लेकिन मेरे माथे पर पसीना आ गया लगा की सारे किये कराए पर पानी फिर गया..
‘वो अकेला जाएगा ..या तू भी ‘ठाकुर ने फिर से कहा
‘ये क्यो जाएगी ??’
किसी दूसरे व्यक्ति ने पूछ लिया
‘क्योकि ये उसकी बीवी है ..’
‘क्या??’बाकी के दोनो लोग ऐसे चौके जैसे भूत देख लिया हो,मैं इस समय अब्दुल और मोना का चहरा तो नही देख पा रहा था लेकिन मुझे मालूम था की ठाकुर की इस बात से वो जरूर गुस्सा हुए होंगे,सालो ने मेरी इज्जत सरे बाजार उछालने की कसम खा ली थी..
‘हा मैं भी जाऊंगी और ऐसे भी इस काम में मेरा क्या काम है,तुम तो हमेशा से यही चाहते थे की मैं इस डील में ना रहू ..’
मोना का स्वर ठंडा था..
‘ह्म्म्म तो ठीक है शादी के एक दिन के बाद ही डील होगी लेकिन अगर क्लाइंट नही माने तो ये तुम्हारी जिम्मेदारी ..’
‘हमने उनसे बात कर ली थी ,वो मान गए है बस तुम लोग अपनी तैयारी रखना ..’
अब्दुल इतना बोलकर शायद वँहा से निकल गया …….
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दिमाग की बत्ती जब गुल हो जाती है और शराब भी कोई सहारा ना दे तो क्या किया जाए,
इस एक डील की वजह से मैंने कई रिस्क लिए थे ,कई जगह गैर कानूनी काम भी कर रखे थे,कई सेटिंग्स किये थे,सब कुछ एक ही झटके में कैसे बदल जाने दे सकता था…..
अंत में जब कुछ समझ नही आया तो मैं घर को निकल गया,मुझे सोचने के लिए थोड़ा आराम भी चाहिए था…
मैं फ्रेश होकर ध्यान करने बैठ गया शायद जब कुछ समझ ना आये तो सब कुछ छोड़कर अपने अंदर झांकना चाहिए,कई रास्ते दिखाई देने लगते है ……
मेरे दिमाग में कई सवाल घूमने लगे ,कई विचार मेरे सामने लेकिन मैंने किसी भी विचार को नही पकड़ा,मैंने पहले भी मेडिटेशन की प्रैक्टिस की हुई थी मुझे पता था की दिमाग को शांत कैसे किया जाय,विचार आते है और चले जाते है ,मुझे बस दृष्टा होकर बैठना था और मैं बैठा था,मन के अंदर की कोलाहल और भी ज्यादा बढ़ने लगी यही समय था जब मुझे शांति से सब कुछ देखना था,फिर अचानक एक पल आया और सभी कुछ खत्म ….
मन शांति की एक अलग ही आनन्द को महसूस करने लगा,आधे घण्टे हो चुके थे फिर से विचार आने शुरू हुए लेकिन इस बार सभी बेहद ही सलीके से थे कोई कौतूहल नही हो रहा था,इसीलिए ध्यान में बैठने का समय कम से कम एक घंटा होना चाहिए आधे घंटे तो बस स्थिर होने में ही लग जाते है ,जैसे जैसे समय बढ़ता गया शांति में फिर से हलचल हुई इस बार मेरे मन के सामने सभी कुछ आ चुका था अब बस वो आश थी जिसमे मुझे कोई ऐसा हिंट मिल जाए जिससे मेरा काम बन जाए ,मैं बस देख रहा था देख रहा था…
मन की थकान इतनी थी की मन जैसे ही ज्यादा शांत होने लगा मैं कही खो गया और फिर नींद के आगोश में चला गया…..
दरवाजा खुलने के आभास से मेरी तंद्रा टूटी मैं फिर से अकड़ कर बैठ गया पता नही कितने समय तक मैं सोया हुआ था,..
मोना के मेरे कमरे में आने का आभास हुआ,हम दोनो में ये करार था की अगर मैं ध्यान में बैठा हु तो मुझे डिस्टर्ब ना किया जाए …
कुछ देर मैं मोना की गतिविधियों के बारे में ही सोचता रहा ,मन जब शांत हो तो आप एक ही चीज को कई तरीके से सोचने और समझने की योग्यता पा लेते है,मेरे सामने कुछ तथ्य ऐसे आये जिसे मैंने अभी तक सोचा ही नही था और साथ ही आया मेरे होठो में एक मुस्कान ,मुझे अपने सवाल का हल मिल चुका था……
मैं उठा और सीधे मोना को जकड़ लिया उसके गाल पर एक पप्पी दे दी ..
वो अपने कपड़े निकाल कर अपनी नाइटी पहन चुकी थी ,वो हल्के से हँसी ..
“लगता है काम का बहुत प्रेशर है ,आज कितने दिनों बाद तुम्हे ध्यान करते देख रही हु ..”
“हा जान पता नही कौन ऐसा चुतिया है जो मंन्त्री जी को मारने का प्लान कर रहा है ,सभी अधिकारी मेरे ही पीछे पड़े रहते है हर समय साला परेशान कर रखा है लोगो ने,बस ये शादी अच्छे से हो जाए फिर हम दोनो फुर्र हो जायेगे,सीधे स्विटीजरलैंड..
उसके होठो में मुस्कान तो थी लेकिन ऐसा लगा की कुछ जानने की कोशिस कर रही है …
“क्या हुआ ऐसे क्यो देख रही हो ..”
“कुछ नही सुबह 3 बजे की फ्लाइट है ,रात भर शादी में बिजी रहेंगे ,एक दिन अगर ये फ़्लाइट पास्पोण्ड हो जाती तो ठीक रहता ना थोड़ा आराम भी कर लेते..”
मैंने गहरी सांस ली ,
“यार अब ये तो नही हो सकता जाना तो उसी दिन पड़ेगा,चलो कोई नही रात फ्लाइट में ही सो जाएंगे और क्या ..ऐसे भी उसके बाद तो आराम ही आराम है 15 दिन का पूरा पैकेज दिया है मंन्त्री जी ने …”
मोना के चहरे में आश्वस्त होने का भाव आया,लगा जैसे वो ये जानना चाहती थी की हम उसी दिन जा रहे है की नही …
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