RE: Biwi ki Chudai बीवी के गुलाम आशिक
मैंने उसे कोई जवाब नही दिया बस उसके साड़ी को खोलने लगा ,उसकी कमर में मुझे एक खरोच के निशान दिखे मेरी नजर वहां अटक गई थी ..
“क्या देख रहे हो ये मेरे प्रेमी ने मुझे दिया है ,साला कितने जोरो से पकड़ता है ..”
मैं और भी मचल गया और बुरी तरह से उत्तेजित होकर उसके ऊपर टूट पड़ा,उसके होठो में एक विजयी मुस्कान आ गई थी जो मुझसे नही छुप पाई थी ,मैं भी जानता था की उसकी मुस्कान कितनी सार्थक थी असल में उसका पलड़ा मुझसे हमेशा से ही भारी रहा था ,और आज उसे अपने असली जीत का अहसास हो रहा होगा...और मैं उसे यही अहसास दिलाना चाहता था ..
मैं और भी जोरो से उसके ऊपर टूटा,दोनो ही नंगे होकर सेक्स के खेल में जुट गए थे..
“आह आह मेरी जान अब्दुल जोर से करो ना ..”
मैं किसी पिस्टल की तरह उसे पेल रहा था ..
“मादरचोद रंडी ये ले ..”मैं और भी जोरो से उसे पेलने लगा उसके होठो की मुस्कान और भी बढ़ गई ..
“आह रोहित मेरी जान ..आह राज ..शर्मा जी ….”
वो मुझे उत्तेजित करने के लिए अपने हर आशिक का नाम ले रही थी …
“सभी तुझे मिल कर चोडेंगे साली रंडी ..”मैं जोरो से पेल रहा था ..
“हा सभी एक साथ एक साथ ..आह मेरी जान आह चोदो ना इंस्पेक्टर साहब ...विक्रांत ..”
मैं चौका और उसे देखने लगा ...वो रंडिपन की हद सी मुस्कुराई ..
“ये नया आशिक है मेरा आप अपना काम चालू रखो ना “
उसकी वो मुस्कान मुझे जलाने के हद से ज्यादा ही थी मैंने जोरो से उसके गाल पर थप्पड़ मारा लेकिन वो फि भी मुस्कुरा रही थी ..
“अब अपनी रंडी बीवी का रंडिपन देखो मेरी जान ..”
उसने हंसते हुए कहा और खिलखिलाने लगी,मैं उसके गालो को जोरो से दबा दिया और जोरो से उसे पेलने लगा,,,
वो भी मस्त थी और मैं भी जलन की हद में अपना गुस्सा निकाल रहा था लेकिन मोना को इसमें बेहद ही मजा आ रहा था,मैं उसके ऊपर पूरी तरह से छा गया था ऐसा सेक्स हमने अपने पूरे जीवन में कभी नही क्या था शायद यही वो मजा था जिसके कारण लोग जलना भी पसंद कर लेते है ...मैंने अपनी पूरी ताकत लगा दिया और अपना लावा पूरा उसके अंदर उड़ेल दिया….
सांसे जब थोड़ी सामान्य हुई हमारे होठ मिल गए ….
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“नही साहब वो तो कल रात अपने हवेली में ही था …”
मेरा खबरी कह रहा था..
“सच कह रहा है कही निकला नही .”
“नही साहब कल तो कुछ लोगो के साथ ही था,कोई बाहर से आये थे “
“और उसकी गाड़ी लेकर कौन गया था ..”
“कौन सी कई गाड़िया है उसके पास तो …”
“वो सफेद रंग की मर्सडीज नंबर ****** “
“वो कल रात को यंहा नही थी,शायद ड्राइवर उसे लेके किसी काम से ले गया हो …”
“ड्राइवर से पता करके बता की किस काम से गया था और कहा गया था ..”
“ओके साहब ..”
मैं सोच में पड़ गया था की अगर अब्दुल अपने हवेली में मीटिंग में था और वही रहा तो रात में मोना के साथ गोदाम में कौन था ...गाड़ी तो अब्दुल की ही थी ,शायद ड्राइवर ही कुछ बता पाए …
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