RE: Biwi ki Chudai बीवी के गुलाम आशिक
सगाई जोरो से चल रही थी ,मोना असामान्य रूप से नार्मल दिख रही थी ना सिर्फ नार्मल असल में वो खुस भी थी,सारा वक्त वो डॉली और रोहित के साथ ही रही ,असल में ये डॉली के लिए भी हजम होने वाली बात नही थी लेकिन मुझे पता था की मेरी बीवी जितनी भोली लगती है उससे कही ज्यादा शातिर है,मेरे कमरे में लगाए हुए कैमरों को खोज कर उसने बहुत कुछ साबित कर दिया था,गृहमंत्री जी मेहमान की तरह ही आये ताकि सारी दुनिया के नजरो से उनका और डॉली का रिश्ता बचा हुआ रहे ,
डॉ चुतिया भी वही मिले ..
“तुम्हारी चाल काम कर गई अभी..”
उनकी वही कर्कश सी मीठी आवाज मेरे कानो में पड़ी ..
“कौन सी चाल ..”
उन्होंने जवाब नही दिया बल्कि स्टेज में खड़े मोना ,डॉली और रोहित को देखते हुए बोले..
“मोना बड़ी खुस लग रही है ..”
“आप कहना क्या चाह रहे हो ..”
उनकी परखी नजरो ने मुझे घूरा..थोड़ी देर के लिए पूरे शरीर में एक सनसनी सी फैल गई,कही सच में उन्हें मेरी चाल का पता तो नही चल गया..
“अंडरवर्ड में मेरे कुछ कनेक्शन्स है ..”
मैं आंखे फाड़े उन्हें देख रहा था..
“कही तुम्हारी नजर उस माल पर तो नही जो दुबई से आ और जा रहा है ..”
अब मेरा गाला सूखने लगा था ..
“आपको क्यो लगता है की रोहित को समझाने का कनेक्शन दुबई के माल से है ..”
उनके होठो में एक अर्थपूर्ण मुस्कान आ गई जिससे मुझे समझ आ गया की मुझसे ये प्रश्न करके एक गलती हो गई है ..
“यानी तुम्हे पता है की दुबई से क्या आ रहा है और बदले में क्या भेजा जा रहा है ..”
“पुलिस वाला हु वो भी क्राइम ब्रांच का ,इतने तो मेरे भी खबरी है अंडरवर्ड में ..”
उनके होठो में एक मुस्कान आ गई
“तब भी तुमने हेडऑफिस को इसकी कोई सूचना नही दी है..क्यो..?”
मैं हड़बड़ाया ..
“क्योकि मैं अभी मंत्री जी की ड्यूटी पर हु ..”
“तुम तो मंत्री जी की ड्यूटी के बहाने अपना भी काम करने में तुले हो,एक तीर से कितने निशाने मारने का इरादा है तुम्हारा ..आखिर करना क्या चाहते हो तुम..?”
मैं चुप ही रहा मेरी आंखों में एक शैतान सा उतर आया था,मेरी मुस्कान शैतानी हो चुकी थी , जिसे डॉ ने भांप लिया था ..
“देखो अभी तुम क्या चाहते हो ये तो मुझे थोड़ा थोड़ा समझ में आने लगा है लेकिन याद रखो की माल आएगा वो थो ठीक है लेकिन जाना नही चाहिए…”
इस बार डॉ की आंखे भी जल रही थी,मैंने सहमति में सर हिलाया ..
“आप चिंता ना करे मैं इतना भी कमीना नही हु ..”
डॉ के होठो में एक मुस्कान आ गई
“लेकिन ये तो सच है की तुम कमीने तो हो ..”
हम दोनो ही हल्के से हँस पड़े …
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चटाक …
इंस्पेक्टर विक्रम के गालो पर एक जोरदार थप्पड़ पड़ा था की वो गिरते हुए बचा ..
“साली इंस्पेक्टर को मारती है जानती है मैं कौन हु …”
वो भड़का …
“साले जानता है मैं कौन हु ..”लड़की की आवाज से वो थोड़ा सा सहम गया था,वो उस इलाके का नया इंचार्ज था जो अभी अभी बदली लेकर आया था,वो आंखे फाड़े हुए लड़की को देख रहा था…
“मैं DSP क्राइम अभिषेक की पत्नी हु …”मोना ने गर्व से कहा ,विक्रम का गाला ही सुख गया..
उसने पास खड़े हुए कांस्टेबल की ओर देखा ..
“सर मैं तो बताने ही वाला था लेकिन अपने बोलने ही नही दिया ..”
“माफी मेडम “वो हाथ जोड़कर खड़ा हो गया था ...
“लेकिन इसके साथ ये तो शातिर मुजरिम है इसकी फोटो तो मैंने थाने में देखी थी ..आप इसके साथ वो भी यंहा वीरान जगह पर ????”
“मैं कही भी किसी के साथ भी घुमू तुझे क्या साले ..”मोना का चहरा गुस्से से तमतमा गया था ,विक्रम थोड़ा सहम गया..
“और तुम्हारी फ़ोटो वँहा किसने टांग दी ..”मोना ने अब्दुल की ओर देखा ..
अब्दुल ने मुस्कुरा कर कांस्टेबल को देखा ,उसने ना में सर हिलाया ..
“वो सर ने ही एक केस की फाइल से निकाल कर लगा दिया था ..”कांस्टेबल डरा हुआ बोला ..
“नया है गलती हो जाती है ,इसे लेकर खान बाड़ी आ जाना,अब इसे भी तो पता चले की ये जिसके सामने खड़ा है वो यंहा के अंडरवर्ड का बेताज बादशाह है …”अब्दुल ने गुरुर के साथ कहा अब उसके आवाज में नए नए अपराधी वाली बात नही थी जो उसके यंहा आने के समय हुआ करती थी अब वो सच में किसी बादशाह की तरह व्यवहार कर रहा था…
विक्रम और भी बुरी तरह से डर गया..हुआ ये था की मोना और अब्दुल शहर से दूर एक पुरानी गाड़ियों के गोदाम के में थे,अब्दुल मोना को गाड़िया दिखा रहा था ,ऐसे तो उस गोदाम में 20 से ज्यादा लोग काम करते थे लेकिन वो चलते हुए अंदर आ गए थे,विक्रम पेट्रोलिंग में निकला था और उस जगह एक महंगी गाड़ी देख कर रुक गया था,अदंर जाते ही उसने तलाशी और जानकारी लेनी शुरू कर दी ,वँहा से कर्मचारियों ने उसे पूरी इन्फॉर्मेशन दे दी लेकिन वो फिर भी अंदर घूमने लगा,उसे एक जवान और हसीन लड़की साड़ी ने दिखाई दी हँस हँस कर एक लंबे चौड़े मर्द से बात कर रही थी ,उसे विक्रम ने पहचान लिया था ये तो वही केस वाला सस्पेक्ट था,उसने अपना पुलिसिया रुतबा दिखाने की सोची और जाकर उनसे कह पड़ा की साले इस रंडी के साथ यंहा क्या कर रहा है...और मोना के घूमते हुए हाथ ने उसका गाल लाल कर दिया,उसने सोचा था की पुलिस वर्दी देखकर दोनो ही डर जाएंगे जैसा की वो पहले भी कर चुका था लेकिन उसे नही पता था की वो किससे पंगा ले रहा था...
‘माफ कर दीजिए सर ,मैं आज ही आया हु ..”
“लगता है बहुत ईमानदार कर्मठ हो जो आते ही फाइल देखना शुरू कर दिया ,तुम अभी के अच्छे शागिर्द बनोगे ..”मोना ने मुस्कुराते हुए कहा …
विक्रम ने भी मुस्कुराते हुए अपना पसीना पोछा ...
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