RE: Biwi ki Chudai बीवी के गुलाम आशिक
“रोहित ने कभी मेरी भी बात नही मानी,वो भी मोना को उसी तरह से अच्छी समझता है जैसे की तुम ...काश मैं उसे समझा पाती तो आज वो मुझसे दूर नही होता …”
वो रो रही थी ..
“तुम सच में उससे जलती हो ..”
उसने मुझे घूरा उसके आंखों में लाचारी थी ..
“तुम दोनो कभी मेरी बात को नही समझ पाओगे,जाने तुम्हे कैसे समझाऊं ..”
“मुझे कुछ भी नही समझना तुम जा सकती हो ..”
वो चौक कर मुझे देखने लगी …
“लेकिन ..”
“लेकिन वेकिन कुछ भी नही गेट आउट…”
वो थोड़े देर मुझे देखती रही और फिर गुस्से में पैर पटकते हुए वँहा से निकल गई ...
मैं वँहा से वापस आ चुका था मेरा मुख्य काम दो ही दिनों में हो चुका था,घर आते ही मोना मेरे गले से लग गई ,
“कितना याद आया आपका ..”
“क्या याद आया काल का तो जवाब ही नही दे रही थी ,”
“तो क्यो देती आप उस कमिनी के साथ जो थे..”
मैं मुस्कुरा उठा,
“मैंने तो उसे उसी दिन झाड़ कर बाहर कर दिया था...तुम्हारे बारे में ना जाने क्या क्या बक रही थी “
वो बेहद ही प्यार से मुझे देखने लगी और मेरे गाल को चूम लिया..
“मुझे आपसे यही उम्मीद थी जान...मैं जानती थी वो साली कमीनी तो आपको भड़काने की पूरी कोशिस करेगी ..”
वो मेरे गले से लग कर मुझे चूमने लगी …
“इसी लिए साली ने फिर से कोई रिप्लाइ नही किया,क्या कहती की अपने उसे धक्के मारकर बाहर निकाल दिया ..”
वो हँसने लगी …
“आई लव यू जान ..”
वो फिर से मेरे गले से लग गई ,मैं भी उसके कोमल बालो को सहलाने लगा…
“तो रोहित के साथ कुछ किया की नही ..”
वो हल्के गुस्से से मुझे देखने लगी..फिर शरारती मुस्कान लाकर बोली
“किया ना बहुत कुछ ..”
“अच्छा क्या ..”
“वो नही बताऊंगी जासूस हो खुद पता कर लो ..”
“अच्छा ..’
“हा”वो खिलखिलाने लगी मैंने उसे अपनी बांहो में भर लिया और उसे सीधे बिस्तर में ले जाकर पटक दिया ,
वो मुझे बड़े ही बेकरारी से देख रही थी …
“अगर मुझे पता होता की वँहा आपको डॉली मिल जाएगी तो मैं आपको कभी उसके पास जाने नही देती ..वो सच में डायन है ,आप थे जो उसके जाल से निकल आये वरना …”
मैं हँस पड़ा ..
“अब तो निकल गया ना जान छोड़ो ना उसकी बात ,तीन दिन से तड़फ रहा हु ..”
उसने कुछ नही कहा बस मुस्कुराते हुए मेरे बालो को सहलाने लगी फिर मेरे कानो में हल्के से फूक मारने लगी..
मुझे एक गुदगुदी का अहसास हुआ,मैंने उसे अपने ऊपर ला लिया,और उसके बालो को अपनी उंगली में फंसा कर उसके होठो को चूमने लगा,दोनो के होठ एक दूजे में मिल चुके थे और सांसे तेज हो चुकी थी ,धड़कने बढ़ रही थी…
मैंने उसके आंखों को हल्का गीला देखा ..
“क्या हुआ जान ..”
“रोहित मुझसे बात नही कर रहा है ..”
“कब से “
“कल से ना जाने उसे क्या हो गया ..”
“तुमने कुछ कह दिया होगा..”
वो मेरे चहरे को देखने लगी ..
“मैंने बस उसे मना किया था ,वो बेकाबू हो रहा था ..”
मेरे होठो पर एक मुस्कान आ गई
“नही करना था ना उस बेचारे की भी कई तमन्नाएं रही होंगी की प्रेमिका का पति बाहर गया है तो कुछ फायदा मिल जाए लेकिन तुम तो ..बेचारे की हर तमन्ना को ही फेल कर देती हो अब वो गुस्सा तो होगा ही ना “
मोना गुस्से से मुझे मारने लगी ..
“आपको हर वक्त मजाक ही सुझा रहता है ,भूल गए क्या उस दिन क्या हालत हो गई थी आपकी ..”
वो खिलखिलाने लगी
‘वो तो ..”
“क्या वो तो अब अगर फिर से कहे ना तो सच में रोहित के साथ …”
वो रहस्यमयी मुस्कान से मुकुस्कुराने लगी …
“क्या करेगी ..”
उसकी मुस्कान और भी खिल गई ..
“जलने का बहुत ही शौक है ना आपको ..”
“हा वो तो है ..”
मैं भी मुस्कुराने लगा ..और उसके सीने में पके एक ताजा गोल आम को दबाने लगा,मेरा लिंग जीन्स में ही अकड़ रहा था मैंने जीन्स निकाल देने में हि अपनी भलाई समझी ..उसने भी अपनी नाइटी के अंदर हाथ डाला और अपनी ब्रा और पेंटी निकाल फेंकी..
अब मेरे जिस्म में बस एक अंडरवियर थी वही मोना के जिस्म में वो नाइटी जो एक पतले कपड़े का गाउन था जो उसके एड़ी से थोड़ा ऊपर तक था..
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