Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
06-02-2019, 02:03 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
दूसरी सुबह उन चारों में से किसी की आँख खुलने का नाम नही ले रही थी.., लेकिन कोई 11 बजे लीना के मोबाइल की बेल ने उसे उठने पर मजबूर कर ही दिया…!

फोन अब्बास का था, शुरू-शुरू में कुछ उसने अकड़ दिखाई लेकिन लीना के धमकाने पर वो लाइन पर आगया और अपने माल के लिए गुहार करने लगा…!

लीना – देखो अब्बास मियाँ, मे अपना धंधा पूरी ईमानदारी से कर रही हूँ, माल में कोई खोट हो तो फ्री.., लेकिन अगर कोई मेरे पैसे खाने की कोशिश करेगा तो वो ठीक नही…!

मेने तो अब तक तुम्हारी साख की वजह से ही कोई डील नही की, लेकिन जब मुझे तुमसे भी ज़्यादा एडा लड़का मिल गया तो तुम्हारा ऑफर मान लिया..,


अब उसने तुम्हारी गेम बजा डाली तो अब इतना फड़-फडाने की क्या ज़रूरत है…!

पूरी ईमानदारी से धंधा करो.., मे तैयार हूँ, अपना आदमी आज शाम जुहू बीच पर भेज देना, तुम्हारा माल तुम्हें मिल जाएगा…!

दो हफ्ते यौंही मौज मस्ती में निकल गये.., दिनो दिन युसुफ लेन-देन के मामले में माहिर होने लगा, वहीं संजू गन बगैरह चलाना सीख कर और ज़्यादा शातिर हो गया …!

एक दिन मस्ती करते हुए लीना बोली – युसुफ मियाँ कहाँ है तुम्हारा गाओं..?

युसुफ – मेडम आपने अली** शहर तो देखा होगा.., उससे कोई 25 किमी दूर है..,

लीना – तो गाओं जाकर अभी क्या करने वाले हो..?

युसुफ – मे चाहता हूँ, बुढ़ापे में अम्मी-अब्बू को कुछ आराम दे सकूँ, बहनो का निकाह हो जाए, अच्छा घर उन्हें बनवा के दे सकूँ…, और ग़रीब की क्या ज़रूरतें होती हैं…,

लीना – गाओं में तुम्हारी कोई खेती-बाड़ी भी है क्या..?

युसुफ – अरे कहाँ मेडम जी…खेती बाड़ी होती तो मे यहाँ मुंबई में खाक छानने क्यों आता…!

लीना – मेरे दिमाग़ में एक प्लान है.., क्यों ना तुम अपने परिवार को उसी शहर में शिफ्ट कर्लो.., एक घर लेके दे दो उनको.., और एक अच्छी सी गुप्त जगह तलाश करके अपना धंधा वहाँ फैलाने की कोशिश करो…!

युसुफ – ये तो बहुत उम्दा प्लान बनाया है आपने मेडम.., अगर संजू साथ दे तो वहाँ तो अपना धंधा और जल्दी ही फैलने फूलने लग जाएगा…!

लीना – क्यों संजू.. क्या कहते हो..? जाना चाहोगे युसुफ भाई के साथ..?

संजू – मेरा क्या है.., कहीं भी आ जा सकता हूँ, मेरे कॉन आगे पीछे है देखने वाला…?

लीना दोनो को नये मोबाइल सेट देते हुए बोली – ये लो तुम दोनो के लिए अलग अलग मोबाइल, दोनो में हम तीनों के नंबर फीड किए हुए..,

जब भी बात करनी हो कभी भी एक दूसरे से जब चाहे बात कर सकते हैं..,

तो फिर तय रहा, तुम लोग कल ही निकल जाओ.., शहर में अपने लिए अच्छा सा घर देख लो, धंधे के लिए जगह तलाश करो..,

कुछ माल लेते जाना, जिससे अपना काम शुरू करने की कोशिश कर देना, ख़तम होने पर बस कॉल कर देना दूसरे दिन जितना चाहिए उतना माल तुम्हें मिल जाएगा.………..!

जैसा कि पहले बताया जा चुका है, युसुफ के गाओं में बुड्ढे माँ-बाप तीन कुँवारी बहनें थी, सबसे बड़ी एक बेहन का निकाह हो चुका था जो उससे जस्ट छोटी थी..,

दूसरे नंबर की वहीदा भी अबतक 26-27 साल की हो चुकी थी, उससे छोटी रेहाना उससे दो साल छोटी माने 24-25 की और सबसे छोटी रुखसाना भी अब 22 साल की हो चुकी थी…!

युसुफ के अब्बू टेलरिंग का काम करते थे, लेकिन आज के जमाने में गाओं में भी अब कॉन सिलवाकर कपड़े पहनता है, कभी कभार कोई बड़ा-बुड्ढ़ा या फिर कोई ग़रीब आदमी कपड़े सिलवाने आ जाता था..!

हां औरतें ज़रूर ब्लाउस पेटीकोत सिल्वाति थी, जिसे वहीदा और कभी कभी उसकी अम्मी सील कर दे देती थी.., जिनकी सिलवाने की कीमत भी गाओं में लोग बड़ी मुश्किल से देते वो भी आज-कल करके काफ़ी लटकाने के बाद…!

बड़ी मुश्किल से दो वक़्त की रोटियों का गुज़ारा हो पाता था.., कभी कभी लड़कियों को जंगल से लकड़ियाँ काट कर लाना पड़ता.., एक-दो बकरी पाल रखी थी उनसे कुछ आमदनी हो जाती…!

कुल-मिलाकर बस दिन किसी तरह निकल ही रहे थे.., उसके बूढ़े अब्बू शहज़ाद ख़ान की कमर झुक गयी थी.., वक़्त की मार ने वक़्त से पहले ही बूढ़ा बना दिया था.., वरना इस उमर में शहर में लोग अधेड़ उम्र में गिने जाते हैं…!

युसुफ और संजू सीधे घर ना जाकर शहर में पहले उन्होने अपने लिए एक 5 कमरों का एक अच्छा सा घर खरीदा..,

फिर काफ़ी तलाश करने के बाद उन्हें एक उजाड़ पड़ी हवेली का पता चला वो भी वहाँ के कुछ बेरोज़गार युवकों की मदद से.

जिसे उन्होने अपने धाधे के लिए किराए पर लिया जो काफ़ी दिनो से विवादित थी, जिसपर कुछ दबंगों का कब्जा था, तो उन्होने ही उसे लीज़ पर दे दिया…!

सबसे खास बात उस मकान की ये थी कि उसके नीचे एक गुप्त तहखाना भी था जो उन्हें अपने धंधे के लिए सबसे उपयुक्त लगा…!

कुछ बेरोज़गार युवकों को अपने साथ मिलाकर काम करने को तैयार भी कर लिया.., इतना काम निपटाकर उन दोनो ने युसुफ के गाओं का रुख़ किया…!

गाओं निकलने के लिए वो काफ़ी लेट हो गये थे.., गाओं की तरफ जाने वाले रोड पर आकर पता किया क़ि इस वक़्त क्या साधन मिल सकता था गाँव जाने के लिए…!

लेने को वो दोनो स्पेशल टॅक्सी भी ले जा सकते थे लेकिन ये सब जताकर वो खम्खा इतनी जल्दी इस इलाक़े में अपने आप को उजागर नही करना चाहते थे…!

पता चला कि युसुफ के गाओं तक के लिए प्राइवेट वहाँ जैसे तीन पहिए के टेंपो या फिर टाटा मॅजिक जैसे वहाँ ही मिल सकते हैं…!
काफ़ी देर के इंतेजार के बाद वहाँ एक मॅजिक आकर रुकी.., इलाक़े का नाम

पुकार कर उसका क्लीनर पॅसेंजर्स को बुलाने लगा..,

युसुफ ने संजू का हाथ पकड़ा और पीछे से यू आकर वाली सीट पर सामने जाकर दोनो बैठ गये…, युसुफ को अंदाज़ा था कि इसमें भीड़ होने वाली है, इसलिए वो उसे लेकर फ़ौरन जाकर सीट घेर कर बैठ गया…!
Reply


Messages In This Thread
RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस - by sexstories - 06-02-2019, 02:03 PM
Nise story - by Ram kumar - 01-07-2020, 11:26 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,485,352 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,674 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,225,587 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 926,913 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,645,005 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,073,057 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,938,111 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,014,338 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,015,905 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,348 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 19 Guest(s)