Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
06-02-2019, 02:02 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
इतना कहते कहते संजू फुट-फूटकर रोने लगा.., अपनी हिचकियों पर काबू करते हुए आगे बोला – अब तुम ही बताओ दोस्त, इस दुनिया में मेरे लिए बचा ही क्या जिसके लिए मे जी सकूँ..!

मेने अपनी जिंदगी को ख़तम करने का फ़ैसला ले लिया और यहाँ चला आया.., लेकिन वाह री मेरी किस्मेत.., तुमने मुझे वो भी नही करने दिया…!

युसुफ उसे शान्त्वना देते हुए बोला – मेने मैथ में एक फ़ॉर्मूला पढ़ा था..(-)+(-) = + हो जाता है.., मेरी बदनसीबी जब तुम्हारी बदनसीबी के साथ जुड़ जाएगी तो हो सकता है हम दोनो की बदनसीबी दूर हो जाए…!

संजू अपने आँसू पोन्छ्ते हुए बोला – मेरे पास तो अब कुछ है नही खोने या पाने को, अगर मेरा जीवन तुम्हारे ही कुछ काम आए तो भी मे अपने आप को धन्य समझूंगा.., आज से जैसा तुम कहोगे मे वैसा ही करूँगा…!

दोनो को अपनी अपनी आप-बीती आपस में शेर करते-करते काफ़ी वक़्त निकल गया था.., वातावरण में अंधेरा छा चुका था..,

वो दोनो नये-नये बदनसीब दोस्त वहाँ से एक दूसरे का हाथ थामकर चल पड़े अपनी अंजान मंज़िल की तरफ जिसका कोई पता नही था कि वो कहाँ मिलेगी…!

युसुफ के पास कुछ पैसे थे जो उसने कुछ कबाड़ इकट्ठा करके कमाए थे, उससे उन दोनो ने पेट की भूख शांत की, उसके बाद उन दोनो ने डिसाइड किया कि अब जो भी हो आगे वो और कुरबत की जिंदगी नही जीएँगे…!

युसुफ ने सही ही कहा था कि (-)+(-) = + होता है.., उसी रात उन्होने एक दुकान का ताला तोड़ा.., और अच्छी ख़ासी रकम उनके हाथ लगी…!

दूसरे ही दिन एक अच्छी सी खोली किराए पर ली, और दोनो दोस्त एक नयी राह पर चलने लगे.., संजू जहाँ मरने मारने से नही डरता था, वहीं युसुफ अपनी बुद्धि और विवेक से काम निकाल लेता था…!

देखते ही देखते कुछ ही महीनों में उस इलाक़े में उनकी धाक जमने लगी.., संजू की दिलेरी से छोटे बड़े गुंडे दहशत खाने लगे,

वो ज़रा ज़रा सी बात पर ही बिना अंजाम की परवाह किए हाथ छोड़ देता था, यहाँ तक कि एक दो को उसने चाकू से घायल भी कर डाला और खुद भी हुआ….!

संजू शिंदे के पास तो कुछ पाने या खोने के लिए था ही नही लेकिन युसुफ का अपना भरा पूरा परिवार था जिसे वो गाओं छोड़ आया था, उसे ये भी नही पता था कि अब वो लोग किस हालत में होंगे…!

उसे उनकी ज़िंदगियाँ संवारने के लिए धन की ज़रूरत थी, जो इन छोटे-मोटे चोरी चकोरी से पूरा पड़ने वाला नही था..,

वो दिन रात किसी लंबे हाथ मारने की फिराक में लगा रहता था.., जिसका जिकर वो कई मरतवा संजू से भी कर चुका था.., लेकिन संजू के मुतविक वो जो बोलेगा वो करने को तैयार था…!

उसके पास अकूत शक्ति थी, दिलेरी थी, कुछ नही था तो बस पैसे कमाने के लिए दिमाग़.., जिसकी कमी की वजह से वो अपनी जान से प्यारी बेहन को भी खो चुका था…!

एक दिन मरीना बीच के पत्थरों पर बैठे वो दोनो इसी बारे में विचार विमर्श कर रहे थे कि किस तरह से एक लंबा हाथ मारा जाए जिससे उनकी धन की ज़रूरत पूरी हो सके…!

जब किसी ठोस नतीजे पर ना पहुँच सके तो थक कर वो दोनो वहाँ से जाने के लिए उठ खड़े हुए,

चलने के लिए जैसे ही मुड़े की सामने एक निहायत ही खूबसूरत औरत को देख कर वो दोनो अपनी जगह पर जाम होकर रह गये…!!!

28-30 साल की बेहद खूबसूरत औरत को अपने सामने देख कर वो दोनो तगे से खड़े उसके सौन्दर्य में खो गये…!

गोरे चिट्टे पैरों में चमकीले फॅन्सी सॅंडल, ब्राउन लोंग स्कर्ट जो उसकी पिन्डलियो को बखूबी ढके हुए.., लेकिन उसके उपर तो मानो कयामत का साम्राज्य फैला हुआ था…!

उसकी 32 की कमर तक स्कर्ट के बाद उपर वो एकदम फक्क सफेद झीना सा टॉप पहने थी जिससे उसकी काले रंग की ब्रा साफ-साफ दिखाई दे रही थी…,

कसे हुए टॉप में क़ैद उसकी 34 की कसी हुई ठोस गोलाईयों पर उन दोनो की नज़र जम कर रह गयी…, टॉप का गला इतना चौड़ा की उसकी ब्रा की स्ट्रीप कंधों के उपर दिख रही थी…!

ब्रा के स्ट्रीप उस चमकीले टॉप के बाहर दिख रहे थे…, सामने उसकी गोरी गोरी गोलाईयों के बीच की गहरी दरार देख कर किसी का भी मन उन्हें मसलने का हो जाए…!

यहाँ तक का सफ़र तय करने के बाद उन दोनो की नज़र जैसे ही उसके चेहरे पर पड़ी.., मन ही मन वो उसकी प्रशन्शा किए बिना नही रह सके…!

एकदम गोरी रंगत, मानो वो कोई विदेशी महिला उनके सामने खड़ी हो.., गोल-गोल चेहरा.., हल्के फूले हुए गाल, लाली लिए हुए..,

पतले पतले होठों पर सुर्ख लाली, सुतवान नाक, कम्मान समान भवें के नीचे काले स्याह गॉग्ल्स से धकि उसकी आँखें.., सुनहरे कंधे तक के बाल, जो आयेज से एक बेहद चहमकीले ब्राउन कलर के स्कार्फ से ढके हुए थे…!

दोनो ही उसे देखते ही रह गये.., नज़र उसके रूप लावण्य से हटने का नाम ही नही ले रही थी.., जब बहुत देर तक भी उनकी नीयत उसे देखने से नही भरी..

चुटकी बजकर उस युवती ने उन दोनो का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया – कहाँ खो गये युसुफ मियाँ.., संजू शिंदे…??? क्या कोई सुन्दर औरत पहले कभी नही देखी..??

अब तक तो वो बेचारे दोनो उस अप्सरा जैसी खूबसूरत औरत के रूप जाल में ही खोए हुए थे लेकिन अब उसके मूह से अपने अपने नाम सुनकर तो वो दोनो अपनी अपनी जगह पर उच्छल ही पड़े…!

उन दोनो की हालत पर वो मेनका मंद-मंद मुस्करा रही थी.., उनकी हालत का मज़ा उठाते हुए वो बोली – ऐसे क्यों चोंक रहे हो.., मुझे तो तुम दोनो की पूरी कुंडली पता है..,

क्यों युसुफ मियाँ, धन कमाने के लिए परेशान हो.., अपने घरवालों को सुख सुविधा देना चाहते हो…, क्यों मे सही कह रही हूँ ना…?

युसुफ हक्का बक्का अभी भी उसे इस तरह से देख रहा था मानो उसके सामने औरत का रूप लेकर कोई अजूबा खड़ा हो.., बड़ी मुश्किल से अपनी इस हालत पर काबू करते हुए वो बस इतना ही बोल पाया – हां…लेकिन…!

उसकी बात बीच में ही काट’ते हुए वो बोली – लेकिन वेकीन के चक्कर में मत पडो.., ये बताओ, पैसा कमाने के लिए क्या क्या कर सकते हो…?

अब तक शांत खड़ा संजू बोला – ओ मेडम जी.., पहले तो आप अपने बारे में बताओ.., कॉन हो और हम लोगों के बारे में इतना सब कैसे जानती हो…?

संजू की बात पर चुटकी लेते हुए वो हसीना बोली – अरे वाह.. संजू, तुम्हरे मूह में भी ज़ुबान है.., मे तो सोच रही थी कि बोलने का काम बस युसुफ मियाँ का ही है….!

चलो तुम पुछ्ते हो तो अपने बारे में भी बता देती हूँ.. मेरा नाम लीना फेरनडीज़ है.., अपने काम के बारे में मे यहाँ कुछ नही बता सकती…!

रही बात तुम लोगों के बारे में इतनी जानकारी कैसे है.., तो उसी दिन से मेरी नज़र तुम दोनो पर है जब तुम दोनो जुहू बीच पर एक दूसरे को पहली बार मिले थे.., जब उसूफ मियाँ ने तुम्हारी जान बचाई थी…!

अब मे आती हूँ असल मुद्दे पर, अगर तुम लोगों को पैसा कमाना है तो ये लो मेरा कार्ड.., कल दोपहर के बाद आकर मुझसे इस पते पर मिलो…!

युसुफ ने आगे बढ़कर उसके हाथ से कार्ड लिया.., हां इस दौरान वो उसके हाथ को टच करने का लालच नही छोड़ पाया…!

उसकी इस हरकत पर लीना नाम की वो हसीना उसके चेहरे पर नज़र डालकर मुस्कराती हुई पलट कर एक तरफ को बढ़ गयी…!

पीछे वो दोनो हतप्रभ खड़े उसकी थिरकति गान्ड को तब तक निहारते रहे जब तक की वो उनकी आँखों से ओझल नही हो गयी…!
……………………………………………………………………………………..

बड़ा ही कड़क माल है यार…, उसके ओझल होते ही संजू के मूह से निकले इस शब्द ने युसुफ की तंद्रा भंग की..,


एक लंबी सी साँस लेकर उसने अपने उस हाथ को चूमा जिसने उसके हाथ को टच किया था और वो बोला – सही कहा तुमने..

लेकिन साली को हमसे क्या काम लेना है जो इतने दिनो से हमारे पीछे लगी हम लोगों के बारे में तहकीकात कर रही है…, कुछ तो गड़बड़ है भाई…?

संजू ने उसका हाथ थामा और उसे खींचते हुए बोला – हमें क्या लेना देना साली से.., होगी कोई..चलो चल कर कुछ खाते-पीते हैं.., भूख लग रही है..!

युसुफ – हां चलो…, लेकिन देखना तो पड़ेगा कि आख़िर ये चीज़ क्या है.., और हम लोगों से कॉन्सा काम लेने वाली है..?

वो चलते चलते पास के ही एक सस्ते से होटेल कम बार में घुस गये.., कुछ सस्ती सी विस्की ऑर्डर की और बैठकर पीने लगे…!

एक-एक पेग लेने के बाद संजू बोला – मेरे ख्याल से हमें इस औरत को अपने दिमाग़ से निकाल देना चाहिए..,

ये सुनहरी नागिन ना जाने कैसा काम हमसे निकलवाना चाहती है…?


अपना काम निकाल कर रफूचक्कर हो जाए और हम लोग पोलीस के लफडे में फँस जाएँ…!

युसुफ – एक औरत से ही डर गया मेरा शेर…? अरे यार देखें तो सही इसमें हमारा कितना फ़ायदा होने वाला है.., क्या पता इसका साथ देने से हमारे भी बारे न्यारे हो जायें…!

संजू – डरता कॉन साला है..वो भी एक मामूली सी औरत से.., मुझे तो बस औरत जात से नफ़रत सी हो चुकी है..,


एक औरत की वजह से ही मेरी बेहन उस दलदल में फँस गयी.., तबसे मुझे किसी भी औरत पर भरोसा नही रहा…,

बातों के चलते वो दो-दो पेग और पी चुके थे.., ये उनका अब रोज़ का ही काम हो गया था.., नशा अपना असर दिखाने लगा था..!

युसुफ ने संजू को चढ़ाते हुए कहा – अरे यार संजू.., वैसे भी हम कोन्से करोड़पति हैं जो वो हमारा कुछ ले लेगी.., कुछ नही मिला तो मौका देख कर साली को मिलकर चोद डालेंगे…!

संजू को भी नशे में उसकी कड़क जवानी नज़र आने लगी थी.., वो थोडा झूमते हुए बोला – ये सही कहा युसुफ भाई तुमने.., पैसे वैसे गये तेल लेने.., साली की कड़क जवानी का मज़ा तो ले ही लेंगे.. बहुत कड़क है भेन्चोद…!

वैसे मेने आज तक किसी औरत को नही चोदा है.. लेकिन इसे देखकर मेरा ये नियम भंग करने का मन करने लगा है….!

मे तो बस एक बार उसकी मस्त मटकती गान्ड को खूब मसल-मसलकर जमकर चोदना चाहता हूँ.., उसकी उस चिकनी गोल-मटोल गान्ड में लंड डालकर हिलाना चाहता हूँ..झूमते हुए युसुफ ने कहा…उसके बाद भले ही उसकी गान्ड पे लात मारकर अपने रास्ते निकल लेंगे…क्या बोलता है…!

डन ! ये कहकर संजू और युसुफ ने एक दूसरे को हाई-फ़ाई किया.., एक-एक पेग और गटकने के बाद उन्होने जमकर खाना खाया और कल उस सुंदरी से मिलने का प्लान तय करके वो दोनो अपनी खोली की तरफ चल दिए….!

दूसरे दिन सुबह से ही वो दोनो लीना से मिलने की तैयारीओं में जुट गये.., उन्होने रात में ही अपने लिए अच्छे अच्छे कपड़े खरीद लिए थे…!

नहा धोकर एक सस्ता सा सेंट वेंट लगाकर नये कपड़े पहने.., संजू ने अपना रामपुरी शॉक्स में लगाया और तय सुदा समय पर वो दोनो उससे मिलने को चल दिए…!

कार्ड पर दिए गये पते पर पहुँचकर उन्होने अपने सामने एक फ्लॅट के बंद दरवाजे की बेल बजाई…!
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RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस - by sexstories - 06-02-2019, 02:02 PM
Nise story - by Ram kumar - 01-07-2020, 11:26 PM

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