RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
श्वेता अपनी साँसें नियंत्रित करते हुए बोली – बड़ा तगड़ा मूसल है इसका हेमा, मेरा तो काम हो गया, अब तू आजा…!
वो साइड में अपनी टाँगें चौड़कर बैठ गयी, और अपनी चूत से बह रहे रस को अपनी उंगलियों पर लेकर देखने लगी, और फिर अपनी सनी हुई उंगलियाँ अपने मुँह में डालकर चूसने लगी…
उधर हेमा मेरे मुँह से उठकर मेरे लंड पर बैठने लगी, जोश-जोश में वो एक साथ वजन रख कर बैठी, लेकिन जैसे ही उसे ये एहसास हुआ कि इसे एक साथ अंदर लेना इतना आसान नही है…
सो आधे में ही उसकी आँखें बड़ी हो गयी, और वो वहीं रुक कर लंबी-लंबी साँस भरते हुए बोली –
सही कह रही थी तू श्वेता, ये तो साला कुछ ज़्यादा ही तगड़ा है यार, मेरी चूत फाड़ दी साले ने,
श्वेता उसके क्लिट को सहलाने लगी, हेमा ने फिर कोशिश की और पूरा लंड अंदर ले गयी…!
मे सोचने लगा, पता नही ये साली रंडियाँ कितनी देर तक मेरे उपर चढ़ेंगी, हर बार मे भी अगर इनके साथ झाड़ता रहा तो मेरी तो टंकी खाली हो जाएगी, सो मेने अपने उपर कंट्रोल बनाए रखने की कोशिश शुरू कर दी…!
लंड तो 4 घंटे तक बैठने वाला था ही नही,
कुछ देर मेरे लंड पर कूदने के बाद हेमा भी लंबी हो गयी,
उन दोनो को झड़ने के बाद भी मेने अपना पानी नही निकलने दिया, तो वो साली चिढ़ गयीं, और मेरे लंड को फिर से बारी बारी चूसने लगी…!
1 घंटे के इस खेल में अब मुझे कंट्रोल रखना भारी होने लगा, और मेरी भी कमर चलानी लगी, ये देख कर वो दोनो मेरे लंड को हाथों में लेकर मुत्ठियाने लगी…
कुछ देर में ही मेने एक लंबी हुंकार भरते हुए अपनी पिचकारी श्वेता की चुचियों के उपर छोड़ दी,
बीच से ही हेमा ले लपक कर उसे अपने मुँह में ले लिया, और बची हुई मलाई वो गटक गयी…!
उसने मेरे लंड को चाट-चुट कर चमका दिया…, फिर वो दोनो एक दूसरे के होठों को चुस्ती रही, श्वेता की चुचियों से मलाई को चाटा, और बाथ रूम में जाकर नहाने लगी…!
मेने सोचा चलो अब ये नहा धोकर चली जाएँगी, साली रंडियों की खुजली जल्दी शांत हो गयी…!
लेकिन मेरा ये सोचना ग़लत साबित हुआ, वो कुछ देर बाद बाहर आकर फिर मेरे उपर टूट पड़ी….!
इस तरह वो दोनो बहुत देर तक चुदाई करवाती रही, 4-4, 5-5 बार झड़ने के बाद वो संतुष्ट हुई, इतने में मेरा भी 3 बार पानी निकलवा ही दिया था सालियों ने…
उसके बाद उन्होने अपने कपड़े पहने, फिर श्वेता ने किसी को फोन किया, और वो दोनो वहाँ से निकल गयी…!
उन्हें गये हुए अभी 15 मिनिट ही हुए होंगे, कि तभी एक साथ 4-5 औरतें कमरे में आई, और देखते ही देखते वो सभी नंगी हो गयी,
पर ये अच्छा हुआ, कि उन्होने मेरे उपर बैठ कर लेटे-लेटे ही मुझे कुछ अंगूर, और दूसरी चीज़े खिलाई, और साथ साथ मेरे बदन से खेलती रही…
उसके बाद वो सब की सब मेरे उपर टूट पड़ी….
किसी ने मेरे लंड को पकड़ा, कोई मेरी गोलियाँ ऐंठने लगी, तो किसी ने मेरे निपल के साथ खिलवाड़ करनी शुरू कर दी…!
और एक-एक करके वो मेरे लंड के उपर बैठ-बैठ कर बारी बारी से अपनी चूत का पानी निकल्वाती रही…!
अंत में जब ड्रग का असर ख़तम हो गया, और झड-झड कर मेरा लंड मूसल से लुल्ली नही हो गया, तब तक उन्होने मेरा पीछा नही छोड़ा…!
पर एक बात मेने नोटीस की, श्वेता और हेमा के अलावा इन सभी ने कॉंडम चढ़ाकर चुदाई करवाई थी…!
मे एकदम पस्त हो गया था, अब मेरे शरीर में सेक्स का एक कतरा भी नही बचा था…!
जब वो सब चली गयी, तो थकान के कारण मेरी आँखें अपने आप बंद हो गयी…!
मे एक तरह से बेहोशी की अवस्था में जा चुका था, पूरे 18-20 घंटे तक मे सोता ही रहा, दूसरे दिन किसी के झकझोरने पर ही मेरी आँख खुली……!
देखा तो सामने श्वेता ही थी, आज उसके साथ हेमा के अलावा एक और औरत थी…!
मेरे बेड की हालत बदतर हो रही थी, मे तो पूरा नंगा ही था, पूरे बदन पर औरतों के थूक, लार, और चूत रस लगा हुआ था, जो अब सूख चुका था…
बेडशीट, मेरे वीर्य और उन सभी औरतों के कामरस से जगह जगह सनी हुई थी, जिनके धाब्बे सूख गये थे…!
कमरे के फर्श पर जहाँ तहाँ कॉंडम बिखरे पड़े थे, जिनमें किसी-किसी में मेरा माल अभी भी भरा हुआ था…!
कमरे की हालत देख कर हेमा ने बुरा सा मुँह बनाया, फिर श्वेता ने मेरे दोनो हाथ और एक पैर खोल दिया और चेतावनी देते हुए बोली –
अगर तुमने कोई चालाकी करने की कोशिश की, तो बाहर भानु और उसके आदमी तैयार बैठे हैं, वो तभी तक चुप हैं, जब तक तुम इस कमरे में बंद हो,
अगर ग़लती से भी बाहर दिखाई दे गये, तो तुम्हें शूट करने की उन्हें खुली छूट है…!
मुझे पलंग से नीचे खड़ा करके उसके साथ आई तीसरी औरत ने बेड शीट चेंज की, जिसपर पता नही कब मेरा पेसाब भी निकल गया था…
एक गीला तौलिया लेकर मेरे पूरे बदन को अच्छे से सॉफ करवाया, फिर एक डिब्बे में पानी के साथ लिक्विड वॉश डालकर मेरे लंड और उसके आस-पास को अच्छे से धोया…!
मेने अपने खुश्क होठों पर जीभ फिरा कर श्वेता से पूछा – अब तो बता दो तुम मेरे साथ ऐसा क्यों कर रही हो…?
वो मेरे मुँह को अपने हाथ से दबाते हुए बोली – जल्दी क्या है डार्लिंग, बता दूँगी, थोड़ा धीरज रखना सीखो, मेने जब इतने दिन धीरज रखा तो तुम कुछ घंटे भी नही रख सकते…!
उसके बाद हेमा ने मुझे एक ग्लास में जूस डालकर दिया, जिसमें पहले से ही ड्रग मिलाया हुआ था…!
साथ में कुछ सॅंडविच दिए जिसे मेने जूस के साथ गटका, जूस पीकर खाली ग्लास उसे थमा दिया, उसके बाद मेरे शरीर में फिरसे कुछ जान पड़ी…!
कुछ देर के लिए श्वेता और हेमा बाहर चली गयी, तो मेने उस तीसरी औरत जो लगभग 35-36 साल की हल्की सी साँवली सी थी उस’से पुचछा- तुम कॉन हो..?
वो – मेरा नाम सरोज है, मे श्वेता मेडम की पीए हूँ, फिर वो मेरे लटके हुए लंड को सहला कर बोली –
मेडम तो कह रही थी, कि बड़ा दमदार हथियार है तुम्हारा, लेकिन ये तो किसी मरे चूहे जैसा लग रहा है…!
मेने उसकी बात पर कोई गौर नही किया और अपना अगला सवाल दाग दिया – तुम्हारी मेडम ने मुझे यहाँ इस तरह से क़ैद क्यों कर रखा है…?
वो – मुझे ज़्यादा तो कुछ नही पता लेकिन शायद तुमने उन्हें कोई बहुत गहरी चोट पहुँचाई है, जिसका वो बदला अब तुमसे ले रही हैं…!
मे सोचने लगा, कि मेने उसे क्या चोट पहुँचाई है…? फिर जैसे ही मेरे दिमाग़ में उसके भाई वाला सीन घुमा, मेरी खोपड़ी उलट गयी, एक सेकेंड में ही समझ गया…
लेकिन उसे ये बात पता कैसे लगी, कि मेने उसका इस्तेमाल करके वो सब किया था…?
मे अपनी सोचों में गुम था, सरोज अपने काम में लगी थी, धीरे-धीरे उसे इस काम में सफलता मिलने लगी थी,
मेरा लंड सिर उठाने लगा था, जिसे देखकर उसके चेहरे पर एक कामुक सी मुस्कान आ गयी और उसने उसे अपने मुँह में ले लिया…!
उसके सिर को पाने लंड पर दबाकर मे सोचने लगा, कि कहीं ये बात भैया के ऑफीस से लीक तो नही हुई, कि उसके भाई ने मुखबरी करके असलम के माल को पकड़वाया था,
और फिर उसने आपसा में लिंक जोड़ दिए हों, फिर मेने खुद ही अपने विचारों को खारिज कर दिया, श्वेता जैसी कूद मगज औरत इतना सब नही सोच सकती…
फिर आख़िर उसे पता कैसे लगा, यही सब सोच-सोच कर मे अपना लंड चुस्वा रहा था, कि तभी वो दोनो भी कमरे में आ गयी…!
और मेरे खड़े लंड को देख कर वो खुश होते हुए बोली – अरे वाह सरोज, तूने तो समय से पहले ही इसे तैयार कर दिया…! शाबास..!
अब तू पीछे हट, आगे का काम हम संभालते हैं…!
लंड की सुंदरता देख कर सरोज उसे चूमते हुए बोली – मेडम, मेरा भी ख़याल रखना.., इसे देखकर मेरी मुनिया भी आँसू बहाने लगी है…
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