Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
06-02-2019, 01:46 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
शाम का धूंधलका गहराता जा रहा था, गाओं में वैसे भी जल्दी ही रात जैसी घिरने लगती है, मेघना मेरे बदन से सटी हुई खड़ी मेरी आँखों में झाँक रही थी…,

मेने उसके कुल्हों को सहला कर पुछा - क्या हुआ मेघना जी… आप कुछ परेशान सी लग रही हैं…

उसने मेरे गले में अपनी बाहें डाल दी, और अपनी मुनिया को मेरे जंग बहादुर से सटाते हुए बोली - मुझे और मत तडपाओ अंकुश जी,

प्लीज़ जल्दी से कुछ करो, वरना कहीं में पागल ना हो जाउ… वो तड़प कर बोली.

मे – आप ही बताइए ऐसा मे क्या करूँ..जिससे आपकी परेशानी दूर हो सके….?

मेरी बात सुनकर वो कुछ मायूस सी दिखने लगी… शायद वो समझ नही पा रही थी कि मे उसके साथ ऐसा व्यवहार क्यों कर रहा हूँ,

क्या मे उसकी इच्छा को समझ नही पा रहा या जानबूझ कर ऐसा कर रहा हूँ…

फिर वो सारी शर्मोहया ताक पर रख कर मेरी आँखों में झाँकते हुए बोली-

आप मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं..? लगता है, अभी तक आपने मुझे माफ़ नही किया है, जबकि मे अपने ग़लत व्यवहार के लिए माफी माँग चुकी हूँ..

मे – मे तो उन बातों को कब का भुला चुका हूँ… फिर इसमें माफी का तो कोई सवाल ही नही उठता…

वो – तो फिर आप मुझे इग्नोर क्यों कर रहे है, प्लीज़ मेरी प्यास बुझा दीजिए… मे बहुत प्यासी हूँ…!

मे – देखिए मेघना जी ! मे ठहरा ठेठ गँवार आदमी, आप क्या चाहती हैं मे कैसे जानू… आप सीधे सीधे कहिए ना, आपको मेरे से क्या चाहिए…?

मेने ठान लिया था कि जब तक ये बिगड़ी घोड़ी मेरा लंड लेने के लिए खुलकर अपने मुँह से चोदने के लिए नही कहेगी, तब तक मे उसे नही चोदने वाला…

मेरी बात सुनते ही, उसने मेरे उपर हमला बोल दिया, और अपने दाँतों से मेरे होठों को लगभग कुचल ही डाला… मेने भी उसके सर को पकड़ कर अपनी जीभ उसके मुँह में ठेल दी....

दो मिनिट तक हम एक दूसरे के साथ यूँही चूमा चाटी करते रहे… फिर उसने झटके से अपना सिर पीछे किया, उसकी साँसें ढोँकनी की तरह चल रही थी, चेहरा और आँखें वासना की आग में जलने लगी…

प्लीज़ अंकुश नाउ फक मी….चोदो मुझे…ये कहकर उसने मेरे लंड को ही पकड़ लिया और उसे ज़ोर्से दबाते हुए बोली… आइ वॉंट युवर कॉक इनसाइड माइ पुसी!

मेरे चेहरे पर स्माइल आ गयी…, उसे थोड़ा और छेड़ते हुए बोला – मे देसी आदमी हूँ मेघना, हिन्दी में कहो क्या करवाना चाहती हो तुम मेरे से…

वो – ओहूओ…. , कम ऑन अब इतने भी अनपढ़ की तरह बिहेव मत करो, अब जल्दी से अपना ये लंड मेरी चूत में डालकर मुझे चोद दो मेरे रजाअ….,

मेरी चूत बहुत फुदाक रही है इसे लेने को.., इसे डालकर इसकी खुजली मिटा दो प्लीज़…

उसकी खुले शब्दों में चुदने की बात सुन कर मेने उसे अपनी गोद में उठा लिया.. और फर्स्ट फ्लोर पर बने एक कमरे में ले गया, जो अक्सर खाली ही रहता था मेहमानों के लिए…, यहाँ किसी के आने के चान्स भी नही थे..
उसे पलंग पर लिटाया और खुद उसके उपर आकर पसर गया...!

उसके पके आमों जैसी गोल-गोल भरी हुई चुचियों को मसलते हुए उसके होठों को चूसने लगा….

वो अपनी एडियों को आपस में जोड़ कर रगड़ने लगी…., फिर मेने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर जैसे ही उसकी चूत को अपनी मुट्ठी में भरकर मसला….

वो गुउुन्न्ं…2 करके अपनी कमर को उचकाने लगी… उसकी चूत बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी, जिस वजह से उसकी स्लेकक..पैंटी समेत आगे से पूरी गीली हो गयी…

मेने जैसे ही उसके होठों को आज़ाद किया… वो सिसकते हुए बोली…

ससिईईई….आअहह जालिम…अब और ना तडपाओ…. डाल दो अपना लंड मेरी चूत में…, फाड़ दे इसे राजा…, बना ले अपनी रंडी मुझे….!

उसका उतबाला पन देख कर मेरे चेहरे पर स्माइल आ गयी, और फटाफट उसके सारे कपड़े नोंच डाले…

खुद भी अपने कपड़े निकाल मेने उसकी गीली चूत को एक बार चूम लिया… और हाथ से सहला कर अपने लंड को उसकी भीगी हुई चूत के मुँह पर रख कर उपर से नीचे घिसने लगा……!

वो अपनी अंगारे बरसाती आँखों से मुझे घूरती हुई बोली – भेन्चोद, साले और कितना धार लगाएगा इसमें, जल्दी डाल ना मदर्चोद….!

मेने मुस्काराकर उसकी तरफ देखा, और उसकी मोटी-मोटी चुचियों पर थप्पड़ लगाते हुए कहा – साली कितनी आग लगी है तेरी चूत में कुतिया…

मादरचोद गाली देती है साली रंडी, अब देख मे कैसे तेरी माँ चोदता हूँ.., ये कहकर मेने अपने गरम टमाटर जैसे सुपाडे को उक्की चूत में दबा दिया….!

वो सिसकते हुए बोली – सस्सिईइ…आअहह… भडुवे पहले मुझे तो चोद, मेरी माँ को बाद में देखना…, ये कहते हुए उसने अपनी कमर को उचका दिया..

मेरा सुपाडा आराम से उसकी चूत में समा गया था…, इसका मतलब था कि वो पहले भी लंड खा चुकी है…!

मेघना के कमर उचकाते ही मेने भी उपर से एक धक्का दे दिया…., मेरा आधे से भी ज़्यादा लंड उसकी चूत में सरक गया…

उसके मुँह से एक दबी-2 सी कराह निकल गयी… उसने अपने होंठ कस कर भींच लिए…

भले ही वो पहले चुद चुकी थी, लेकिन फिर भी मेरा लंड उसकी चूत में बुरी तरफ से कस गया था…

मेने उसे पुछा…. मेघना ! तुम्हें दर्द तो नही हो रहा…?

उसने अपनी गर्दन हां में हिलाई, मेने कहा – तो फिर क्या करूँ..? निकाल लूँ…इसे बाहर….

नही … बिल्कुल नही… जान ले लूँगी तुम्हारी अगर ऐसा किया तो…, बड़ी मुश्किल से हाथ आए हो.. मेरे दर्द की चिंता मत करो… प्लीज़ गो अहेड….वो कराहते हुए बोली.

ऐज यू विश… इतना कहकर मेने अपने लंड को थोड़ा सा बाहर को खींचा, और एक जोरदार धक्का अपनी कमर में लगा दिया….

एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में फिट हो गया, लेकिन इस बार उसकी चीख होठों की सीमा तोड़कर बाहर निकल गयी…

कुछ देर मे उसकी चुचियों को मसलता रहा…, उसकी गोल-गोल चुचियों को हाथों में लेकर दबा दिया, जिससे उसके निपल मटर के दाने जितने उभर कर कड़क हो गये, एक को अपने मुँह में लेकर काट लिया…,

वो अपनी चूत का दर्द भूलकर कमर उचकाने लगी…सस्सिईइ…आआहह…काटो मत…, चोदो अब…,

मेने अपने धक्के लगाना शुरू कर दिए… अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी…!

बहुत देर तक हमारी चुदाई धुँआधार तरीके से चलती रही, इस दौरान वो एक बार झड चुकी थी… ये मेने अच्छी तरह से महसूस किया, लेकिन उसने अपनी तरफ से जाहिर नही होने दिया…

वो लगातार मादक कराहें भरती हुई मुझे उकसाती रही…,

कुछ देर बाद मेने उसे एक करवट से कर दिया, एक टाँग उठाकर उसके पिच्छवाड़े से अपना रोड जैसा सख़्त लंड उसकी चूत में पेल दिया…!

इस पोज़िशन में मेरा पूरा लंड जड़ तक उसकी चूत की थाह लेने लगा…, गहरी चुदाई से उसकी चूत बुरी तरह से कामरस छोड़ने लगी…!

मेरे ताबड-तोड़ धक्कों ने उसे हिलाकर रख दिया, वो अपनी मादक बातों और कराहों से मुझे और ज़ोर्से चोदने पर मजबूर कर रही थी…!

मे पीछे से चिपक कर उसकी हिलती चुचियों का मसल्ते हुए दे दनादन धक्के लगाए जा रहा था.., चूत रस टपक टपक कर उसकी जाँघ के साथ साथ मेरी गोलियों को भी गीला करने लगा...

अंत में जब मेरा छूटने वाला था, कि तभी लास्ट मोमेंट पर मेने अपना लंड उसकी चूत से बाहर खींच लिया, और उसे सीधा करके अपनी सारी मलाई उसकी चुचियों पर उडेल दी…!

मेरे लंड पर कुछ कतरे खून के भी दिखे, जो ये बताने के लिए काफ़ी थे कि वो आज पहली बार ढंग से चुद पाई है…

अपनी उंगली से वो मेरे वीर्य को छुकर अजीब सा मुँह बनाकर देखने लगी…

मेने कहा – ये अमृत है मेरी जान, इसे इस तरह से मत देखो, विश्वास ना हो तो चख कर देखलो…

धीरे से वो अपनी उंगली को पहले अपनी नाक के पास ले गयी, उसे सूँघा, फिर अपने होठों तक ले गयी.. और अपनी जीभ पर रख कर उसका स्वाद चेक करने लगी…

मेने मुस्कराते हुए कहा – कैसा लगा…?
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RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस - by sexstories - 06-02-2019, 01:46 PM
Nise story - by Ram kumar - 01-07-2020, 11:26 PM

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