Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
06-02-2019, 01:32 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
वो शर्म से दोहरी हो रही थी, और थोड़ी आगे को झुक गयी… जिससे उसकी छोटी सी लेकिन गोल-मटोल गान्ड मेरे लंड पर अच्छे से सेट हो गयी… और वो उसके छेद पर सेट हो गया…

मेरे लंड का स्पर्श अपनी गान्ड के छेद पर होते ही वो पीछे को हो गयी, अब उसकी पीठ मेरे सीने से सट चुकी थी, उसका 32 साइज़ का सीना आगे को हो गया…

मेने उसकी चोली के उपर से ही उसके संतरों को अपनी मुट्ठी में कस लिया….

आअहह……पंडितजीिीइ….छोड़िए ना….दुख़्ता है….जीजी…कहिए ना इनसे मान जाएँ…

दुलारी – अरी मज़े करले….मौका है…, ऐसा मर्द तुझे सपने में भी नही मिलेगा….! फिर वो उठते हुए बोली –

पांडिजी, मे थोड़ा बाथरूम जाकर आती हूँ, ये कहकर उसने मुझे इशारा किया.. और खुद उठकर हॉल से बाहर चली गयी…

मेने श्यामा की चुनरी को उसके बदन से अलग कर दिया, अब वो एक लहँगे और चोली में ही थी, जिसके नीचे उसने ब्रा भी नही पहन रखा था,

उसके बबजूद भी उसकी चुचिया, एक दम कड़क किसी टेनिस की बॉल जैसी गोल-गोल, जो शायद अभी तक उनकी अच्छे से मिजायी भी नही हुई थी….

गोल-गोल मुलायम चुचियाँ मेरी मुट्ठी में क़ैद जो मेरे हाथों के साइज़ से भी छोटी थी, मुट्ठी में भरकर उन्हें मींजने लगा…

श्यामा थोड़े दर्द के एहसास के बावजूद उसने अपने दोनो हाथ मेरे हाथों के उपर जमा रखे थे… लेकिन रोकने का कोई प्रायोजन उसकी तरफ से नही था…

वो आँखें मुन्दे हुए धीरे-2 कराह रही थी, मेने एक-एक करके उसकी चोली के सारे बटन खोल दिए… इस दौरान भी उसके हाथ मेरे हाथों के उपर ही रहे… जो कभी -2 कमजोर सा प्रयास रोकने का कर देते थे… लेकिन रोका नही..

चोली से आज़ाद होते ही उसकी नग्न हल्के गेहुआ रंग की चुचियाँ…किसी नाइलॉन की गेंदों जैसी एकदम गोल, जिनके बाहरी सिरे पर दो किस्मीस के दाने चिपके हुए थे..

जो अब हाथों की मिजायी के कारण खड़े हो चुके थे…मेने उसके दानों को अपनी उंगलियों में दबाकर हल्के से मसल दिया….

आययईीीईईईईईईईई………..मोरी….मैईईईईई….इसस्स्स्स्स्स्स्शह….हहाआहह…सुुआअहह…

वो सिसकी भरते हुए अपने खुसक नाज़ुक होठों को अपनी जीभ से तर करने लगी…

तभी मेने उसके पतले से पेट पर हाथ फिराते हुए उसके लहँगे के नाडे को भी खींच दिया…
और उसकी बगलों में गुदगुदी कर दी…. वो खिल खिलाकर हँसती हुई मेरी गोद से उठ खड़ी हुई….

सर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर………..से उसका लहंगा उसके पैरों में जा टपका…. शर्म से उसने अपनी टाँगें भींच ली, उसकी देशी कच्छि में से चूत की फाँकें हल्की सी उभरी हुई अपनी मौजूदगी का एहसास दिला रही थी…

मेने अपने कपड़े निकाल कर उसे पलटा लिया, और उसका चेहरा अपनी तरफ किया, उसकी आँखें बंद थी, मेने जैसे ही उसका हाथ थामा… वो सिहर गयी…

मेने कहा – श्यामा… अपनी आँखें तो खोलो… उसने ना में अपनी गर्दन हिला दी….

मेने फिर कहा – देखो अब शर्म छोड़ो…और देखो मेरी तरफ… तो उसने धीरे से अपनी आँखों को खोला…और जैसे ही उसकी नज़र मेरे 8” लंबे और गोरे लंड पर पड़ी….

श्यामा के बदन ने एक झुरजुरी सी ली… और वो आँखें फ़ाडे एकटक उसे देखती ही रह गयी…

मे – ऐसे क्या देख रही हो… लो इसे पकडो.. प्यार करो..इसे…, वो फिर भी उसे गूंगी की तरह देखती ही रही….

तो मेने उसके हाथ को झटक कर सोफे पर खींचा और जबदस्ती अपना लंड उसके हाथ में थमा दिया…. लंड पर हाथ लगते ही वो सिहर गयी…

मेने अपने हाथ से उसकी मुट्ठी अपने लंड पर कस्वा दी… और उसके हाथ से ही उसे आगे पीछे करने लगा…

कुछ देर में वो स्वतः ही मेरे लंड को सहलाने लगी… मेने उसे पुछा – कैसा लगा मेरा हथियार तुम्हें….?

मेरी बात सूकर उसने मेरी तरफ देखा, फिर नज़र नीची करके बोली – ये तो बहुत बड़ा है…और गोरा भी…

मे – तुम सिर्फ़ ये बोलो – तुम्हें अच्छा लगा कि नही…?

वो – बहुत अच्छा है, पर इतना लंबा और मोटा…ये कैसे…ले पाउन्गि मे इसे ???

मेने उसकी चूत को अपनी मुट्ठी में कस कर दबा दिया और बोला – रानी, बड़ा है, तभी तो मज़ा ज़्यादा देता है….इसे अपने मुँह में लो… और चूसो इसे चाटो…

वो मेरे मुँह की तरफ देखने लगी और सिसक कर बोली – ससिईइ….हइई…मुँह में कैसे लेलुँ… ये तो मूतने वाली चीज़ है…

मे – अरे रानी अभी मूत थोड़ी निकल रहा है इसमें से… ले इसे जल्दी, ये कह कर मेने ज़बरदस्ती उसका मुँह अपने लंड पर दबा दिया… ना चाहते हुए उसका मुँह खुल गया और वो गडप्प से उसके मुँह में चला गया…

कुछ देर में उसके मुँह को अपने लंड पर दबाए रहा… फिर धीरे से दबाब कम किया, तब तक उसे मेरे सुपाडे का स्वाद जम गया, और वो उसे अपनी जीभ से चाटने लगी….

मे तो सातवें आसमान पर पहुँच गया… वो उसे धीरे-2 चाट रही थी, मेने कहा…चूस इसे साली अच्छे से क्यों नखरे कर रही है…

मेरी डाँट सुनकर उसने चूसना शुरू कर दिया.. मेरा हाथ उसके सर को सहलाने लगा… अब वो मज़े लेकर मेरे लंड को अच्छे से चूस रही थी…

मे सोफे पर टाँगें फैलाए बैठ था, और श्यामा नीचे बैठ कर मेरा लंड बड़े चाव से मन लगाकर चूसे जा रही थी…

मे उसके छोटे-2 संतरों को मसल – 2 कर उनसे रस निकालने की नाकाम कोशिश कर रहा था…

लंड चूस्ते हुए उसका हाथ अपनी चूत पर चला गया, और वो उसे मसल्ने लगी…
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RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस - by sexstories - 06-02-2019, 01:32 PM
Nise story - by Ram kumar - 01-07-2020, 11:26 PM

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