Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
06-02-2019, 01:25 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
योगराज आंड असोसीयेट्स को बहुत बड़ा नुकसान हुआ, एक तरह से उनके कारोबार की नीव ही हिल गयी थी…, जिसका सीधा-सीधा फ़ायदा गुप्ता & असोसीयेट को होने वाला था.

सांत्वना स्वरूप मे भी श्वेता के यहाँ गया, उसे हौसला बनाए रखने के लिए कहा…,

ऐसे मौके पर कोई ज़्यादा बातें तो नही हो सकती थी, लेकिन कुछ देर बैठने के बाद उसने अपने असोसीयेट की हेल्प करने के लिए मुझे अवश्य कहा, जिसे मेने आगे के लिए टाल दिया…………………..!

आज मे काफ़ी दिनो के बाद अपने घर लौटा था, सबके लिए कुछ ना कुछ लेकर आया था, सो सबको गिफ्ट दिए निशा को छोड़ कर…

रूचि के लिए ड्रेस के साथ साथ एक बड़ा सा टेडी बेअर लाया था, जिसे देख कर वो बड़ी खुश हुई…

भाभी ने कहा – लल्ला जी ! ये क्या, सबके लिए कुछ ना कुछ लाए हो, बेचारी निशा सबके मूह की तरफ देख रही है, उसके लिए कुछ नही लाए…

मे – निशा का गिफ्ट तो जीता जागता उसके सामने है, भला इससे अच्छा गिफ्ट क्या हो सकता है…

निशा इधर-उधर देखने लगी, शायद वो मेरी बात समझ नही पाई… मे खड़े – 2 उसके मज़े ले रहा था,

भाभी मेरी बात समझ गयी थी लेकिन सिवाय मुस्कराने के, उन्होने भी कुछ नही कहा….

संकोच वश वो बेचारी कुछ बोल नही पाई, मे अपना लॅपटॉप का बॅग लिए अपने कमरे की तरफ बढ़ गया… मेरे पीछे-2 निशा भी आगयि…

मे बाथरूम में घुस गया.. और फ्रेश होकर कपड़े चेंज किए.. जब बाहर आया तो उससे रहा नही गया, और आख़िर पुच्छ ही लिया…

आप जो बोल रहे थे, तो कहाँ है मेरा गिफ्ट…?

मेने उसके मासूम चेहरे को अपने हाथों में लिया, और उसके रस भरे होठों को किस करके बोला… ये है तुम्हारा गिफ्ट, मे जीता जागता तुम्हारे सामने नही हूँ..

वो मेरे गले से लिपट गयी, और गद गद होकर बोली – मे सच में कितनी बड़ी बेवकूफ़ हूँ, जो आपकी बात समझ ही नही पाई,

सच में इससे बड़ा और क्या गिफ्ट हो सकता है मेरे लिए…

फिर मेने अपने बॅग से एक डिब्बा निकाल कर उसको पकड़ा दिया, और बोला – लो अपना गिफ्ट..

वो – क्या है इसमें..?

मे – खोलकर देख लो.. तुम्हारा गिफ्ट है, मे क्या बता सकता हूँ..

जब उसने बॉक्स खोलकर देखा…डिब्बे में एक हीरों का हार देख कर उसकी आखें खुशी से जुग्नुओ की भाँति चमकेने लगी… !

मे – कैसा लगा अपना गिफ्ट…?

वो आँखें चमकाती हुई बोली – मेरे लिए है…?

मेने चुटकी लेते हुए कहा – नही हमारे गाओं की चंपा नाइं के लिए है…!

वो खुशी के मारे मेरे सीने से आ लगी, और बोली – बहुत सुंदर है. थॅंक यू वेरी मच जानू…

मे – अब पहन कर नही दिखाओगी..?

तो उसने डिब्बा मेरे सामने कर दिया, और बोली – लीजिए, आप खुद ही पहना दीजिए..

मेने वो हार उसकी गोरी – 2 सुराइदार गर्दन में पहना कर उसे ड्रेसिंग टेबल के सामने लाया और उसके पीछे खड़े होकर उसके गले को चूमकर बोला….

बहुत सुन्दर लग रही हो… इस हार की किस्मेत खुल गयी, तुम्हारे गले में आकर..

उसने पलट कर मेरे होठ चूम लिए… उसकी आँखों से खुशी के मारे दो बूँद आँसू निकल पड़े … आइ लव यू जानू…

मे – आइ लव यू टू जान ! कहकर मेने उसे अपने सीने में कस लिया…

फिर वो अपना हार दिखाने भाभी के पास चली गयी, और में लॅपटॉप लेकर पलंग पर आ गया…!

भाभी की प्रेग्नेन्सी को 5 महीने हो चुके थे, सो उनको ज़्यादा काम ना करने की हिदायत दी गयी थी…

मेने उन्हें सुझाव दिया कि क्यों ना मदद के लिए रामा दीदी को बुला लिया जाए.. उन्हें मेरा प्रस्ताव पसंद आया, और उन्होने दीदी को फोन लगा दिया..

मेरी शादी के बाद एक बार वो आ चुकी थी, तो उन तीनो की फोन पर लंबी चौड़ी बातें चली, फिर जब भाभी ने उन्हें आने के लिए पुछा तो उन्होने अपनी मजबूरी बता दी…

रामा – भाभी मन तो मेरा भी बहुत है, लेकिन यहाँ की ज़िम्मेदारी इतनी हैं कि इन्हें छोड़ कर नही आ सकती, गुड्डू (उनका बेटा) भी स्कूल जाता है…

मे एन वक़्त पर ही आ पाउन्गी… सॉरी भाभी…मे जानती हूँ आप मेरी मजबूरी समझती होंगी…

तो भाभी ने कहा – मे सब समझती हूँ, तुम चिंता मत करो यहाँ सब ठीक हो जाएगा, वैसे ये सुझाव तुम्हारे प्यारे भैया छोटू का था…

फिर उन्होने मेरे साथ बात की और बोली – सॉरी भाई, मन तो मेरा भी तुझे मिलने का बहुत था, पर क्या करूँ ..तू खुद समझदार है…

मे – कोई नही दीदी, आप अपना घर सम्भालो, हम यहाँ मॅनेज कर लेंगे.. इस तरह कुछ और इधर-उधर की बातें की आज बहुत दिनो बाद अपनी बेहन से बात हुई थी, कुछ पुरानी यादें ताज़ा हुई, तो हम दोनो की आँखें भर आईं…

फिर दीदी ने भाभी की डेलिवरी के समय आने का वादा करके फोन कट कर दिया…
रूचि भी अब काफ़ी बड़ी हो गयी थी, और 5थ स्ट्ड. में पढ़ रही थी..

रात देर तक हम चारों जाने बातें करते रहे… फिर जब रूचि को नींद आने लगी तो वो दोनो माँ बेटी उठाकर सोने चली गयी.. और मे अपनी जान को लेकर पलंग पर कुस्ति खेलने आ गया…!

आज लगभग 15 दिन बाद में घर आया था, सो निशा मुझपर भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ी.. और रात भर में वो पिच्छले सारे दिनो की कसर निकालने लगी…

पलंग पर आने से पहले ही वो अपने सारे कपड़े निकाल चुकी थी, फिर उपर आकर मेरे सारे कपड़े निकलवा दिए… उसको इतनी जल्दी थी, मानो उसकी ट्रेन छूटने वाली हो…

झपट कर मेरा लंड थाम लिया, और उसकी भरपूर सेवा की, फिर मेरे सीने पर धक्का देकर पलंग पर लिटा दिया,
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RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस - by sexstories - 06-02-2019, 01:25 PM
Nise story - by Ram kumar - 01-07-2020, 11:26 PM

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