RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
शास…बुआ हम बचपन में एक कविता बोला करते थे….
“या इलाही ,दे लुगाई…उमर सोलह साल”
“छोटी छोटी चुचियाँ…चूत बगैर बाल”””
बस आज तुम्हारी उसी चूत को जो आज मेरे लिए तैयार है…ज़रा मस्ती में आराम से चोदुन्गा…बुआ…बस थोड़ा इंतजार करो….
संतोष…शास…तुमने तो मुझे फिर गरम करना शुरू कर दिया…है…मेरी चूत में फिर कुछ होने लगा है….ना जाने तुम्हारे लंड में क्या है…मेरी चूत तो इसकी दीवानी हो गयी है……ऑर संतोष ने अपने चूतड़ ऊपर को उछाल दिए……
शास…तो क्या हुआ बुआ तुम्हारा शास ऑर उसका लंड दोनो तैयार हैं…..
शास…तो क्या हुआ बुआ तुम्हारा शास ऑर उसका लंड दोनो तैयार है…..मेरा लंड आपकी चूत को उस समय तक लगातार चोदता रहूँगा…..जब तक ये पूरी तरह से संतुष्टि ना हो जाए…जब तक तुम्हारी चूत की पूरी प्यास ना बुझ जाए….जब तक तुम्हारी चूत की अंदर तक की खुजली ना मिट जाए….
कुसुम…शास कुछ मेरी चूत के बारे में भी सोचो…या फिर झूठी तसल्ली ही देते रहोगे…दीदी की चूत में ऐसा क्या है…जो उसी चूत के पीछे पड़े हो….आज रात भर क्या दीदी की चूत ही चोदोगे….
शास…कुसुम बुआ…मेरे लंड की पहली मुलाकात इसी चूत से हुई थी…ऑर इसी चूत ने पहली बार मेरे लंड का कुछ पानी निकाला था…भला ये लंड इस चूत का उपकर कैसे भूल सकता है…..इस चूत को तो मेरा लंड उम्र भर लगातार चोद सकता है….ऑर फिर इसी चूत का पानी पीकर तो ये लन्ड़ जवान हुआ है….
संतोष…तो फिर देर किस बात की है….चोद दे साली को एक बार फिर…पर अब ये अंदर से कुछ ज़्यादा ही चिपचिपी हो गयी है शास….मेरी चूत ने इतना पानी छोड़ा है कि अंदर पानी ही पानी भरा है…ऊपर से चूत फटने के कारण खून भी अंदर ही भरा हुआ हाई…..
शास…में लंड को बाहर निकालता हूँ…आप मेरे लंड को किसी कपड़े से सॉफ कर दो में फिर से अंदर डाल दूँगा….ये कहकर शास ने लंड को बाहर खींचा…ऑर फूच की आवाज़ के साथ लंड निकल आया…संतोष की चूत से लाल रंग का पानी बाहर बहने लगाजिसे कुसुम बड़े ध्यान से देख रही थी….
कुसुम…दीदी तुम्हारी चूत में से इतना पानी ऑर वो भी लाल रंग का….
संतोष…आज इतने दिनो बाद जम कर चुदाई हुई है तो पानी तो निकले गा ही…ऑर खून मिला होने के कारण ही लाल है….
शास के लंड को देखकर संतोष सोच में पड़ गई…क्या वास्तव में उसकी चूत में ये इतना भारी लंड ही घुसा था…शास का लंड पूरा फूला हुआ था..ऑर झटके मार रहा था….मेरी चूत ने इस लंड को कैसे झेला होगा…ये सोच कर वो खुद हैरान थी…ये तो गधि की चूत को भी फाड़ दे…पर मेरी चूत इसे भी झेल गयी…ऑर फिर अपनी चूत पर गर्व से मुस्कुरा दी….
संतोष ने कपड़े से शास के लंड को सॉफ किया…ऑर झटके मारते लंड पर हाथ रखकर बोली…क्या यही मस्टंड लंड मेरी चूत में फँसा था….हाई राम ये कैसे अंदर गया होगा….
शास…देखलो बुआ…आपकी चूत इस लंड को पूरा पी गयी…आपकी चूत बड़े ही कमाल की है…अब तो यदि आप गधे का लंड भी अपनी चूत में लोगि तो भी कुछ नहीं होगा….ऑर शास ने संतोष को फिर से बेड पर लिटा कर उसकी चूत के मुँह पर लंड का सुपाडा रखा ऑर एक ही जोरदार धक्के में पूरा लंड अंदर डाल दिया…..संतोष की एक बार फिर चीख निकल गयी….ऑर फिर से आँखों में पानी आ गया…फिर शास की ओर देखा….
संतोष…बड़े बेरहम हो शास…कम से कम मेरी चूत का कुछ तो ख़याल किया होता….इतनी बेरहमी से घुसेड दिया…पहले ही क्या फाड़ने में कमी रखी है…….चूत के अंदर भी जखम कर दिए तुम्हारे इस लंड ने….
शास…बुआ…चूत ख़याल रखने के लिए नहीं…बस चोदने की चीज़ होती है…ऑर में वही कर रहा हूँ…..आज तुम्हारी चूत को पूरी तरह से चोदना चाहता हूँ…जितनी बेरहमी से में आपकी चूत को चोदुन्गा…आपको उतना ही ज़्यादा मज़ा आएगा बुआ….क्या आपको मज़ा नहीं आ रहा है….
संतोष…मज़ा तो बहुत आ रहा है…इस चुदाई के लिए तो ना जाने कब से तड़प रही थी…पर दर्द भी आज बहुत हुआ है..ऑर चूत भी इतनी फट गयी है कि काफ़ी दिनो बाद अब ठीक हो पाएगी….ऑर हो सकता है डॉक्टर की मदद भी लेनी पड़े सकती है…तुमने तो कमी छोड़ी नहीं है…..
शास…बस बुआ आज तो चुदाई का पूरा मज़ा लो..भूल जाओ कि फटेगी या नहीं…बस गान्ड को उछाल कर चुदो…तो मज़ा आए….जब फट ही गयी है तो फिर क्या घबराना…थोड़ी फटी या ज़्यादा…इससे क्या फ़र्क पड़ता है….
ऑर अब संतोष भी चूतड़ उछाल उछाल कर लंड को अंदर ले रही थी….
कुछ ही देर बाद फिर से संतोष की चूत पानी छोड़ने लगी थी ऑर उसकी सिसकारियाँ गूज़्ने लगी थी…ऑर शास का लंड बड़ी ही बेरहमी से उसे चोद रहा था….उूुउउम्म्म्ममाआऐईईएुुउउईईआआअहहाआआईईएइससस्स्स्स्सिईईई
के साथ संतोष मिमया रही थी ऑर शास तूफ़ानी गति से संतोष को चोद रहा था…..लगता था…कि आज शास ने संतोष की चूत का कबाड़ा बनाने की ठान ही ली थी….संतोष की साँसे फूल रही थी…ऑर वो ऊपर चूतड़ उछाल उछाल कर शास के लंड को अंदर ले रही थी…साथ मे मिमिया भी रही थी….आआअहहामम्म्ममममममममाआऐईईइससस्स्स्स्स्सिईईईई
कुछ देर चुदाई के बाद संतोष का शरीर फिर ऐंठने लगा था…उसकी आँखें ज़ोर से बंद होने लगी थी…एक बार फिर उसका शरीर उसका साथ छोड़ रहा था…उसे लग रहा था…कि उसकी चूत में आने वाला तूफान अबकी बार ऑर जवानी पर होगा….तेज तेज साँसों के बीच संतोष…ने शास को फिर ज़ोर से बाहों में जकड लिया….ऑर ज़ोर से….शास…मैं तो जा रही हूँ…आआआहहुउऊुुुुुुुुुुुउउम्म्म्ममममममममममममममममम के साथ ही संतोष नीचूड़ने लगी थी…उसकी चूत के गरम पानी ने शास के लंड को एक बार फिर ज़ोर से गरम किया…ऑर शास को लगा कि अब वो भी नहीं रुक पाएगा….ऑर उसने धक्को की ऑर स्पीड बढ़ा दी थी….उूुुुुउउम्म्म्मममम आआआहह ले बुआ ऑर ले….ऑर चुद….ले फडवा ले…..में भी आ रहा हूँ ….ले भर ले अपनी चूत को मेरे पानी से….बुझा ले अपनी पयास…आआआहह….उूुउउम्म्म्मममम अब शास की साँसे भी ऑर तेज हो गयी थी…ऑर उसने आँखें बंद कर ली थी…धक्को की स्पीड ऑर तेज ऑर तेज..और गहराई तक… शास को लगा कि उसके लंड का सुपाडा संतोष की बच्चेदानी के मुँह में घुस गया है….ऑर नीचुड्ती हुई संतोष एक बार फिर मिमिया उठी.ऊऊऊईईईईआआआईइससस्सिईईईईई
ऑर शास के लंड ने एक तेज पिचकारी छोड़ दी…..ऑर सारा वीर्या संतोष की बेच्चेदानि में समा गया…..
संतोष को आज एक अजीब सा सुखद अहसास हुआ….और उसके पानी छोड़ने की स्पीड एक बार फिर बढ़ गयी…ऑर लंड चूत के मिलन के साथ ही दोनो के पानी का मिलन भी हो गया…शास ने गरम गरम…वीर्य ने संतोष की चूत ऑर बच्चेदानि को नहला दिया…..उउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआईएइससस्स्सिईई…की आवाज़ के साथ लंबी खामोशी…रूक्रूका कर शास के धक्के….ऑर लंड की पिचकारी…दोनो ही मदहोशी में…सातवे आसमान पर….एक दूसरे की बाहों में कस कर जकड़े हुए…… लेटे रहे…शास का लंड अभी भी चूत के गहराई में ऑर उतरने की कोशिस में…बच्चेदानि के मुँह में घुसता हुआ…अंदर दाखिल हो रहा था….
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