RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
दोस्तों…लंड कैसा भी हो…चूत तो वो बला है…आख़िर में लंड को पी ही जाती है…कुसुम की निगाहें भी संतोष दीदी पर जमी थी…वो ये भी जान चुकी थी…कि शास के भयंकर लंड ने अब अपना रास्ता बना लिया है…ऑर दीदी की चूत धीरे धीरे पूरे लंड को खा जाएगी….. इससे उसकी उत्तेजना ऑर बढ़ने लगी थी…उसने ये तो बहुत सुना था…कि पहली बार तो दर्द होता ही है….चाहे लंड बड़ा हो या छोटा….पर जो मज़ा और सुख मोटा…लंबा..मजबूत लंड देता है…वो अलग ही होता है….उसके लिए तो औरते तरसती है…पर भाग्य से आज उसे भी वही लंड मिलने जा रहा है…ऑर इस सुनहरे मौके को अब तो बिल्कुल भी नहीं खोएगी….यही सोचते ही उसकी चूत की पंखुड़ियाँ खुलने बंद होने लगी थी……
कुछ देर दर्द से सिसकती हुई संतोष ने अब कुछ राहत मिली थी…पर शास…..तो लगातार नज़र रख रहा था…जैसे ही उसने महसूस किया कि बुआ अब छटपटा नहीं रही बल्कि अब शांत है ऑर एंजाय कर रही है….शास ने अपने लंड पर थोड़ा सा दबाव बनाया..संतोष ने फिर दर्द का अनुभव किया…पर शास ने इस प्रकार लंड पर दबाव बनाए रखा…कि जैसे ही बुआ की चूत कुछ ही ढीली होती लंड का कुछ हिस्सा अंदर सरक कर जगह बना लेता था…..
संतोष…शास अभी रुक जाओ…बहुत दर्द हो रहा है…
शास…बुआ…में तो बड़े आराम आराम से डाल रहा हूँ…
संतोष…तुम तो आराम से डाल रहे हो पर तुम्हारा ये लंड तो मेरी जान ही निकाले दे रहा है……
शास…क्या अच्छा नहीं है..बुआ मेरा लंड…..
संतोष…तुम्हारा लंड तो बहुत ही प्यारा है पर पहली बार तो झेलना मुश्किल है…अभी मेरी चूत इतनी खुली हुई नहीं है…..
शास….बुआ तुम्हारी चूत तो बहुत ही लचीली ऑर रसीली है…अभी कुछ ही देर में ये मेरे पूरे लंड को खा जाएगी….ऑर तुम्हे पता भी नहीं चलेगा…..
संतोष…पर तब तक मेरी चूत चूत नहीं…फटी हुई कुतिया की चूत बन जाएगी….
शास…कुछ नहीं होगा बुआ…आपकी चूत ने इस लंड को पहले भी लिया है…ऑर आज भी पूरा का पूरा हजम कर जाएगी….ये कहते ही शास ने एक हल्का सा धक्का लगा दिया….ऑर संतोष की एक बार फिर चीख निकल गयी…..उईईईईईईईईईई माआआ
मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गैिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई हाइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईयहह
ऑर संतोष ने ज़ोर से अपने होंठ भींच लिए थे……..चूत के दर्द को झेलने की कोशिस में संतोष का चेहरा कई रंग बदल रहा था…..
संतोष….शास…आज तो तुमने मार ही डाला…अब तो दर्द सहन नहीं हो रहा है…
शास…बुआ अभी तो एक चौथाई लंड भी अंदर नहीं गया है…थोड़ा हिम्मत से काम लो पर जल्दी से पूरा पी जाओगी…..
संतोष…हाँ शास…मेरी चूत फट तो चुकी ही है…ऑर जो फॅटनी है फट जाए…बस तुम कुछ ऐसा करो कि ये तुम्हारा लंड एक बार में ही अंदर चला जाए…बार बार के लंबे दर्द से बस एक बार में ही छुट्टी हो जाएगी…..अब जब ओखली में सिर दे लिया है तो मुसलों से क्या डरना है……
शास…ठीक है बुआ….वैसे भी तुम्हारी चूत तेल से भरी है…ज़्यादा परेशानी नहीं होगी….ऑर तुम्हारी गरम चूत रहने से वो तेल भी गर्म हो गया है तुम्हारी चूत की सिकाई भी करता रहेगा…..
संतोष….ये तेल तो तुम्हारे इस मोटे महा लंड के गरम सुपाडे को छूकर गरम हुआ होगा….तुम्हारा लंड तो बहुत गरम हो रहा है…मेरी चूत को अंदर ही अंदर झुलसा रहा है…..
शास…चलो बुआ…गरम लंड गरम चूत ऑर उसमें गरम तेल….बढ़िया सिकाई हो रही होगी…दर्द कम होगा….
कुसुम…अब गरम सिकाई छोड़ो…जो तोड़..फोड़ करनी है जल्दी करो…सिकाई तो हो ही रही है…डर भी नहीं होगा…तो फिर इस लंड को जल्दी से अंदर डाल कर निपटो ना… दीदी तो पहले भी चुदाई करवा चुकी है…पहले भी आनंद लूट चुकी है…पर मुझसे और इंतजार नहीं हो पा रहा है…मुझे भी तो…तुड़वा फुडवा कर मज़े लूटने है कि नहीं….
शास…चिंता क्यूँ करती हो डार्लिंग बुआ…तुम्हारी चूत को तो ज़रा आराम से सहला सहला कर चोदुन्गा….रानी….
कुसुम…पर कब…अभी तो ये अंदर ही नहीं जा रहा है…..
|