RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
हर औरत की तमन्ना होती है कि उसे एक मोटा मस्टंड लंड चोदे…पर आज संतोष ऑर कुसुम की पानी छोड़ती हुए चूत ही शांत हो गयी थी…
शास…क्यूँ घबरा रही है बुआ…इसको आपने पहले भी अपनी चूत में डाला है….ऑर आज भी कोई परेशानी नहीं होगी….ये कहकर शास ने फिर से संतोष बुआ को अपनी ओर खींच कर अपनी बाहों में भर लिया…ऑर बेतहाशा चूमने लगा…..
शास…संतोष बुआ को बाहों में भरकर बेतहाशा चूमने ऑर चाटने लगा था…
संतोष बुआ शास की बाहों में जकड़ी हुई…ऑर शास बुआ के हर अंग अंग को चूमता रहा…इस पर संतोष फिर से गरम होने लगी थी…उसकी चूत फिर से पानी छोड़ कर पिलपिलाने लगी थी….संतोष भी अब मस्त होकर शास से ऑर चिपकने लगी थी…ऑर वो भी शास की प्रतिक्रियाओं का जबाब दे रही थी…
संतोष….पर शास एक बात तो बताओ…तुम्हारा ये लंड कुछ ही दिनो में इतना मोटा, लंबा ऑर ताकतवर कैसे हो गया है….
शास…बुआ सच सच बताऊ…..
संतोष….हाँ सच सच बताओ कि इसे ऐसा क्या पिला दिया कि ये इतना भयंकर हो गया है…मेरी चूत तो इसे अब शायद ही झेल पाए….अगर ये अंदर गया तो मेरी चूत तो पक्का फट जाएगी….
शास…वास्तव में बुआ मेरे लंड ने उस दिन जो आपकी चूत का पानी पिया था…उसी के कारण से ये फूल कर कुप्पा हो गया ऑर दूसरे आपने इसे अपनी ताज़ी चूत का ताज़ा पानी पिलाया था…बस वही कारण है….
संतोष…मेरी चूत के पानी में क्या बोर्नवीटा मिला था शास…
शास…अब ये तो आपको ही मालूम होगा ना बुआ…कि आपकी चूत के पानी में वो क्या खास है… अव्व्ल तो आपकी चूत ही खास है ना बुआ….
संतोष…क्यूँ मेरी चूत में खास क्या है…
शास…मेरे लंड से पूछो…कि इसे आपकी चूत से क्या मिला…ऑर ये क्यूँ बेचैन हुआ जा रहा है…आपकी चूत में जाने के लिए….
संतोष बुआ ने शास के होंठ चूम लिए…तुम बातें बहुत बनाते हो शास…ये कह कर संतोष फिर से शास से लिपट गयी…
शास एक…बार फिर जोश में था….उसका लंड ठुमके पे ठुमके मार रहा था….ऑर कुसुम उन दोनो को देख देख कर फिर से उत्तेजित हो चली थी….
कुसुम…दीदी क्या वास्तव में आप इस लंड को चूत में लेंगी….
संतोष…उखड़ी हुई साँसों के साथ…कुछ मिम्याती हुई….आज जो भी होगा कुसुम देखा जाएगा…पता नहीं ये लंड फिर इस जनम में मिले ना मिले…कम से कम इस लंड की यादे तो रहेंगी….
कुसुम…अगर चूत फट गई तो क्या करोगी…दीदी…
संतोष…आज चाहे जो हो जाए…फटे तो फटे…ऑर यक़ीनन फट ही जाएगी…पर क्या हुआ कुछ दिन में ठीक हो जाएगी….पर आज इस लंड को चूत में ज़रूर लेकर रहूंगी…..
कुसुम…पर मुझे तो डर लग रहा है…में क्या करूँगी….
संतोष…भूल जा सब कुछ….आज की रात यादगार रात बना ले…फिर तू तो डॉक्टरनी है….सिलाई करा लेना…ऑर मुस्कुरा दी…
संतोष की चूत से एक बार फिर पानी का लावा बहने लगा था…वो कई बार शास के लॅंड को हिला भी देती थी…जिससे लंड फिर से सलामी मार देता था….
शास…बुआ अब मेरे लंड से रुका नहीं जा रहा है…अब तो ये चूत में जाने को बेकरार है…
संतोष…तो फिर डाल दो मेने कब मना किया है…..
शास…पर ये अंदर जाएगा कैसे….पहले तुम अपनी चूत को थोड़ा ऑर ज़्यादा खोल लो….
संतोष….मगर कैसे…भला में कैसे खोल सकती हूँ…
शास…अपने पैरों को पूरी तरह से ऊपर उठाकर अपनी गर्दन पर लगा लो…ऑर गंद के नीच मोटा तकिया ले लो….
संतोष…मेरे साजन…अब में तो तैयार हूँ जो चाहो तुम खुद करो…लंड चूत में डालना है तो जो चाहे करो…
शास…में तो चूत के मुँह पर रख कर पेल दूँगा…पर देख लो तुम ही चिल्लाओगी…फिर मुझे ना कहना….
संतोष…अच्छा अच्छा…कुसुम ज़रा किचन से थोड़ा सरसों का तेल( आयिल) तो ले आ….ऑर खुद दो मोटे मोटे तकिये….अपनी गान्ड के नीचे ले लिए…लो शास…मेने ये भी कर दिया…तभी कुसुम ने तेल ला कर दे दिया…ऑर शास ने आधी शीशी संतोष की चूत में उडेल दी…..आआआआहह की सिसकारी के साथ संतोष सिहर गयी….
संतोष…अब जो भी करना है…करो शास…अब तो मुझे से भी बर्दास्त नहीं हो रहा है…बस जल्दी से अंदर डालो…..
शास…ये लो बुआ रानी…बंदा भी तैयार है…ऑर शास ने बुआ की दोनो टाँगे…ऊपर उठाकर उसकी गर्दन के पास दबा दी …अब चूत पूरी तरह से खुल गयी थी…..
कुसुम ने एक नज़र शास के लंड पर डाली…आआअहह कितना भयंकर है…आज तो बस दीदी की चूत तो गई काम से…..शास के लंड का मोटा गुलाबी सुपाडा….देखकर कुसुम की फिर से आआहह निकल गयी….
शास ने लंड का मोटा फूला हुआ…गुलाबी सुपाडा…संतोष बुआ की गुलाबी फड़फड़ाती हुई चूत के मुँह पर रख दिया ऑर चूत के दोनो पर्दे एक ओर खींच कर लंड का दबाव चूत पर बढ़ा दिया….पर लंड चूत से ऊपर की ओर फिसल गया…..
शास के लंड का सुपाडा जैसे ही संतोष की चूत से ऊपर को फिसला…तो संतोष की चूत की क्लिट जो उत्तेजना में फूलकर उभार ले चुकी थी को जड़ से रगड़ते हुए ऊपर गया…ऑर संतोष की जोरदार सिसकारी निकल गयी….आआअहह शास….उूुउउम्म्म्मिईईईईई…ज़रा आअराम सीई आआअहह
शास ने फिर से चूत के पल्लों को बाहर की ओर खींच कर लंड को चूत के मुँह पर टिका दिया…बुआ की चूत तो पहले ही मुँह फाडे हुए थी…शास ने काफ़ी दबाव बनाया पर लंड अंदर नहीं जा रहा था…
अब शास ने बुआ के दोनो कंधी पकड़े ऑर लंड के दबाव को ज़ोर के झटके में बदल दिया…….
उूुउउईईईईई आआआआआअसस्स्स्सिईईईईईईईईईईई के साथ संतोष चीख पड़ी….उसकी चूत में असहनीय दर्द हुआ क्योंकि चूत की उपरी ओर नीचे के दोनो जोड़ खुल चुके थे…ऑर खून निकलने लगा था…पर शास के लंड का सुपाडा चूत में 1 एंच अंदर तक समा गया था….
संतोष की आँखों से आँसू निकल आए थे.. वो दर्द पर काबू नहीं कर पा रही थी…शास ने अभी लंड को वही पर छोड़ कर बुआ की चुचियों से खेलते हुए उसके नाज़ुक रसीले होंठों को मुँह में ले लिया था…. .शास मस्ती में बुआ के अंग अंग को चूम रहा था….उसके होंठ…गाल ऑर कान चूम कर बुआ के दर्द को कम करने की कोशिस कर रहा था…
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