RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
शास…..अभी भी संतोष की दोनो टाँगों को ऊपर उठाकर उसकी चूत को मस्ती में चाट रहा था…संतोष बुआ की चूत ऐसे लग रही थी जैसे किसी अधखिले गुलाब की गुलाबी पंखुड़ियाँ खुली हुई हों…उसे अब टपकता पानी स्वादिष्ट ओस की बूँदों की तरह से चमक रहा था…संतोष की चूत अभी भी खुल- बंद होकर अपनी चूत की अंतिम बूँद को बाहर निकालने का प्रयास कर रही थी…शास ने एक बार फिर चूत को देखा….वाह क्या गुलाबी चूत थी…ऑर एक बार फिर अपनी जीब संतोष की चूत में घुसा दी…बुआ एक बार फिर सिसक पड़ी….शास की जीब बुआ की चूत में अंदर बाहर होकर उसकी चूत को चोद रही थी…ऑर बुआ भी सातवे आसमान में स्वर्ग की सैर कर रही थी….बुआ की चूत अभी भी टाइट ऑर कुँवारी चूत जैसी ही महसूस हो रही थी….इसी लिए उसकी सुगंध ऑर टेस्टी पानी ने शास को भी मदहोश कर दिया था….
कुछ देर के बाद संतोष बुआ का शरीर ढीला हुआ…और शास की ओर देखा जो उसकी चूत में दन दना दन जीब घुमा रहा था… ऑर शास का पूरा मुँह उसकी चूत के पानी से अभी तक सना हुआ था….बुआ मुस्कुरा दी…तभी बुआ को शास के लंड का ख़याल आया…उसे याद था कि पहली बार शास ने अंजान होते हुए भी उसकी चूत की जो मस्त चुदाई की थी जिसे वो आज तक नहीं भूली थी….
संतोष ने अपना हाथ बढ़ाकर शास के लंड को पाजामे के ऊपर से ही पकड़ लिया….एक बार तो उसके पैरों के नीचे की मानो ज़मीन ही खिसक गयी हो…हहााया राम….इतना बड़ा…लंड….पर उसने सोचा कि शायद कपड़े होने की वजह से उसे कुछ ज़्यादा ही बड़ा नज़र आ रहा है….
संतोष….शास…अब ज़रा अपने लंड के भी तो दर्शन करा दो…बहुत दिन हो गये है….उसके दर्शन किए हुए……
कुसुम…दीदी वो तो बेचारा अपने ही पानी में नहाया हुआ सोया पड़ा होगा…
शास…हाँ बुआ क्यूँ नहीं…ये लंड तो सबसे पहली बार आपने ही देखा था…आपने ही इसका इस्तेमाल बतया था…ऑर पहली बार आपकी चूत में ही घुसा था….इस पर पहला हक़ भी तो आपका ही है….आप जब चाहे…जैसे चाहे देख ले….या जब चाहे इस्तेमाल कर लें
कुसुम…क्या कपड़ो से बाहर निकालने में शर्म आ रही है…लाओ में निकाल देती हूँ दीदी इसे तो शर्म आ रही है….ऑर इसका लंड भी कहीं दूबका पड़ा होगा…..ये कहते कहते कुसुम ने शास का पाजामा नीचे खिसका दिया…..
पर पाजामे के नीचे होते ही कुसुम के होश उड़ गये…उसने देखा कि शास का लंड उसके अंडरवेर में से बाहर झाँक रहा है…उसकी उम्मीदों से कहीं ज़्यादा लगभत 4 गुना ज़्यादा बड़ा ऑर मोटा ऑर लंबा लंड…..उसने तो सोचा था कि -4-5 इंच का होगा….ऊऊफफफफ्फ़ पर ये क्या….ये लंड है या कोई भयंकर हथियार…..उसके तो होश ही उड़ गये….भला इस लंड को कॉन औरत अपनी चूत में डलवाकर उसका सत्यानाश करेगी…..कुसुम के चेहरे पर घबराहट साफ झलक रही थी…..उसकी साँसे जहाँ की तहाँ रुक गयी…..
संतोष…क्या हुआ कुसुम…तुम्हारा चेहरा क्यूँ उतर गया…क्या शास का लंड वाकई में ही सोया पड़ा है….
कुसुम….हड़बड़ाकार…नहीं दीदी….ये लंड कहाँ…ये तो गधे घोड़े से भी बड़ा है इसे लंड कहूँ या लन्डाअ….बाप रे बाप भला इस लंड को कॉन औरत ले पाएगी….दीदी ये शास अभी तक हमें बेवकूफ़ बना रहा था…
शास…क्यूँ….संतोष बुआ क्या मेने अभी तक कुछ कहा था…ये खुद ही ना जाने क्या क्या बोल रही थी…मेने तो अभी तक कुछ भी नहीं बोला था…
संतोष..एक साथ उठ बैठी…उसकी आँखें भी शास के लंड को देखकर फटी की फटी रह गयी….अभी कुछ दिनो पहले ही तो वो शास से चुदि थी…तब तो ये इतना ख़तरनाक नहीं था….फिर कुछ ही दिनो में ये कई गुना बड़ा कैसे हो गया है….
शास….क्या हुआ बुआ…आपने तो पहले भी देखा है…आप क्यों ऐसे देख रही है…..जैसे पहली बार देख रही हो…..
संतोष…हाँ शास इस लंड को तो आज पहली बार ही देख रही हूँ…जो लंड उस दिन मेने देखा था…वो तो इससे आधा ही था इसे क्या हुआ शास ….
यक़ीन मानिए दोस्तों आज संतोष ऑर कुसुम दोनो के चेहरे पर ना जाने कितने विचार आ जा रहे थे…संतोष खुद भी हैरान थी…कुछ ही दिन पहले ही उसने खुद इस लंड को खड़ा किया था….खुद अपने हाथो से अपनी चूत में घुस्साया था…पर आज तो ये लंड उस दिन से दुगना हो चुका है….
हर औरत की तमन्ना होती है कि उसे एक मोटा मस्टंड लंड चोदे…पर आज संतोष ऑर कुसुम की पानी छोड़ती हुए चूत ही शांत हो गयी थी…
शास…क्यूँ घबरा रही है बुआ…इसको आपने पहले भी अपनी चूत में डाला है….ऑर आज भी कोई परेशानी नहीं होगी….ये कहकर शास ने फिर से संतोष बुआ को अपनी ओर खींच कर अपनी बाहों में भर लिया…ऑर बेतहाशा चूमने लगा…..
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