RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
शास…इसमें मेने कोन्सि बात कह दी…बस में समझा न्ही था…इसी लिए पूछ लिया…..ऑर फिर जो भी सिखाया है आपने ही तो सिखाया है…..बुआ…वर्ना में क्या जानता था….
संतोष…अच्छा तो में आपकी गुरु हूँ ना…तो बताओ गुरु दक्षिणा में आज क्या दोगे…..
शास….में सारा का सारा आपका आप जो चाहे ले लो…ऊपर से नीचे तक…
तब तक चाय ऑर दूध बन चुके थे…कुसुम ओर संतोष ने चाय ली ऑर शास के हाथ में दूध का गिलास थमा दिया……ऑर कमरे की ओर जाने लगे…..
शास…आपने तो मुझे ये दूध थमा दिया आज तो में वही दूध पीना चाहता था बुआ जो आपने खेत में पिलाया था….
संतोष…बेचैन क्यूँ होता है शास …वो भी पी लेना बल्कि एक का नहीं आज तो दो दो का पीना…पर पहले उसके लिए ये दूध पीकर तैयार तो हो जा…उस दिन में अकेली थी…पर आज दो है…क्या झेल पाएगा….
शास…बुआ आपका दूध पीकर तो में कुछ भी…ऑर भी दो को झेल सकता हूँ……
कुसुम…बस बस रहने दे….एक ही औरत कैसे ही मर्द की हेकड़ी निकाल देती है….फिर हम तो दो है…ज़्यादा मर्द ना बनो….
शास…आपने कितने मर्द देखे है कुसुम बुआ….
कुसुम…मेने नहीं देखे तो क्या हुआ…आपस में बाते तो की है….सभी औरते कहती है…कि मरद का क्या थोड़ी देर में ही ढेर हो जाता है….
संतोष…नहीं नहीं…कुसुम मेने देखा है…शास की तुलना….उन मर्दों से मत करो….ये तो अंतिम बूँद तक निकाल कर ही दम लेता है….
शास…संतोष बुआ आप रहने दो…..कुछ ही देर की तो बात रही है…ये खुद ही हमें ढेर कर देंगी….बस आप हमें उठाकर संभाल लेना….लगता है…इनकी चूत तो कुछ ज़्यादा ही प्यासी है….
शास ने अब पहली बार चूत शब्द का प्रयोग कर बातों को नयी दिशा देनी शुरू कर दी थी…..
कुसुम…लजा कर देखो तो दीदी…ये क्या बोल रहा है….
संतोष…इसमें बुरा क्या है…चूत को चूत नहीं तो क्या कहेंगे….
कुसुम…स्वर्ग का द्वार…ऑर हंस दी….फिर तीनो हंस पड़े….
संतोष…हाई शास ये तो तुमने सच ही कहा है…हम दोनो की चूत ही बहुत प्यासी है…इस डॉक्टरनी ने तो लंड को देखा तक नहीं है…..आज तुम अपने लंड से हम दोनो की चूत की प्यास बुझा दो……अब संतोष भी खुलकर सामने आ चुकी थी……
फिर तीनो बेड पर बैठ गये ऑर कुसुम ऑर संतोष ने चाय पी कर कप एक ओर रख दिया….ऑर शास ने भी गिलास रख दिया…..
संतोष…अब बताओ शास…पहले किसका दूध पीओगे…कुसुम का या मेरा….
शास…अब तो बुआ नींद आने लगी है…आपने दूध ही इतना पीला दिया है…कि बस सोने को जी चाह रहा है…..
संतोष…हम दोनो को बीच मजधार में छोड़ कर तुम सो जाओगे….
कुसुम…मेने कहा नहीं था…कि मर्दों का क्याआ…दो मिनट में ही ढेर हो जाते है…ये तो पहले ही ढेर होने की तैयारी में है…..
शास…हाय कुसुम बुआ आपने ना जाने कितने मर्द देखे है…कुछ तो आपकी चूत पर लंड रखते ही ढेर हो गये होंगे…क्या करें बेचारे….आप है ही इतनी सुंदर और कोमल कि बस सोच सोच कर ही लंड पानी छोड़ देता है….
कुसुम…फिर से लजा कर….नहीं मेने ऐसा तो नहीं कहा था….फिर मेने तो आज तक किसी मर्द की कल्पना भी नहीं की…वो तो मेरी फ्रेंड्स बताती है…..
शास…क्या क्या बताती है…तुम्हारी फ्रेंड्स कुसुम बुआ….
कुसुम…यही जो आपने बताया है…कि लगाते लगाते ही…निकल जाता है….पर कुछ तो पूरे मर्द होते है…ये भी तो बताया है…..
शास…अब अपनी फ्रेंड्स को जाकर बताना कि हमारे शास के लंड ने तो मुझे देख कर ही पानी छोड़ दिया था….
संतोष….तुम्हारी हालत देखकर तो यही लग रहा है शास….कि तुम्हारा लंड तो पहले ही पानी छोड़ने वाला है…..
शास…हाँ ये तो है बुआ…..वास्तव में आप दोनो है ही इतनी सुंदर कि कल्पना से ही लंड पानी छोड़ देता है….इसमें मैं क्या करू….
संतोष…पर अब हमारी जनम-जन्मान्तर की प्यासी चुतो का अब क्या होगा…शास….हमने तो ना जाने कितने सपने बुन रखे है दिन भर….
कुसुम…लो दीदी तुम ही शास की पूरे दिन से बधाई कर रही थी…इसका तो पहले ही बुरा हाल है….हाई रामम्म अब मेरी पानी छोड़ती हुई इस चूत का क्या होगा…….
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