RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
भाभी…तो क्या आज सारा डर ख़तम हो गया है जो ये सब कह रहा है….आपनी मम्मी को देखकर खड़ा कर रखा है….इस साँप को….
शास…आप कितनी अच्छी है…ये में बता नहीं सकता…में झूठ नहीं बोल रहा हूँ…ना जाने आपकी वो कैसी होगी…उसको देखने की बड़ी इच्छा होती है…
भाभी…तुम्हे क्या लगता है…वो कैसी होगी…
शास…मम्मी बुरा मत मानना…में तो हमेशा आपकी उसकी कल्पना करके ही इसे सहला कर पानी निकालता हूँ…कि वो गद्देदार…फूली हुई रसीली ऑर मस्त होगी….
भाभी…अच्छा…तो ये बात है…आज पता चला कि तुम अपनी मम्मी की उसको याद करके ….अपने इसे हिलाकर पानी भी निकालते हो….
………भाभी सोच रही थी कि इस बेचारे को क्या मालूम कि इसके इस भारी मोटे लंबे लंड को देख कर इसकी मम्मी की चूत आज सुबह से कितना पानी छोड़ चुकी है…ऑर अब भी चूत से पानी की धार बह रही है……
शास….क्या कहूँ मम्मी आपसे तो कह नहीं सकता था…
भाभी….क्या नहीं कह सकता था….सच सच बताओ…..
शास…यही कि मम्मी आप बड़ी सुंदर हो आपको देख कर मेरे इसमें कुछ होने लगता है….ये तो आपका दीवाना हो चुका है…ऑर ना जाने क्या क्या… बस अपने लंड को हिलाकर ही पानी निकाल लेता था….आख़िर शास की ज़ुबान पर पहली बार लंड का नाम आ ही गया था…..
भाभी….अच्छा…तो इसे लंड कहते है…भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा….इसका नाम लेने में कितनी देर लगा दी….
शास….आप तो इसका नाम पहले से ही जानती हो ना…..
भाभी…भला में पहले से ही कैसे जानती हूँ…मेने तो इसे आज पहली बार देखा है…..भाभी ने अंजान बनते हुए….कहा…
शास….मम्मी क्यों मेरा बेवकूफ़ बना रही हो आप पापा के साथ तो रोज ही करती होंगी…फिर आपको इसका नाम नहीं मालूम…..
भाभी…तुम्हारे पापा के पास तो ये जंगली साँप जिसे तुम लंड कह रहे हो है ही नहीं….वो तो इसका चौथाई है…बहुत ही छोटा है…फिर उसे लंड कैसे कह सकते है…लंड तो मेने आज ही देखा है…… …लंड तो मेने आज ही देखा है……..ऑर अभी देखा भी कहाँ है शिरफ़ महसूस ही किया है….ये तो अभी भी अंडरवेर के अंदर ही है….इसे बाहर निकालो तो में भी तो देखु कि मेरे बेटे के लंड का साइज़ क्या है…..
शास…मम्मी आप खुद ही निकल लो ना….मुझे अभी भी शर्म आ रही है….
भाभी ने सोचा कि इसके साथ घुमा फिरा कर बात करने से अब कोई लाभ नहीं होगा…ये शरमाता रहेगा….ऑर मेरी चूत फिर से प्यासी ही रह जाएगी….आज भाभी की चूत में जो खुजली मची हुई थी…वो भाभी को परेशान कर रही थी…ससुर जी के लंड के बाद में उनकी चूत को लंड मिला ही कहाँ….उनके पति का लंड तो बहुत छोटा है….उससे तो बस काम चलाया जा सकता है….चूत की प्यास नहीं बुझाई जा सकती है….
भाभी….ऑर तुम वो जो कुँवारी लड़कियों के सामने निकल कर खड़े हो जाते हो तब शर्म नहीं आती है….ना जाने अभी कितनी लड़कियों की चूत तुमने फाड़ डाली होंगी अपने इस मोटे लंड से….भाभी अब खुलकर चूत ऑर लंड जैसे शब्दों का पर्योग करने पर उतर आई थी…
शास…आपको पसंद है मम्मी मेरा लंड…..शास ने शरमाते हुए ही कहा…
भाभी-- इसे बाहर तो निकाल तभी तो कुछ कहूँ….
ऑर शास ने शरमाते हुए अपनी लंड को अंडरवेअर से बाहर निकाल दिया…..
भाभी के मुँह से आआअहह निकल गयी…वो आश्चर्य से शास के लंड को निहारती रह गयी..…ये तो उसके ससुर के लंड को भी मात दे रहा था…कितना लंबा,मोटा और जवान भारी लंड….वाउ….क्या लंड है….भाभी की चूत की खुजली बढ़ गयी….ऑर उनकी चूत खुलने बंद होने लगी….भाभी को गर्व हो रहा था….कि उसके बेटे का लंड किसी भी चूत को फाड़ सकता है…आआहह….क्या लंड पाया है मेरे बेटे ने…..
भाभी….बेटे तुम्हारा लंड तो बहुत ही भयंकर है ये तो किसी भी चूत को फाड़ कर ही अंदर जा सकता है….क्या खिलता-पिलाता है ऐसे……बिना चूत को फाड़ के तो अंदर जा ही नहीं सकता है…तुम्हारा ये साँप….बड़ा ही फूँकार रहा है….ना जाने किसको डसने का इरादा है इसका…..आज
शास….अभी तो आप ही है मम्मी इसके सामने….शास भी अब मुस्कुराते हुए बोला…वो भी अब अपनी मम्मी की खुली खुली बातें सुनकर खुलने लगा था…
भाभी…ना..बेटे ना….मुझे तो इससे बचाना…में तो इतना भारी शायद ही झेल पाऊ…..ऑर हंस दी….शास के लंड का गुलाबी सुपाडा साफ करते हुए बोली….
शास…आप ही तो कह रही थी मम्मी कि पापा का लंड तो बहुत छोटा है…क्या आप की इच्छा नहीं है…इसको लेने की….शास के लंड में सुरसुराहट हो रही थी…मम्मी की नाज़ुक उंगलियो के स्पर्श से लंड का सुपाडा ऑर फूल गया था….
ऑर भाभी बड़े ही प्यार से उसे सॉफ कर रही थी….
भाभी…इतने प्यारे लंड को पाने की इच्छा किस औरत को नहीं होगी…पर बेटे एक तो में तुम्हारी मम्मी हूँ…भला में इसे कैसे ले सकती हूँ…दूसरे ये तो मेरी छूट को फाड़ ही डालेगा…फिर क्या होगा…..
शास….मम्मी साँप कितना ही बड़ा मोटा ऑर लंबा क्यों ही ना हो…वो छोटे से छेद में भी अपनी जगह बना ही लेता है…ऑर चूत फैल कर उसे अपने अंदर समा ही लेती है….
भाभी को अपने ससुर की बातें याद आ गयी…शायद यही शब्द तो उन्होने भी पहली बार कहे थे…..
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