Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
05-31-2019, 12:21 PM,
#44
RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
शास…क्या हुआ मम्मी…

भाभी…कुछ नहीं बेटे…बस हाथ में कभी कभी दर्द हो जाता है…बस उसी वजह से….भाभी ने साबुन उठाया ऑर शास के पूरे शरीर पर साबुन लगाने लगी…जब वो आगे को होकर शास की कमर पर साबुन लगा रही थी…तो उसकी चुचि का निप्पल शास के मुँह से टच हो गया…शास को ये संतोष बुआ के चुचि के निप्पल की तरह से लगा ऑर उसके लंड ने एक ऑर सलामी दे दी….जिससे वो ऊपर को उभर आया…..ऑर ओर सॉफ दिखाई देने लगा….

भाभी ने शास के सिर…मुँह ऑर छाती पर भी साबुन लगाया….इसी दौरान उनका हाथ शास के लंड को टच कर गया…भाभी के शरीर में शिहरन सी दौड़ गयी…ऑर शास के लंड ने फिर से एक सलामी मार दी…वो खुद भी घबरा रहा था…कि कहीं मम्मी ने देख तो नही लिया पर लंड क्या उसके काबू में था…

भाभी शास के सारे शरीर पर साबुन लगाने के बाद उसे मलने लगी थी….भाभी के हाथों के स्पर्श ऑर संतोष बुआ के घर पर आई लड़की की कल्पना से शास के शरीर में भी कुछ होने लगा था…आख़िर वो अब जवान होने की ओर कदम बढ़ा रहा था…अचानक भाभी का हाथ शास के पेट से फिसल कर सीधा शास के खड़े हो रहे लंड पर जा टकराया…..

आआहह….अचानक शास के मुँह से निकला…

भाभी…क्या हुआ बेटे….ऑर अबकी बार भाभी ने शास के लंड पर धीरे से हाथ रख कर कहा…ये क्या पाल रखा है बेटे ऑर आपनी मम्मी के सामने ही ऐसे क्यूँ खड़ा कर रखा है…..

शास…वो…..वउूओ….वववूऊ…मम्मी….ऑर शर्म से शास ने सिर नीचे कर लिया…..

भाभी…में जानती हूँ बेटे…तुम्हारी उम्र में ऐसा अक्सर हो जाता है…आदमी का अपनी इस बात पर भाभी ने फिर से शास के लंड को छू दिया…नियंत्रण नहीं रहता है….पर ये तो कुछ ज़्यादा ही बड़ा लग रहा है….भाभी अनजाने में ही बोलती चली गयी….

शास…झेंप गया पर शर्म के कारण ….. मम्मी…..बस इतना ही बोल पाया….

भाभी….हाँ बेटा…में सच कह रही हूँ…पर तुम ऐसे ठीक तरह से सॉफ भी रखते हो या नहीं….भाभी का दिमाग़ बस अब एक कंप्यूटर की तरह से चल रहा था….ससुर की डेथ के बाद से उसे इतना भारी-भरकम लंड नसीब नहीं हुआ था….

शास…जी मम्मी…..

भाभी…क्या जी मम्मी…इसकी सफाई भी करते हो या नहीं…

शास…करता हूँ मम्मी…ऑर सिर नीचे ही झुकाए रहा….उसे अपने इस खड़े हुए लंड को देखकर जो अंडरवेर के कपड़े से सॉफ नज़र आ रहा था..को देखकर खुद शर्म आ रही थी…पर उस पर अब उसका नियंत्रण बिल्कुल भी नहीं था…वो ये तो जानता ही था…कि उसकी मम्मी आज की जवान लड़कियों से ज़्यादा सुंदर ऑर गठीले बदन की औरत है…कई बार उसने मम्मी की ठोस भारी भारी चुचियाँ देखी थी…उसका लंड उस समय भी खड़ा हुआ था…पर खुद पर जलालट भेजते हुए उसने उसे काबू में कर लिया था….पर आज जब उसकी मम्मी ने उसके लंड को छू दिया तो अब तो उसके नियंत्रण से पूरी तरह से आज़ाद था…..

भाभी…शास क्या में देख लूं कि तुम कैसी सफाई रखते हो..

शास….एक दम घबराकर….नहीं मम्मी…में सॉफ रखता हूँ..भला आप कैसे देख सकती है…आख़िर आप मेरी मम्मी है….

भाभी…तो क्या हुआ…मेने तो तुम्हे जनम दिया है ऑर अभी तक तुम्हे नंगा ही देखा है…फिर मुझ से कैसी शरम…

शास…नहीं मम्मी मुझे शरम आती है….

भाभी…ओह तो तुम अब बड़े हो गये इसलिए अपनी माँ से शरम करते हो…

शास…नहीं मम्मी ये बात नहीं…कही मम्मी के सामने भी कोई नंगा हो सकता है….

भाभी…अभी कुछ सालों पहले तो तुम नंगे ही घूमते थे…

शास…तब की बात ऑर थी…पर अब में….

भाभी…हा हा में भी तो वही कह रही थी कि अब तुम जवान हो चुके हो ऑर तुम्हारा ये बेड़ा हो चुका है…हैं ना यही बात….
भाभी…अरे बेटे मम्मी से शर्म ऑर भुआ से शर्म नहीं…उनके साथ….

शास…चौंक कर….क्या मम्मी आप भी….शास अब सोच रहा था. कि क्या मम्मी को पता चल गया है या फिर बेहम के आधार पर ही कह रही है…..

भाभी…हाँ बेटे में तो तुम्हारी मम्मी हूँ बुआ के साथ कुछ करने में शर्म नहीं आती क्या…..

शास…मेने क्या किया है,,,,मम्मी….

भाभी….वो जो तुमने खेत में किया था….वो सब….

शास…आपको किसने बताया मम्मी….सब झूठ है….मेने तो कुछ भी नहीं किया….

भाभी…तो फिर ठीक है…जब वो झूठ बोलती हैं तो में तुम्हे रात में उनके घर नहीं जाने दूँगी…तुम्हारे पापा से मना कर दूँगी….

शास…नहीं मम्मी…प्लीज़…पापा से मत कहना…

भाभी…नहीं..नहीं..में तो नहीं भेजूँगी…वो फिर कुछ झूठ बोलने लगी तो फिर क्या होगा….

शास…कुछ नीरस होकर…वो मम्मी…प्लीज़ आज जाने देना ना…में आप से कुछ नहीं छुपाउंगा…..सब सच सच बता दूँगा….

भाभी…..इसको भी नहीं छुपाएगा….मम्मी ने शास के लंड को हाथ में पकड़ कर कहा…. आज ना जाने भाभी को क्या हो गया था…वो तो बस आज सारी मर्यादाए…..भूल चुकी थी…सुबह से ही उसकी चूत में आग लगी थी…दिन भर पानी छोड़ छोड़ कर उसकी चूत का बुरा हाल था….भाभी ने शास के लंबे…मोटे लंड को आराम से पकड़े रखते हुए कहा…..

शास…भला मम्मी…में आप को कैसे दिखाऊ…आप के सामने मुझे शर्म आती है….

भाभी…पर शास…अब कैसी शरम…अब तो में सब कुछ जान ही चुकी हूँ…फिर तुम्हारा ये तो मेरे हाथ में अभी भी है…ऑर तुम्हे…मम्मी के सामने इसे बल्ली की तरह से खड़ा करते हुए तो शर्म आई नहीं थी….

शास…वो तो अपने आप ही खड़ा हो गया था… मेने थोड़ा ही खड़ा किया था….

भाभी…तो ये अब अपने आप ही अपनी मम्मी को देखकर खड़ा होने लगता है…

शास…ये बात नहीं…मम्मी…बस ये तो….

भाभी…बस ये तो…ये क्या हुआ…सच सच कहो ना कि मम्मी को देखार खड़ा हो जाता है…

शास…नहीं मम्मी आपको देखकर नहीं…

भाभी…तो क्या तुम्हारी मम्मी इतनी बुरी है….शास…..

शास…नहीं..नहीं..मम्मी आप तो लाखों में एक हो…ये सारी लड़कियाँ तुम्हारे सामने तो कुछ भी नहीं….पर आप तो मेरी मम्मी हो ना…आपके बारे में में ऐसा कैसे सोच सकता हूँ….

भाभी…फिर ये मुझे देखकर क्यूँ खड़ा हो जाता है….

शास…कैसे बताऊ मम्मी आप नाराज़ हो ज्जाएँगी…..

भाभी…नहीं हूँगी नाराज़…बताओ….क्या बात है….

शास…वो मम्मी…आअप्प्प्प आअप्प्प आअप्प्प्प

भाभी…क्या आप आप लगा रखी है……

शास…मम्मी वो आप बहुत …………सेक्सी है ना…..

भाभी…क्या…??????? तुम्हे में सेक्सी लगती हूँ…

शास…हाँ मम्मी…आप बहुत सेक्सी हैं…मेने कहा था ना कि आप नाराज़ हो जाएँगी…..

भाभी…नहीं नहीं में नाराज़ तो नहीं हूँ…पर मुझ में सेक्सी क्या है….में तो वैसे ही बूढ़ी हो चुकी हूँ…..

शास…ये क्या कह रही हो मम्मी…आप जवान लड़कियों से ज़्यादा सेक्सी हैं…अगर एक तरफ एक सुन्दर जवान लड़की हो और दूसरी तरफ आप हो ….तो कोई भी आपको ही पसंद करेगा….आपकी फिगर….की तो बात ही कुछ ऑर है….

भाभी…क्या बोलता जा रहा है…ऐसा क्या है मुझ में……

शास…सच सच बताऊ मम्मी आपकी चुचियाँ ऑर आपके चुतड़ों (चूतड़) ऑर आपका भरा भरा बदन किसी को भी…उत्तेजित कर सकता है…किसी का भी ये खड़ा हो सकता है….फिर मेरी क्या ग़लती है….मम्मी….

भाभी…किसी का भी ये….ये क्या….

शास…यही मम्मी जो आपके हाथ में उछल रहा है….

भाभी…क्या इसका कोई नाम नहीं है…जो ये ये कर रहा है….

शास…नाम तो है…पर मुझे शर्म आती है…..

भाभी…एक तरफ तो अपनी मम्मी को सेक्सी…भारी भारी चुचियों ऑर चूतड़ वाली बता रहा है ऑर दूसरी तरफ़ तुम्हे शर्म भी आ रही है….ऑर इसको खड़ा भी कर रखा है……

शास…मम्मी वो आपकी सुंदरता, आपका गठीला भरा हुआ बदन..आपकी मस्त चुचियों ऑर मस्त चुतड़ों को देखकर किसका खड़ा नहीं होगा….आपके गदराए बदन को देखकर तो बूढ़े का भी खड़ा हो जाए…उसका भी झटके खाने लगे….

भाभी…अच्छा..अच्छा..बस मस्का लगाना छोड़…अगर में तुम्हे इतनी सुंदर दिखती थी…तो पहले कभी क्यूँ नहीं कहा…..

शास…डर लगता था…मम्मी इसलिए नहीं कह सका….
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RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला - by sexstories - 05-31-2019, 12:21 PM

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