RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
उसके बाद दोनो ने एक दूसरे को नहलाया ऑर कपड़े बदले….
फिर भाभी ने किचन में जाकर किचन संभाल लिया….ऑर ससुर जी अख़बार की में हेडलाइन पढ़ने लगे…..
तभी…भाभी के पति ऑर सासू माँ वापिस लौट आए….उन्होने आने में जल्दी इसलिए की थी….कि जब वे लोग गये थे तो भाभी की तबीयत खराब थी…..घर पहुँचते ही सासू माँ ने किचन में जाकर बहू से पूछा….अब कैसी तबीयत है बेटी….
भाभी…जी अब तो बिल्कुल ठीक हो गयी है…बस थोड़ी..थोड़ी..दुखन है….
सासू माँ …हाँ बेटी इतने दर्द के बाद दुखन तो होगी ही….जाओ तुम आराम करो…में किचन देख लूँगी….ऑर भाभी अपने रूम में आ गयी…जहाँ पर उसके पति थे…..
पति…अब कैसी तबीयत है..तुम्हारी….
भाभी…अब तो ठीक है बस थोड़ी चलने में दुखन होती है…आपके जाने के बाद पिताजी ने बड़ी सेवा की तो ये दर्द ठीक हो सका….
पति…ठीक है…तुम आराम करो….में डॉक्टेर से दवा ले आता हूँ….
भाभी…पर अब तो ज़रूरत नहीं है…
पति…में दुखन बता कर दवाई ले आता हूँ…ऑर वे बाहर निकल गये…बहू अपने प्लांग पर लेट गई….ऑर धीरे से मुस्कुरा दी…..
उस महीने भाभी को म्सी (पीरियड) नहीं हुआ…जब इसकी जानकारी…सासू माँ ऑर उसके पति को चली तो वे खुशी से फूले नहीं समाए… ऑर घर में सभी खुश हुए…बस उसके बाद भाभी का पूरा ध्यान रखा जाने लगा….पर ये किसको पता था…कि जो बच्चा उसके …गर्भ में पल रहा है….वो उसके ससुर जी की निशानी है………कुछ महीनो बाद भाभी ने एक बेटे को जन्म दिया….पूरे गाओं में मिठाइयाँ बांटी गयी…..ऑर उसका नामकारण शशांक शेखर के रूप में हुआ….जो आज शास बन चुका है…….
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भाभी….मुस्कुराते हुए अपने वर्तमान में लौट आई…उसे क्या मालूम था…कि उसके बेटे का लंड भी उसके ससुर की तरह से ही होगा…..जिसकी आज जवान लड़कियाँ दीवानी हो रही है….संतोष ऑर कुसुम उसके लंड को पाने के लिए…इतनी प्लानिंग कर रही है….सोचते सोचते भाभी की चूत भी गीली हो गयी……..शायद आज पहली बार भाभी ने अपने बेटे के लंड के बारे में सोचा था…ना जाने क्यूँ भाभी के मन में….शास के लंड को एक बार देखने की इच्छा बढ़ गयी थी….कि आख़िर उसका लंड ऐसा कितना बड़ा है जो संतोष दीदी उसके लंड की इतनी तारीफ कर रही थी….कहीं…उसका लंड इस छोटी सी उम्र में अपने दादा के लंड जैसा भयंकर लंड तो नहीं बन चुका है…..ये सोचते सोचते भाभी की चूत बिल्कुल गीली हो गई थी…जिसको उन्होने बाथरूम में जाकर शांत किया…….
भाभी ने बाथरूम में अपनी चूत को कुछ हद तक शांत तो कर लिया था…पर उसके दिमाग़ में रह रह कर अपने ससुर का लंड (जो अब इस दुनियाँ में नहीं थे) आ रहा था…ऑर उनके लंड से शास के लंड की तुलना कर रही थी….पर अभी तक शास का लंड नहीं देखा था….यही कसक उसकी उलझन बन गयी थी…उसके मन में शास के लंड को देखने की चाह लगातार बढ़ती ही जा रही थी…बार बार सोचती…छी…वो तेरा बेटा है…उसके बारे में ऐसी ग़लत बात सोचना भी पाप है…अपने मन को समझाती….पर कुछ ही देर में मानो शास का लंड उसके सामने झूलने लगता…जिसमे उसके ससुर का लंड उनके घुटनो तक झूल रहा था….फिर अपने पे लानत भेजती…कि वो कितनी गिर गयी है जो अपने ही बेटे के बारे में ऐसा सोच रही है….पर वाह रे मन …जितना शास के लंड को दिमाग़ से निकालने की कोशिस करती…वो उतना ही ज़्यादा उसके जेहन में ऑर अंदर तक चला जाता था….चूत का पानी निकालने के बावजूद उसकी चूत फिर से पानी छोड़ने लगती थी…..
दोपहर को जब उसके पति ऑर शास खेत में काम करके वापस लोटे…तब तक भाभी ने खाना तैयार कर दिया था…
भाभी…आज खेत में बहुत देर कर दी…
पति….हाँ कुछ काम ज़्यादा था…अगर शास साथ ना होता तो मुझ से तो आज शाम तक भी काम निपट नहीं पाता….
भाभी…चलो आप जल्दी से नहा लो….में शास को नहला देती हूँ…कपड़ो ऑर शरीर पर काफ़ी मिट्टी लगी है…फिर खाना खा लेंगे….
पति…ठीक है…शास को जल्दी से नहला दो…में भी जल्दी से नहा कर आता हूँ…भूख भी काफ़ी लगी है….
भाभी…शास बेटा चलो आज तुम्हे में नहला देती हूँ…शरीर पर काफ़ी मिट्टी लगी है….फिर देर भी काफ़ी हो चुकी है…भूख लगी होगी….
शास…आप खाना लगाओ…में जल्दी से खुद नहा कर आता हूँ…..
भाभी…खाना तैयार है…तुम्हारे शरीर पर मिट्टी काफ़ी लगी है…चलो में ही नहला देती हूँ…..ऑर शास का हाथ पकड़ कर बाथरूम में ले गयी….भाभी ने जल्दी जल्दी…शास के बाकी कपड़े उतार दिए….बस अब उसके शरीर पर एक अंडरवेर ही रह गया था….भाभी ने शास को सामने पटरी पर बैठ जाने को कहा….
शास आपनी मम्मी के सामने पटरी पर बैठ गया…ऑर भाभी उसके शरीर पर पानी डालने लगी थी…
भाभी…शास आज तुम्हारी संतोष बुआ आई थी…उनके घर में उसकी फुफेरी बेहन ऑर वो ही है बाकी सब कहीं बाहर गये है…रात में तुम्हे अपने यहाँ सोने के लिए कह रही थी….क्या कहूँ….
शास…संतोष बुआ का नाम सुनते ही उसके चेहरे के भाव बदलने लगे…ऑर वो खूबसूरत लड़की जो उसने सुबह देखी थी…दिमाग़ में घूम गई…ऑर शास के लंड ने तुरंत हरकत की….ठीक हैं मम्मी में सो जाउन्गा…..
भाभी…बड़ी जल्दी तैयार हो गया…क्या बात है शास….
शास…कुछ नहीं मम्मी…आपने कहा इसलिए…पर शास कुछ झेप सा गया…..
भाभी…नहीं यदि तुम कहो तो में मना कर दूँगी….
शास…क्यों मना करती हो मम्मी…जब उनके घर कोई नहीं है तो…हमें हेल्प तो करनी ही चाहिए ना….
भाभी…हाँ.. ये तो हैं…पर भाभी शास के लंड में होने वाली हरकत को नज़रे छिपाकर देख रही थी….जैसे ही भाभी ने शास के ऊपर ऑर पानी डाला तो शास का लंड गीली कपड़े से सॉफ नज़र आ रहा था…भाभी को लगा कि शास का लंड उसके ससुर के लंड से बिल्कुल भी कम नहीं है…जब उसका लंड इस उम्र में इतना बड़ा ऑर मोटा है तो अपनी जवानी के दिनो में तो ये ऑर काफ़ी बड़ा हो जाएगा…..उसके मुँह से आआआअहह निकल गये……ऑर चूत पानी छोड़ने लगी थी…
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