RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
ससुर ने बहू को कस कर बाहों में भिंचे रक्खा ऑर एक के बाद एक कई जोरदार धक्के उस वक़्त तक लगाते रहे जब तक उनका पूरा लंड बच्चेदानि को अंदर धकेलकर बहू की चूत में समा नहीं गया….पूरा का पूरा लंड बहू की चूत में….पर लंड को अंदर करने में साँसे ससुर जी की फूल गयी…ऑर बहू की हालत तो इतनी खराब कि उसे साँस लेना मुश्किल… हो गया .बहू छटपटाती रही….हाथ पैर मारती रही…पर ससुर ने पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल कर ही दम लिया….बहू की साँसे उखड़ रही थी…चूत का दर्द उसके बर्दास्त से बाहर था…पर अब क्या हो सकता था….लंड तो चूत को फाड़ कर अंदर दाखिल हो चुका था…कितना भी भयंकर दर्द क्यूँ ना हो….अब तो झेलना ही था……ससुर भी शांत से होकर बहू के उपर पड़ गये .
दोनो की गरम तेज साँसे आपस में टकरा रही थी….ऑर दो शरीरों की गर्माहट से दर्द की बर्फ पीघलने लगी थी….ससुर बहू के शरीर की मालिश कर रहा था ऑर भाभी की चुचियों से खेलना शुरू कर दिया था….पर उनका लंड तो बहू की चूत में ऐसा फँस गया था…कि अभी अंदर बाहर करने के लिए शायद जगह ही नहीं थी….बहू की चूत ने उसे ऐसा भींच लिया था…कि जैसे ससुर ने बहू को बाहों में जकड लिया था…..कुछ देर यूँ ही गुजर गई..बहू की बंद आँखों से आँसू बह रहे थे…ये देखकर ससुर ने बहू के गालों को चूम लिया…ऑर एक बार फिर से होंठ चूमने शुरू कर दिए….ऑर थोड़ी देर के बाद बहू की साँसे कुछ नॉर्मल हुई तो….ससुर ने उसके गालों पर बह रहे आँसुओं को चाटते हुए पूछा….बेटी अब कैसा महसूस कर रही हो…..
पर भाभी ने कोई जबाब नहीं दिया…बस आपनी उखड़ी हुई साँसों को नॉर्मल करने का प्रयास करती रही……शायद वो भारी-भरकम लंड को पाने की इच्छा के नतीजे के बारे में सोच रही थी…वो ये तो अब तक जान ही चुकी थी कि उसकी चूत को पूरी तरह से फाड़ कर ससुर जी का पूरा लंड उसकी चूत में समा चुका है ऑर अपनी चूत के अंतिम छोर पर बच्चेदानि के मुँह पर ससुरजी के लंड के सुपाडे की गर्माहट….अब उसे शायद अच्छी भी लग रही थी…..
ससुर जी का लंड बहू की चूत में गहराई तक पूरा फँसा था….ऑर वे अब बहू को मस्त होकर चूम ऑर चाट रहे थे ऑर आदत के अनुसार बहू की चुचियों को मसल मस्ल कर पी भी रहे थे….दो शरीर की गर्मी…ससुर जी का चूमना चाटना…ऑर चुचियों का पीना ऑर सबसे ज़्यादा ससुर के लंड के सुपाडे की गरमाई से बहू की चूत भी पिघलने लगी थी…उसने फिर से पानी छोड़ना शुरू कर दिया था….भाभी एक बार फिर चुदाई का आनंद लेने के लिए तैयार हो चुकी थी….पर ससुर जी अब जल्दी में नहीं थे…उनके लंड ने अब तो बहू की चूत पर फ़तेह हासिल कर ली थी….अब उन्हें कोई डर नहीं था…कुछ ही देर बाद बहू की आआआअहह भरी सिसकारी फिर निकलने लगी थी…ससुर जी के भारी भरकम लंड ने बहू की चूत को अपने अनुसार खोल कर अब अपनी जगह बना ली थी….
ससुर …ने एक बार फिर से बहू के होंठो को चूम कर पूछा…बेटी अब कैसी हो…
भाभी…आपकी बला से पिताजी…आप ने तो मार ही डाला…मेरी तो चूत भी फाड़ डाली…है…भला अब क्या होगा….
ससुर…कुछ नहीं होगा..बेटी…किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा….बस आज की रात चुदाई का वो आनंद लो कि जीवन भर याद रहे….
भाभी…तो क्या अब इस लंड को मेरी चूत में यूँ ही डाले रहोगे…या कुछ करोगे भी अब …फाड़ तो डाली ही…..
ससुर ने फिर से बहू के होंठ चूमकर मुस्कुरा दिए….आख़िर अब तो बहू ने इशारा कर दिया था….कि वो तैयार है….ऑर ससुर ने अपने लंड को चूत के अंदर ही थोड़ा थोड़ा हिलाना शुरू कर दिया…..वो तो बेचारा पहले ही झटके खा रहा था…
लंड के चूत में आगे पीछे होने से बहू को कुछ देर फिर परेशानी तो हुई पर जल्दी ही वो मज़े में डूबने लगी…उसकी चूत से फिर पानी बहने लगा था…ससुर जी भी अब मस्त होकर चुदाई में लग गये थे….कमरे में आआआअहहुउऊुुुउउईईईई आआआआअहह उूुुउउईईई आआआएईीइसस्स्स्स्सिईईई म्म्म्मम उूउउम्म्म्ममममम की सिसकियाँ गूज़्ने लगी थी…भाभी के हाथ अब ससुर जी की कमर के ऊपर आ चुके थे…ऑर वे ससुर जी की कमर ऑर चुतड़ों की मालिश कर रहे थे…वाह री चूत…इतना दर्द सह कर फिर से भाभी को चूतड़ हिलाने के लिए मजबूर कर रही थी…अब भाभी के चूतड़ भी उपर नीचे होकर ससुर जी के उस भांकार लंड को जो बच्चेदानि के मुँह पर ठोकर मार रहा था…को पूरा चूत में समाने का प्रयास कर रही थी….
लगभत 20 मिनट तक चुदाई का वो आलम रहा कि चूत लंड को ऑर लंड चूत को झटके पे झटके दे रहे थे….कि बहू के शरीर में ज्वालामुखी फूटने लगा था…उनकी साँसे तेज ऑर तेज…आँखे ज़ोर से भिन्च गयी….भाभी के हाथों का कसाव ससुर की कमर पर बढ़ गया था…ऑर शरीर अकड़ चुका था…कि एक तूफान के साथ जबारजस्ट भूकंप आया ऑर भाभी चेतना शुन्य हो गई….स्वर्ग में….उसकी चूत से पानी के फव्वारे छूट गये…जो ससुर जी के लंड पर बोछार करने लगे….आख़िर इतनी गर्मी को ससुर जी भी कब तक बर्दास्त कर सकते थे…उनके लंड ने दो चार ज़ोर दार झटके दिए ऑर बहू की चूत में ज़ोर दार पिचकारी छोड़ दी…उनका गरम गरम वीर्य सीधे बहू की बच्चेदानि में घुस गया ऑर बहू ससुर जी से ऑर ज़ोर से लिपट गई…दोनो ससुर बहू ना जाने कितनी देर तक यूँ ही लिपटे रहे…..
उस रात में ससुर बहू ने चार बार कई स्टाइल मे चुदाई की…ऑर ये चुदाई का सिलसिला सुबह होने तक चला….आख़िर दोनो सुबह को थक कर सो गये…
दोनो ससुर बहू लभाग 10 बजे सोकर उठे….बहू का पूरा शरीर अकड़ रहा था…ऑर चूत का भी बुरा हाल था….वे नंगे ही उठकर बाथरूम में गये….बहू से ठीक प्रकार से चला तो नहीं जा रहा था…उसकी चूत फट कर सूज गयी थी….बहू ने ससुर जी का लटकत हुआ लंड गौर से देखा ऑर सोचने लगी कि ये लंड उसकी चूत में कैसे समाया होगा….लंड अब खड़ा तो नहीं था…पर घोड़े के लंबे मोटे लंड की तरह से ससुर जी के घुटनो तक लटक रहा था….ऑर चलते हुए…इधर उधर लग रहा था….भाभी की फटी ऑर सूजी हुई चूत फिर से गीली हो गयी…वो खुद हैरान थी कि क्या वास्तव में ही उसकी चूत ने इस लंड को ही रात में पाँच बार अपनी चूत में घुस्वाया है….मगर शक की कोई गुंजाइश नहीं थी…अब तो भाभी ससुर जी से पूरी तरह से खुल गयी थी…..
भाभी…पिताजी…देखो तो आपने हमारी चूत का क्या हाल कर दिया है….
ससुर…देखुतो बेटी…ऑर ससुर बहू के परों के बीच बैठ गये…ऑर बहू की चूत को देखने लगे….पर एक बात है बेटी….कि तुम्हारी चूत बड़ी सुंदर ऑर मज़ेदार है….मज़ा आ गया चुदाई का……फिर हाथ से बहू की चूत को टटोलते हुए….अरे ये तो अभी भी गीली हो रही है….
भाभी…ये आपका जो लंड है….ये इसी का कमाल है….
ससुर ने बहू की टाँगो के बीच मुँह देकर एक बार बहू की चूत पर जीभ फेर दी…जिससे बहू की मीठी…..उूउउम्म्म्मममाआअहह की सिसकारी निकल गयी….
भाभी…आप बड़े ही खराब है पिताजी…क्या पूरी रात में हमारी चूत का भोसड़ा बनाकर भी आपका मन नहीं भरा है….
ससुर…सच तो ये है बेटी….कि भला इतनी सुंदर फूली हुई चूत से कभी मन भरता है….अब तक ससुर जी के लंड में कुछ हरकत हो चुकी थी….देखो ना इसे ये मान ही नहीं रहा….फिर से इस गुलाबी छेद में जाने की ज़िद करने लगा है……
भाभी…भी तो शायद यही चाह रही थी…मुस्कुरा कर बोली…तो मना किसने किया है पिताजी…आज आप इसकी पूरी प्यास भुझा ही दो…..
इस पर ससुर जी ने भाभी को बाहों में भर लिया….ओर बहू को लेजा कर बेड पर लिटा दिया…ऑर बहू के ऊपर आ गये….
ससुर बहू की ये चुदाई मस्ती के आलम में लगभग एक घंटा तक चली…बहू ने इस बीच कई बार पानी छोड़ा…..ऑर ससुर जी ने बहू की चूत के अंतिम छोर पर बच्चे दानी के मुँह पर ठोकर मारते हुए….उसे भी मुँह खोलने के लिए मजबूर कर दिया…ऑर अपने लंड की पिचकारी की धार सीधी ही बच्चेदानि में छोड़ दी….क्या चुदाई थी…आआआअहह……उूुुुुुउउम्म्म्ममम…….उूुउउईईईईईआआऐईएईईइ….ईईईईईीीइसस्स्स्स्स्स्स्स्स्सल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल ऊऊहह की धूम पूरे कमरे में गूँज रही थी…ऑर लगभग एक अवर के बाद दोनो शांत हुए….
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