RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
अब ससुर ने भाभी की चुचियों को मसल्ते हुए…भाभी की नाभि (सूंड़ी) और पेट को चूमना चाटना शुरू कर दिया था… कि भाभी का शरीर ऐंठने लगा ऑर उनके मुँह से लंबी आआआहहुउऊुुुुउउम्म्म्ममममममममीईईइससस्स्सिईईईई की आवाज़ निकली ऑर ससुर जी के सिर को पकड़ कर अपनी चुचियों पर दबा दिया….ससुर समझ गये कि उनकी बहू पानी छोड़ रही है……कुछ देर के बाद…..
ससुर….क्या हुआ बहू….
भाभी…अपनी ज़ोर से बंद आँखों को ज़ोर देकर खोलते हुए….हल्की सी मुस्कान के साथ….हमें तो आपने खाली ही कर दिया पिताजी….
ससुर….अभी से खाली हो गयी बहू….अभी तो रात बाकी है…फिर क्या करोगी बेटी….अभी तो कई बार खाली होना है……
भाभी…तो क्या पिताजी…आप रात भर ही….हमें यूँ ही….क्या आज पूरा ही दर्द हटाने की ठान ली है पिताजी….में तो मर जाउन्गी…..उन्होने तो रात में बस एक बार ही किया है…फिर सो जाते है….आप भी ऐसे ही करो ना पिताजी………
ससुर….अभी तो मेने कुछ किया ही नहीं है बेटी….अभी तो इस रुपहले बदन के अंग अंग को चूसना है….बरसों की प्यास बुझानी है….
भाभी…क्यूँ पीताजी…क्या मम्मी जी…आपकी प्यास नहीं बुझती है…
ससुर…अरे छोड़ो उस बुढ़िया को…जहाँ लगाया बस रोने लगी…कभी भी जी भरकर कुछ करने ही नहीं दिया…चीखने चिल्लाने लगती है….में तो प्यासा का प्यासा ही हूँ ऑर फिर उस पर ये सुंदर बदन जैसे कोई अप्सरा आसमान से आज शिरफ़ मेरे लिए उतरी हो तो भला…में आज रात को सोने में कैसे खो सकता हूँ….आज तो रातभर इस रसीले बदन की मदिरा पीउंगा….ऑर इसी के नशे में पूरा मज़ा लूँगा……
भाभी…मुस्कुराती हुई…तो क्या हम अप्सरा है…पिता जी…
ससुर…अरे उस से भी बढ़कर….जो नशा तुम्हारे इस बदन में है…वो तो कई बोतल पीने में भी नहीं है…ऑर ये कहकर ससुर जी…भाभी की चुचियों को फिर से मसल मसल कर पीने लगे….उसके बाद भाभी के पेट ऑर नाभि को चाटने लगे….जैसे वहाँ पर आइसक्रीम लगी हो….ससुर जी का लंड आपे से बाहर होने लगा था.. ऑर बार बार बहू की चुत पर ठोकर मार रहा था.. इस पर भाभी फिर से आआआअहह के साथ सिसक उठती थी….
ससुर…बेटी…तुम भी तो ज़रा इस लंड को अपने हाथों से सहलाओ ना….अब रहा नहीं जा रहा है…ये बड़ा दर्द कर रहा है….
भाभी…मुझे तो शर्म आती है पिताजी..मेने तो कभी उनका भी नहीं पकड़ा है…फिर आपका ये तो मेरे हाथों में आएगा कहाँ….इसको पकड़ने के लिए तो मुझे दोनो हाथो का इस्तेमाल करना पड़ेगा…..
ससुर…लो ऐसा करता हूँ बेटी कि में थोड़ी देर तुम्हारी चूत के रस का आनंद लेता हों…तुम तबतक ज़रा इस लंड से खेलो…बड़ा मज़ा आएगा….ऑर ससुर जी उठकर 69 पोज़िशन में आ गये….ऑर बहू की दोनो टाँगे ऊपर को उठाकर उसकी चूत पर मुँह रख दिया…..उूुुुउउईईएइससस्स्सिईईय्ाआआआहह की सिसकार के साथ बहू सिसक उठी…आआआअहह पिताजी….में तो आज मर ही जाउन्गी…..ये आप क्या कर रहे है….आआआहह….उूुुउउईईईइससस्स्स्स्स्सिईइ
ससुर…कुछ नहीं बेटी…बस तुम्हारी इस डबलरोटी की तरह से फूली हुई रसीली चूत के पानी का आनंद लेना चाहता हूँ…
भाभी सोचने लगी…कि चलो पति का तो कभी नहीं चूसा आज ससुर जी का चूस कर देखती हूँ शायद ससुरजी सच कह रहे हो ऑर वे भी तो मेरी चूत को मस्ती में चूस रहे है…ज़रूर कुछ मजेदार है….ये सोचकर भाभी ने लंड को अपने मुँह पर किया ऑर उसे मुँह में लेने की कोशिस करने लगी…अपना पूरा मुँह खोलकर भी वो सुपाडे को मुँह में नहीं ले सकी….हे भगवान…कितना मोटा है…मुँह में भी नहीं आता है…पर भाभी हिम्मतनहीं हारी ऑर ससुर जी के लंड के सुपाडे को जीभ बाहर निकाल कर चाटने लगी…
.वास्तव में भाभी को लंड का सुपाडा चाटना अब अच्छा लग रहा था….वे मदहोश होकेर ससुर के लंड के सुपाडे को चाटती रही…इस पर ससुर जी भी जोश में आ गये ऑर अपनी जीभ बहू की चूत में अंदर तक घुसा दी….आआआहहुउऊउईईईईईईईइससस्स्स्सिईईईीकि आह बहू के मुँह से निकल गई ऑर वे ऑर फुर्ती से लंड के सुपाडे को चाटने लगी….ससुर के लंड का सुपाडा फूलकर ऑर मोटा हो गया था……गुलाबी गुलाबी सुपाडे को चुस्ती हुई भाभी…मस्ती मे फिर सातवें आसमान पर थी…..ऑर ससुर जी की जीभ बहू की चूत को अंदर तक चोद रही थी…..जब ससुर जी की जीभ बहू के क्लिट को रगड़ती थी…तो उसके मुँह से आआअहह निकल जाती थी…..अब भाभी भी मस्त होकर ससुर जी के लंड के सुपाडे को चाट रही थी…वो इतना मोटा था कि उसके मुँह में नहीं जा रहा था….बस गुलाबी सुपाडे ऑर प्रिगुं को जीभ से चाट चाट कर मज़ा ले रही थी….
.एक बार फिर भाभी का शरीर अकेड़ने लगा था….उसकी चूत में अंदर भरे समुंदर की लहरे तेज हो चली थी…..उसके कराहने ऑर सिसकारियों की आवाज़े तेज हो गयी थी….उूुुउउम्म्म्मममाआआहहुउऊुउउईईईईईआऐईएईईईईीीइसस्स्स्सिईय्ाआआहपिताजी आआआहह ऊऊऊम्म्म्मममम्मूऊऊुुउऊहह के साथ भाभी की आँखें एक बार फिर बंद हो गयी…ज़ोर से बंद आँखें ऑर सिसकियों की लंबी आवाज़ …….आआआआआअहह की लंबी आवाज़…..के साथ भाभी के चुतड़ों ने एक झटका लिया ऑर भरे समुंदर की भारी लहर का पानी ससुर जी के मुँह में उडेल दिया…..जिसको ससुर जी गटागट पीने लगे…..आआअहह क्या स्वादिष्ट है इसके सामने तो सारी दुनिया का स्वाद फीका था…..कुछ देर तक बहू शांत रही…ऑर ससुर जी चूत पीने में मस्त…..जब भाभी स्वर्ग से लौट कर आई तो उसके ससुर उसकी चूत की आइस्क्रीम को उूुुुुउउम्म्म्ममाआआअहह के साथ चाट चाट कर पी रहे थे….उनका लंड झटके पे झटके मार मार कर अखाड़े में उतरने की कोशिश कर रहा था…..ससुर जी ने भाभी की चूत को पूरी तरह से सॉफ कर फिर से सीधे होकर बहू के उपर आ गये ऑर भाभी के मुलायम नाज़ुक रसीले होंठो को पीने लगे…
ससुर जी बहू के मुलायम नाज़ुक रसीली होंठ चूम रहे थे….फिर उन्होने अपनी जीभ बहू के मुँह में डाल दी…..भाभी एक बार फिर मस्त होते हुए ससुरजी की जीभ को चूसने लगी थी…..कुछ देर तक यूँ ही चूसने के बाद…ससुर जी ने भाभी की गर्दन चूमनी चाटनी शुरू कर दी…आज तो वो बहू के हर अंग को चाट चाट कर पूरा स्वाद लेना चहते थे…..उन्होने बहू के कानो के पिछले हिस्से ऑर कानो में भी जीभ घुसा दी…..
भाभी…मूमयाते हुए,,,,आआओउउउईएइसीईयी पिताजी क्या आज कोई छेद छोड़ेंगे भी कि नहीं….
ससुर…बेटी तुम्हारा हर छेद है ही इतना सुंदर ऑर स्वादिष्ट कि कैसे छोड़ दूं मन तो कर रहा हैं आज तो तुम्हे घोल कर ही पी जाऊ….आआआहह क्या बदन है तुम्हारा बहू….बिल्कुल सुगंधित फूलों का दस्ता है…..जितना चूमता ऑर चाट्ता हूँ उतनी ही प्यास बढ़ जाती है…ऑर ज़्यादा स्वादिष्ट हो जाता है…..
भाभी…तो पी लीजिए ना…किसने रोका है….ऑर मुस्कुरा दी…
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