RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
ससुर देखा रहा हूँ कि हमारी बहू कितनी सुंदर है…भगवान ने अपने हाथो से बनाया होगा….ऑर तुम्हारी पैंटी की ख़ूसबू तो गजब ही ढा रही है…
भाभी…. दर्द तो उपर है…पिताजी…पर आप तो नीचे के दर्द पर पहुँच गये…पहले उपर का दर्द तो कम हो जाए…पिताजी….
ससुर होश में आते हुए…हैं ये तो में भूल ही गया था….ऑर ससुर ने भाभी के ब्लाउज को उपर करना शुरू कर दिया….
भाभी…अब ये क्या कर रहे है…पिताजी….
ससुर…बेटी पहले उपर का दर्द दूर करने की सोच रहा हूँ…कहीं इस ब्लाउज पर भी तेल ना लग जाए इसी लिए ऐसे भी उपर कर रहा हूँ…पर तुम्हारी तो बड़ी भारी भारी है…..ये उपर नहीं हो रहा है…लगता है इसे भी उतारना ही पड़ेगा .…..
भाभी…अब क्या हुमारा ब्लाउज भी उतार देंगे पिताजी….फिर तो हम बिल्कुल नंगे ही हो .…..
ससुर…पर बेटी…ऑर कोई चारा भी तो नहीं है….पहले उपर के दर्द को दूर जो करना है….ऑर फिर हमारी बेटी जैसी बहू ये ना कहे कि हम ने उसका पूरा ध्यान नहीं रक्खा…..
भाभी…हैं ये तो है..पिताजी..पर हमारा ब्लाउस…
ससुर…तुम आराम से लेटी रहो बहू…में खुद ही देख लूँगा….ऑर ससुर जी ने भाभी के ब्लाउस की हुक खोल दी….
भाभी…आअहह हाई राम आपने तो हमें पूरा ही नंगा कर दिया पिताजी…हमे तो बड़ी शर्म आ रही है…अब हम क्या करें….
ससुर…बस बेटी…आज हमे सेवा करने दो बाद में तो तुम ही हमारी सेवा करोगी….ऑर ये कहकर ससुर जी ने भाभी के ब्लाउस को उसके सरीर से अलग कर दिया….भाभी ने अपना चेहरा अपने हाथों में छुपा लिया….ऑर ससुर जी के हाथ बहू के सरीर पर घूमने लगे…ससुर का बुरा हाल हो रहा था…कि इतना कीमती माल उनके घर में ही था….ऑर दो साल से वे इसे देख ही नहीं सके…..
भाभी…का भी हाल अब ऑर खराब होने लगा था….पिताजी…दर्द तो अब ऑर बढ़ने लगा है….आपने तो ना जाने हमे क्या कर दिया है….आआअहह ससुर जी के हाथों के स्पर्श से भाभी की सिसकारी निकल गयी…..
ससुर…क्या हुआ बेटी…आज आपने सुबह हमें दूध भी नहीं पिलाया था…शायद इसीलिए आज तुम्हारे इतना तेज दर्द हो गया है…..
भाभी…हैं ये हो सकता है…पिताजी…में अभी ले आती हूँ….
ससुर….बस अब तो हम खुद ही पी लेंगे बेटी…तुम बस आराम करो…..
|