RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
तभी…बाहर के गेट के खुलने की आवाज़ आई ऑर भाभी जल्दी से उठ कर ससुर जी के रूम से चाइ का कप लेकर बाहर निकल गई….बाहर आकर भाभी ने देखा कि उनकी सासू माँ ऑर पति खेत से लौट आए है….भाभी किचन में चली गई ऑर अपने काम में लग गई…उधर ससुर जी करवेट लेकर ऐसे लेट गये कि जैसे सो रहे हों…..
सब कुछ सामान्य…मगर जो तूफान भाभी की चूत में ऑर ससुर जी के लंड में चल रहा था…..वो सामान्य कहाँ था….
दोस्तों ये लंड ऑर चूत की भी अजीब दास्तान है…लंड को चूत की ऑर चूत को लंड की जो चाहत होती है वो बड़ा तूफान ला देती है….हाँ एक बात ऑर मर्द को दूसरी औरत की चूत ऑर , औरत को दूसरे मर्द का लंड हमेशा आकर्षित करता रहा है ऑर करता रहेगा…ये वो भूख है जो कभी कम नहीं होती…या फिर यूँ कहिए…मर्ज बढ़ता गया ज्यूँ..ज्यूँ दवा की…..कुछ यही हाल अब भाभी ऑर ससुर का भी हो गया था….ऑर लता के बातों ने इसमें ऑर घी डालने का ही काम किया….भाभी की चूत में ऑर आग भड़क गई…अब तो उसे बस ससुर जी का लंड अपनी चूत में चाहिए था…उसके लिए वो अब कुछ भी करने तो तैयार हो रही थी….उधर ससुर की हालत भी कुछ इसी ही हो चली थी…वो भी भाभी की चूत के दीवाने हो चुके थे…बैगेर देखे ही उन्होने भाभी की चूत की कल्पना कर…कई बार हाथ से हिलाकर ही अपना वीर्य निकाला था…..
भाभी की सासू माँ ऑर पति के घर में आ जाने के बाद वो किचन में ही ना जाने कितनी प्लॅनिंग कर चुकी थी….सासू माँ के माएके में कोई शादी थी जिसमें उन सभी को आज जाना था…पर भाभी का प्लान तो कुछ ऑर ही था….अगर उनका प्लान कामयाब हो गया तो…उनकी ससुर के लंड को पाने की तम्मन्ना पूरी हो सकती थी…..
पति….किचन में आए…ऑर भाभी को बाहों में भरकर एक किस किया…क्या बात है आज तो बड़ी सुंदर लग रही हो…
भाभी…आपको सुंदर दिखाई दे रही हूँ…
पति…हैं क्यूँ नहीं…मेरी रानी है ही सुंदर…..
भाभी..आज सुबह से पेट (स्टमक) में काफ़ी दर्द है…अजवाइन भी ली पर कोई फ़र्क नहीं पड़ा….
पति…तो तुमने पहले क्यूँ नहीं बताया…में डॉक्टर से दवा ले आता….
भाभी…मेने सोच ठीक हो जाएगा…पर कोई आराम नहीं है….
पति…तुम ठहरो..में अभी डॉक्टर से दवाई ले आता हूँ….ऑर हाँ तुम तब तक आराम करो……तभी सासू माँ किचन में आई…..
ससुमा..क्या बात है बहू…
भाभी..कुछ नहीं…माजी..बस पेट में थोड़ा दर्द है….
सस्सुमा… बेटा जा डॉक्टर से दवा ले आ…आज तो तुम्हारे मामा के यहाँ जाना ज़रूरी है…उनकी तो एक ही बेटी है…उसकी शादी में जाना तो बहुत ज़रूरी है….
पति…ठीक है माँ…में अभी ले आता हूँ…..ऑर वे बाहर चले गये….ऑर भाभी अपने रूम में आकर बेड पर लेट गयी थी…ऑर इस प्रकार लापरवाही से लेटी कि जिससे लगता था.. कि उनको काफ़ी दर्द है….
पति ..कुछदेर बाद डॉक्टर को साथ ही ले आए…डॉक्टर साहिब ने निरीक्षण किया…और दर्द की सही वजह ना मिलने पर एक दर्द ओर नशे का एन्जेक्शन दे दिया….जिससे थोड़ी देर बाद ही भाभी को नींद आ गयी…ऑर वो गधे बेच कर सो गयी…….
सासू माँ…अपने बेटे से बाते करते हुए…अब क्या होगा बेटा…बहू की तबीयत तो खराब है…ऑर तेरे मामा के यहाँ भी अभी जाना है फिर क्या करे….
पति…कुछ समझ में नहीं आ रहा है माँ…पिताजी से पूछ लो….
सासू माँ अपने पति के रूम में गयी…ससुर जी की आँख भी लग गयी थी….थोड़ा गुस्से से…आप यहाँ गधे बैच कर सो रहे है…वहाँ बहू की तबिया खराब है…अभी डॉक्टर बुलाया था….फिर आज तुम्हारे साले की एक्लोति बेटी की शादी भी है…अब क्या करें….
ससुर…अरे..दर्द…कब से है…मुझे तो किसी ने बताया नही…अब कैसी है…ससुर भी परेशान होकर बोले….
सासू माँ…मुझे क्या मालूम..जब खेत से आए तो पता चला कि बहू की तबीयत खराब है….तुम्हे तो सोने से ही फुरसत कहाँ है….
ससुर…ये तो बड़ी परेशानी हो गई…अब क्या होगा……
तभी उनके बेटे ने आकर बताया कि डॉक्टर ने तो उसे बाहर ले जाने को मना किया है…दर्द किसी भी वेजह से हो सकता है…फिर क्या करें….
सासू माँ..ऐसा करो बेटा…में ऑर तुम चलते हैं…ये बूढऊ क्या करेगा…फिर बहू के पास भी कोई होना चाहिए..जो डॉक्टर से द्वाए वेगरह लाकर दे सके….ऑर कोई चारा भी तो नज़र नहीं आ रहा है….बहू की तबीयत अब कैसी है….
बेटा…डॉक्टर ने नींद का एन्जेक्शन दिया है….अभी तो सो रही है शायद….
माँ…ठीक है बेटा…तुम तय्यार हो जाओ…में भी तय्यार होती हूँ..देर भी काफ़ी हो गयी वर्ना रात हो जाएगी…बहू को ये देख लेंगे…ऑर फिर डॉक्टर ने दवाई तो दे ही दी है…..कुछ आराम कर लेगी तो आराम आ जाएगा…..
बेटा…ठीक है माँ…आप तय्यार हो जाओ में तय्यार होकर अभी आता हूँ…..ऑर बेटा बाहर चला गया…..
सासू माँ…बहू को तुम्हारे भरोशे छोड़ कर जा रही हूँ…उसका ध्यान रखना….ऑर ज़्यादा प्राब्लम हो तो डॉक्टर को बुला लाना….में पड़ोस में लता को बोल जाती हूँ दो दिन रोटियाँ वो सैक देगी….
ससुर…ठीक है…तुम जाओ में देख लूँगा…कोई परेशानी नहीं होगी…में सब संभाल लूँगा….
सासू माँ मन ही मन सोच रही थी कि अचानक बहू को क्या हो गया…सुबह तो वो ठीक थी…. ससुर भी परेशान होकर बहू के रूम में गये…वो बेसूध होकर सो रही थी…बेचारे परेशान से बाहर आ गये….सासू माँ पड़ोसन लता को बोल कर आ गयी ऑर थोड़ी देर के बाद सासू माँ ऑर भाभी के पति दोनो बस में बैठकर अपनी मंज़िल की ओर रवाना हो गये….
ससुर…बड़ी बैचेनी से इधर उधर टहल रहे थे….शाम होने से पहले ही लता आई ऑर खाना बनाकर…ससुर जी को भाभी का ख़याल रखने को कह कर लौट गई….मगर भाभी अभी भी बेसूध होकर सो रही थी…..इसी तरह से दिन ढल गया…ऑर रात हो चली थी…ससुर ने सभी दरवाजे बंद किए…ऑर बहू के रूम में ही उसके बेड पर ही बैठ गये….कुछ ही देर के बाद बहू ने आहह की आवाज़ के साथ आँखें खोल दी……ऑर अपने ससुर की ओर देखा जो उसके बेड पर ही बैठे थे उसी के चेहरे की ओर देख रहे थे…..
ससुर…अब कैसी तबीयत है…बेटी…..क्या दर्द कम हुआ…
भाभी…हाईन पिताजी…दर्द कम तो है…पर ठीक नहीं हुआ है…..
ससुर…तुम चिंता ना करो…सब ठीक हो जाएगा…में हूँ ना…..
भाभी…हल्की सी आहह भरते हुए…उठने की कोशिस करने लगी….
ससुर क्या…बात है बेटी…लेटी रहो….
भाभी…में टाय्लेट जाना चाहती हूँ पिताजी…पर शायद हिम्मत ही नहीं हो रही है….भाभी ने अपने प्लान पर काम शुरू करते हुए कहा…अब तक भाभी ज्ज़ान चुकी थी…कि उसके पति ऑर सासू माँ रिश्तेदारी में जा चुके है……ऑर अब बारी भाभी की थी…………….
ससुर…चलो बेटी में मदद करता हूँ….
भाभी…आप पिताजी…पर आप कैसे मदद करेंगे….
ससुर… घबराओ नहीं बेटी…में तुम्हे पकड़ कर ले चलता हूँ…ऑर बिना किसी आन्सर का एंतजार किए ही ससुरजी भाभी की बाहे पकड़ कर भाभी को उठाने लगे थे…..
भाभी…आअहह पिताजी….हिम्मतनहीं हो रही है…फिर दर्द अभी भी है…कहीं में गिर ना जाऊ….
ससुर…डरो नहीं बेटी…में तुम्हे गिरने नहीं दूँगा….
भाभी…हैं वो तो है…पिताजी…उठने की कोशिस करते हुए….ऑर बिल्कुल निढाल सी होकर ससुर जी के ऑर करीब..ऑर करीब…ससुर की बालिश्ट बाहों ने भाभी को पूरी तरह से संभाल लिया….ऑर ससुर जी के हाथ बहू की दोनो बगल में थे….उनकी उंगलियाँ बहू की भारी भारी चुचियों का उभार महसूस कर रही थी…ससुर इस मौके का पूरा फ़ायदा उठाना चहते थे उन्होने बहू को कुछ ऑर करीब कर लिया जिससे उसकी चुचियो को उनकी उंगलियाँ पूरी तरह से स्पर्श कर रही थी…ऑर बहू के मांसल मांसल भारी चूतड़ (कूल्हे) कई बार ससुरजी के लंड पर रगड़ खा चुके थे….ऑर वो बाथरूम में पहुँच गये….
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