RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
संतोष…भाभी आप भी ना बस….ऑर फिर शास अब बच्चा कहाँ रहा है….शायद आपको कोई ग़लत फ़हमी है भाभी….फिर हमारा वो मतलब नहीं था….संतोष ने कुछ सोचते हुए कहा…
भाभी…क्या मतलब कि शास अब बच्चा नहीं रहा है…मुस्कुराते हुए….कही डॉक्टरनी की तरह उसका भी तो नहीं देखा लिया है दीदी…
कैसा है दीदी….
संतोष…क्या भाभी…आप भी मज़ाक कर रही है…
पर घर में तो पानी मार ही रहा था…जिसको भाभी ताड़ गई…भला भाभी की अनुभवी आँखो से वो कैसे छुपा सकती थी….
संतोष…क्या कैसा है….
भाभी….अरे वही…जिसकी तुम्हे रात में ज़रूरत महसूस हो रही है……
संतोष…लजा कर…अरे भाभी…भला मुझे क्या मालूम…
भाभी…दीदी सच-सच बताओ ना…..क्या आपने देखा है….
संतोष…आप तो पीछे पड़ गई भाभी…ऐसी कोई बात नहीं है…
भाभी…देखलो दीदी…अगर आप सच बताएँ तो में शास के पापा से रात को भेजने की बात करूँगी…ऑर नहीं तो बस आपकी रात काली….समझ गई ना बन्नो रानी…भला कोई अपनी भाभी से भी कोई बात छुपाता है…अरे पगली भाभी तो नंदो की मदद ही करती है….
भाभी..संतोष ऑर कुसुम के चेहरों पर आते जाते भाव को पढ़ती हुई….
क्या हुआ दीदी…..आप दोनो तो चुप हो गई…में तो तुम्हारी मदद करना चाहती थी…बाकी आपकी मर्ज़ी….
कुसुम…निराश होते हुए…अब आपसे क्या छुपाना भाभी….संतोष दीदी ने शास के बारे में मुझे बताया था…
भाभी…क्या बताया था…दीदी….
कुसुम…यही कि शास का बहुत बड़ा ऑर मोटा है…ऑर वो पूरी तरह से एक पक्का मर्द है….
भाभी…मुस्कुराते हुए…ये तो मुझे भी मालूम है…ऑर क्या बताया था…अब वो भी बता दो ना दीदी……
संतोष ने शर्म से अपना सिर नीचे झुका लिया था…पर ऑर कोई चारा भी तो नहीं था…अगर उन्हे रात का मज़ा लेना था तो भाभी को सब कुछ बताने के अलावा ऑर कोई रास्ता नही था….
कुसुम…भाभी एक बार संतोष ने शास के साथ किया था…वो उसे आज भी याद है…शास के उसकी लंबाई 6-7 एंच होगी ऑर मोटाई तो 3 एंच से भी ज़्यादा हो सकती है…ऑर क्या बताऊ भाभी….
भाभी…अच्छा में शास के पापा से बात करूँगी…पर मेरे शास को दोनो मिलकर बिल्कुल निचोड़ ही मत लेना….भाभी ने हँसते हुए….संतोष के गाल पर एक हल्की सी चपत लगाते हुए कहा…
संतोष…ने उपर सिर उठाकर भाभी की ओर देखा…भाभी अभी भी मुस्कुरा रही थी…संतोष ने आगे बढ़ कर भाभी को बाहों में भर लिया….”भाभी”……………….
भाभी…अरे पगली…में तो पहले से ही जान रही थी…बस पक्का नहीं था….ऑर तुम्हारी चुचियाँ तो अभी से इतनी टाइट हो गई है फिर रात मे क्या होगा…….भाभी फिर हंस पड़ी….
संतोष…ने भाभी को ऑर ज़ोर से भींच लिया…ऑर भाभी के गाल पर एक किस दे दिया…..
भाभी…दीदी इसे तो रात के लिए संभाल कर रक्खो…रात में काम आएगा…अब ये तो बताओ दीदी…कि तुमने शास को कब ऑर कैसे फँसाया था…
संतोष…भाभी बस एक बार जब में शास को खेतों में ले गई थी….बस उसी दिन….
भाभी…कैसा लगा था…
संतोष…भाभी अब सच बताऊ तो जैसा मज़ा उस दिन आया वैसा पहले कभी नहीं आया …और उसके बाद किसी के साथ कुछ करने का मन ही नहीं हुआ…..
भाभी..अच्छा तो ये बात है…कुछ सोचते हुए…अब शायद भाभी को भी मज़ा आने लगा था…
क्या सच कह रही है दीदी…पर उसे क्या चुदाई का कोई अनुभव था…क्या उसने पहली भी…किसी के साथ….
संतोष…नहीं भाभी..उसका वो पहला वाकिया था….उसे तो मेने खुद ही ट्रेंड किया था…उसके बाद उसने जो मेरी चुदाई की…बस आज तक नहीं भूल पाई….धीरे धीरे वो चुदाई जैसे शब्दों का प्रयोग करने लगी थी…भाभी सच बताऊ शास का बहुत बड़ा ऑर मोटा है…मेरी तो कई दिनो तक दुखी थी…
भाभी…अच्छा…………
उस समय उन तीनो की चूत पानी छोड़ रही थी…भाभी भी अपने शास के बारे में सोच रही थी कि आख़िर ऐसा कितना बड़ा होगा शास का लंड जो संतोष दीदी उसकी इतनी तारीफ कर रही है….सोच सोच कर ही उसकी चूत पानी छोड़ रही थी…उधर संतोष ऑर कुसुम की चूत रात के बारे में सोच कर पानी छोड़ रही थी…
पर भाभी को शायद अब कुछ ऑर भी याद आ रहा था…शायद अपने ससुर के बारे में……
भाभी…. के मस्तिस्क में चलचित्र की तरह आपनी शादी ऑर उसके बाद की कुछ घटनाए घूमने लगी……………..
नई नई शादी होकर भाभी ससुराल आई थी…सुहाग रात में उसके पति ने उसे पूरी रात में 5 बार अपने 6 एंच लंबे ऑर मोटे लंड से चोदा था…क्योंकि भाभी पूरी तरह से वर्जिन (कुँवारी) थी…इसलिए उसे दर्द भी बहुत हुआ था.. पर बाद की चुदाई में मज़ा भी बहुत ही आया था…..इसी तरह से कुछ दिन गुजर गये…उसका पति उसे रोज ही रात में एक या दो बार चोदता था…इस चुदाई के मज़े में भाभी अपने मैके की सारी बातों को भूलने लगी थी..जब भी वो मयके जाती वहाँ पर उसका मन बिल्कुल नहीं लगता था…उसे अपने पति की याद ऑर चुदाई का सुख याद आता था…उसके पति भी उसके बिना नहीं रह पाते थे…..ऑर जल्दी ही उसे मायके से वापस ले आते थे….उस रात में वो कई बार चुदाई करते थे…इसी तरह से एक साल गुजर गया…भाभी अपने पति से पूर्ण संतुष्ट थी…ऑर उसे अपने पति का लंड बहुत अच्छा लगता था…..पर एक दिन….उसकी सास ने उसे कहा कि बहू तुम्हारी शादी को एक साल हो गया है हमें पोते का मुँह कब देखने को मिलेगा…..
रात में भाभी ने ये बात अपने पति को बताई….तो उसके पति ने कहा जब जो होगा हो जाएगा…क्या तुम संतुष्ट नहीं हो….भाभी ने अपने पति को चूमते हुए कहा कि में पूर्ण संतुष्ट ऑर खुस हूँ…इस तरह से कुछ दिन ऑर गुजर गये…पर एक दिन फिर उसकी सास ने कहा कि बहू इतने दिन हो गये….तुमने कोई खूसखबरी नहीं दी….भाभी सोचने लगी कि आख़िर उसके हाथ में क्या है….पर उसने आपनी सासू माँ को कोई जबाब नहीं दिया….
फिर रात में भाभी ने अपने पति को वही बात बताई…तो वो भी सोचे लगे कि…की आख़िर वो क्या करे…????
अगले दिन भाभी के पति ने भाभी ऑर अपना चेकप एक डॉक्टर से कराया…दोनो की सभी रिपोर्ट्स नॉर्मल आई…ऑर धीरज धरने के लिए कहा…..कि कई बार ऐसा होता है…घबराने की कोई बात नहीं है…सब ठीक हो जाएगा…दोनो घर आ गये…ऑर फिर नॉर्मल लाइफ चलने लगी….
एक रात की बात है कि भाभी चुदाई के बाद जब बाथरूम में जा रही थी तो उन्हे आपनी सासू माँ की कुछ अजीब सी कराहने की आवाज़ सुनाई दी…मानो वो दर्द से कर्राह रही हों…सुबह भाभी ने सासू माँ से पूछ ही लिया माजी क्या रात आपकी तबीयत खराब थी…जब में बाथरूम गई तो आप दर्द से कर्राह रही थी…क्या बात है….
सासू माँ मुस्कुरा कर रह गई…ओर बोली नहीं तबीयत ठीक है बस यूँ ही कभी कभी…कुछ परेशानी हो जाती है….
भाभी कुछ समझ नहीं पाई…ऑर बात आई गयी हो गई…
भाभी के ससुर बड़े ही हट्टे-कट्टे लंबे चौड़े गतीले बदन के मालिक थे….एक दिन गाँव की कुछ ओरते (लेडीज़) उनके घर पर बैठी थी ऑर आपस में मज़ाक करते हुए…चुदाई के संबंध में बातें करने लगी ….तभी एक ने बताया कि ….गाँव की एक ओरत के उसके ससुर से संबंध है…..दूसरी ने कहा कि ये कोई नई बात नहीं…आमतौर पर बहू के संबंध ससुर के साथ बन ही जाते है…भाभी सोचने लगी…कि क्या ये भी संभव है…फिर उसे ख़याल आया कि उसके ससुर भी तो उसे चुपके चुपके घूरते है…कई बार उसे अपनी पैंटी पर भी कुछ लगा हुआ मिला है…कहीं उसके ससुर भी तो उस पर नज़र तो नहीं रखते है…ये ख़याल आते ही….भाभी अपने ससुर पर चोर निगाहों से नज़र रखने लगी थी…..
अब भाभी की नज़र अपने ससुर पर रहने लगी थी…भाभी ने महसूस किया कि अक्सर उसके बाथ लेने के बाद उसके ससुर बाथरूम में ज़रूर जाते है…ऑर जब भी भाभी टाय्लेट जाती थी तो उसके ससुर टाय्लेट के दरवाज़ के आसपास नज़र आते थे…पहले तो भाभी इस ओर ध्यान ही नहीं देती थी…पर जब से उन्होने ध्यान देना शुरू किया तो वे इस रहस्य को समझ नहीं पा रही थी…एक दिन जब भाभी घर में सफाई कर रही थी तो उन्होने महसूस किया कि उनके ससुर की निगाहे लगातार उनकी चुचियों को घूर रही है…तो भाभी के सरीर में सिहरन सी दौड़ गई…ऑर उन्होने साड़ी के पल्ले को जो नीचे गिरा हुआ था…ऑर भाभी की आधी चुचियाँ नज़र आ रही थी…को ठीक किया…ऑर फिर सफाई में लग गई…. अचानक उनके ससुर ने भाभी को संबोधन करते हुए कहा….
ससुर…बेटा सफाई आराम आराम से किया करो…वर्ना थक जाओगी……
भाभी…जी पिताजी…
ससुर….सफाई करते हुए ढीले ढले कपड़े ही पहना करो जिससे बैठने में परेशानी ना हो…..या फिर साड़ी को उतार दिया करो…यहाँ पर मेरे ऑर तुम्हारी सास के अलावा ऑर कॉन होता है…में तो तुम्हारे बाप जैसा हूँ मुझ से क्या शरमाना ऑर क्या परदा…ये साड़ी का पल्लू बार बार लुढ़क कर तुम्हे परेशान करता है…बेहतर रहेगा…..कि तुम इसे उतार ही दो….
सासू माँ….बेटी में ज़रा बाहर जा रही हूँ अभी आती हूँ तब तक अपने ससुर को नाश्ता करा देना…में बाद में आकर कर लूँगी….
भाभी…जी माजी….
ससुर…बेटी…तुम मेरे नास्ते की चिंता में परेशान ना हो आराम से सफाई कर लो…बाद में सब साथ नाश्ता कर लेंगे…पर यदि तुम चाहो तो ये साड़ी उतार कर सफाई कर लो…जिससे तुम्हे परेशानी ना हो…
भाभी…नहीं पिताजी मुझे कोई परेशानी नहीं हो रही है…
ससुर…परेशानी क्यूँ नहीं है…में देख रहा हूँ कि ये पल्लू तुम्हे बड़ा परेशान कर रहा है….
भाभी…वो तो ठीक है पिताजी पर कोई आ गया तो क्या कहेगा…..
ससुर ….अरे क्या कहेगा…तुम हमारी बेटी के समान हो…इसमें हर्ज ही क्या है……
भाभी …नहीं पिताजी..में ठीक हूँ…परंतु भाभी कुछ कुछ अब समझ रही थी कि उसके ससुर उसकी साड़ी क्यों उतरवाना चाह रहे है…ऑर उनका ध्यान कहाँ पर है…पर वो अपने ससुर को अपनी ओर से कोई मोका नहीं देना चाहती थी….
ससुर…ठीक है बहू में तो तुम्हारी परेशानी की वजह से कह रहा था…ये पल्लू तुम्हे बड़ा परेशान कर रहा है…
भाभी…कर तो रहा है पिताजी…पर क्या करूँ…कोई आ गया तो जाने क्या क्या समझ लेगा…ऑर जाने क्या क्या बातें होने लगेंगी….भाभी ने ये तो जान ही लिया था कि ससुर बहू के संबंध आम बात है…जैसा कि उसने दूसरी औरतों से सुना था..पर वो अभी इसके लिए तयार भी नहीं थी…ऑर फिर पहल भी नहीं करना चाहती थी….फिर उसे ससुर को परेशान करने में अब मज़ा भी आने लगा था….कई बार तो वो जान बूझ कर अपने पल्लू को इधर उधर गिराने लगी थी…जिससे उसके ससुर ऑर परेशान हो जाए…. कि अचानक भाभी की नज़र सफाई करते हुए आपने ससुर की धोती पर पड़ी तो वो कांप कर रह गई…
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