RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
अब कंचन को चूत के फटने या बच्चेदानि के फटने की कोई चिंता नहीं थी...बस चुदाई.....ऑर चुदाई का आनंद.....ऑर इसी समुंदर में तैरते हुए कंचन अब चुदाई के किनारे की तलाश मे अपने दोनो हाथ शास की कमर पर फिरा रही थी....कभी कभी उसके हाथ शास के चुतड़ों पर आकर शास के लंड को ऑर चूत के अंदर तक लेने की कोशिस कर रहे...थे...उसके अंदर एक तूफान आने जा रहा था.....उधर शास के धक्को की स्पीड के साथ कंचन चुदाई के अंतिम उस छोर की ओर जा रही थी.....जिसका कोई किनारा नहीं...एक अद्भुत आनंद....आनंद....ऑर पूर्णआनंद.......अर्थात....उसकी चूत अब पानी छोड़ने के करीब.....ऑर उसके हाथों का खिचाव शास की कमर पर बढ़ता ही जा रहा था.......
कंचन के हाथों का दबाव शास ने अपनी कमर पर अनुभव किया.....ऑर उसने ऑर जोरदार धक्को की बरसात कंचन की चूत में कर दी.....कंचन की सिसकारी अब पूरे कमरे में गूँज रही थी.....उसी रफ़्तार से भाभी की उंगलियाँ भी अपनी चूत के अंदर बाहर हो रही थी.....भाभी शास के लंड को ही अपनी चूत में जाता अनुभव कर के अपने हाथ की स्पीड बढ़ा रही थी....भाभी की चूत भी अब पानी छोड़ने ही वाली थी...उधर कंचन की चूत और शास के लंड की जंग.....कंचन की चूत फट चुकी थी...उससे खून अब चूत के पानी के साथ मिलकर रिश रहा था...पर चुदाई के आनंद में अब वो सब भूलकर पूर मज़ा ले रही थी...उसकी चूत पानी छोड़ने ही वाली थी ऑर वो शास से ऑर ज़ोर से चिपक कर चूतड़ उछाल रही थी.....कमरे में सिसकारियों की गूँज...उूुुआाअहहुउऊउउम्म्म्ममाआअसस्स्स्स्स्स्सीईईआ आाआआईयईईई सस्स्स्स्स्स्स्शहाआआआअसस्स्स्स्सस्स म्म्मईएरररीए बब्भाई.......फ़ाआड़ दे...आआआहह ईईए लो म्म्म्ममाआऐं तूओ ज्जाअ रही हूऊऊऊवन्न्ननणणन् गूँज रही थीईई
ऑर इसी के साथ कंचन ने पानी छोड़ दिया.......
कंचन की आँखे बंद हो गयी ओर उसकी उंगलियों के नाख़ून शास की कमर में घुस गये...उूुुुुुुुुुुुुआााआआआआअहह की लंबी ध्वनि के साथ.......बस शास के धक्को की आवाज़....कंचन पूर्ण शांत....एक लंबी शांति.......एक लंबा पहला आनंद.....चरम आनंद.....
उधर भाभी की चूत ने भी पानी छोड़ दिया....ऑर एक आआअहह्के साथ वो भी शांत हो गयी.....
मगर शास का लंड अभी भी पूरी गति से अंदर बाहर हो रहरा था.....ऑर फूच फूच फूच की मधुर कामुक आवाज़ ही कमरे में गूँज रही थी....कंचन की चूत अब काफ़ी गीली हो चुकी थी.....ऑर शास का लंड पूरी गति से अंदर बाहर हो रहा था.......अब शास भी अपने उत्कर्ष की ओर बढ़ने लगा था....उसका लंड भी अब पानी छोड़ने के करीब ही था....शांत कंचन में कुछ हलचल सी हुई....शायद अब वो उस पारमानंद से लूटने लगी थी....ठीक इसी बीच शास के लंड ने एक तेज पिचकारी के साथ पानी छोड़ दिया ऑर कंचन की चूत को पूरी तरह से अपने लंड के पानी से भर दिया......शास पूरी तरह से कंचंन से चिपक गया....कंचन अपनी चूत में शास के लंड का गरम-गरम पानी महसूस कर परम आनंद से सराबोर हो चुकी थी....ऑर कमरे में अब पूर्ण शांति..........
कुछ देर के बाद शास ने लंड को कंचन की चूत से बाहर खींचा....इसके साथ ही, खून....चूत का पानी ऑर ढेर सारा वीर्य का मिला हुआ वयंजन कंचन की चूत से बाहर निकलने लगा.....कंचन ने उठने की कोशिस की पर वो ठीक रूप से खड़ी नहीं हो पाई....भाभी ऑर शास ने उसे संभाला....कंचन को अब चलने में बहुत परेशानी हो रही थी....उसकी फटी हुई चूत से अभी भी...खून का रिश्वत हो रहा था....
भाभी....शास ये तो बुरा हुआ...कंचन की चूत तो काफ़ी फट गई ही.....
शास.....अब क्या होगा भाभी...वो घबराकर बोला.....कंचन भी घबरा गई.......
भाभी .....कुछ नहीं...घबराओ मत....सब ठीक हो जाएगा....पहली बार ऐसा होता है....ऑर फिर कंचन की चूत तो अभी नाज़ुक ऑर कुँवारी थी....इस पर गधे का लंड उस में घुसा दिया....तो ये तो होना ही था....पर घबराओ नहीं में संभाल लूँगी.......
भाभी ऑर शास कंचन को पकड़ कर बाथरूम तक ले गये...पर कंचन दर्द के कारण चल नहीं पा रही थी...उसकी टाँगें काप रही थी....ऑर सारे कपड़े भी खून से खराब हो चुके थे.....टाय्लेट करते हुए कंचन को भयंकर दर्द हुआ....
भाभी ऑर शास कंचन को वापस रूम में ले आए....भाभी ने गरम पानी करके उसमें ब्रांडी मिलाकर कंचन की चूत की सिकाई की....जिससे कंचन को काफ़ी दर्द के बाद कुछ राहत मिली.....अभी तक सुबह के 5 बज चुके थे....
भाभी...तुम दोनो कुछ देर आराम कर लो...मेरे पति...हॉस्पिटल से आते ही होंगे....बाकी में सवेरे सब संभाल लूँगी...घबराओ मत...थोड़ी देर सो लो.....
शास ....ठीक है भाभी...पर मुझे तो डर लग रहा है...कंचन की चूत तो बिल्कुल फट गई....घरवालों को क्या कहेंगे.....
भाभी....कहा ना...में सब संभाल लूँगी...अब सो जाओ.....
अब भाभी घर के अन्य कामो में वयस्त हो गई...ऑर शास ऑर कंचन सोने की कोशिस करने लगे....ऑर कुछ ही देर बाद उनके सोने की भी आवाज़ कमरे से आ रही थी....ऑर भाभी काम करते हुए आगे की प्लान बना रही थी..
सुबह जब भाभी के पति जब हॉस्पिटल से आए तो भाभी ने उन्हे बताया कि कंचन रात टाय्लेट जाते हुए बाथरूम में गिर गयी थी....काफ़ी चोट लग गयी है....में जब हॉस्पिटल जाउन्गी तो उसे भी डॉक्टर को दिखा दूँगी....ऑर भाभी जल्दी ही कंचन को अपने पति की सहायता से हॉस्पिटल ले गई...ऑर चुपचाप लड़े डॉक्टर को दिखाया...डॉक्टर ने कुछ क्रींस व मेडिसिन्स दी थी..कुछ दिन सेक्स से दूर रहने की सलाह भी...दी...इसके बाद वे घर लौट आए ...वहाँ पर भी कंचन की बाथरूम में गिरने की ही बात बताई....ऑर किसी को भी शक नहीं हुआ....बात इसी तरह से निपट गई....ऑर शास अपनी मोम के साथ अपने गाँव लौट गया ...कुछ दिनो बाद उसे पता चला कि भाभी प्रेगनेंट है...आख़िर उसने भाभी को चोद चोद कर माँ बना ही दिया था...ऑर भाभी की बरसों की इच्छा भी पूरी हो गई थी
मामा के घर से आने के बाद शास अपनी एग्ज़ॅम्स की तय्यारी पर लग गया ऑर पूरी मेहनत से साथ उसने एग्ज़ॅम दिया....उसके बाद उसकी समर वाकेशन्स शुरू हो गयी.....शास ने मम्मी से मामा के गाँव जाने के लिए कहा तो मम्मी ने कुछ दिन बाद जाने के लिए कह कर बात ख़तम कर दी.....मगर शास के लंड को अब चूत की ज़रूरत महसूस हो रही थी...काफ़ी दिनो से उसे कोई चूत नहीं मिली थी....उसका लंड अब पहले से बड़ा ऑर मोटा हो चुका था...उसे खुद आश्चर्य था...कि उसका लंड इतना भारी कैसे हो जा रहा है....ऑर साथियों से बातों बातों में उसे जानकारी मिल चुकी थी..कि लंड औसत मे 5 या फिर 6-7 इंच का ही होता है...पर उसका लंड तो अभी से 10 इंच लंबा था.. ऑर मोटा भी बहुत था....उसका लंड किसी भी चूत को फाड़ने के लिए काफ़ी था.....मगर अभी किसी भी चूत के मिलने की कोई संभावना नज़र नहीं आ रही थी.....मगर खुदा जब देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है.....यही कुछ बात शास पर भी लागू हुई........
शास को पहला चुदाई का अनुभव संतोष बुआ ने ही कराया था..ऑर आज कल शन्तोश बुआ की लड़की कुछ दिनो के लिए उनके घर पर आई...जो कि एम्स न्यू देल्ही से एमबीबीएस कर रही थी....
संतोष ऑर उसकी बुआ की लड़की शास के घर मिलने के लिए आई....शास तो उस लड़की को देखता ही रह गया....वो इतनी सुन्दर थी....कि शास का तो हाल ही खराब हो गया....ऑर एक तरफ़ा उसी लड़की को घूरता रहा...जब उस लड़की ने शास को अपनी ऑर इस कदर घूरता हुए देखा तो उसे कुछ अच्छा नहीं लगा...वैसे तो उसके लिए ये कोई नई बात नहीं थी...कॉलेज ऑर बाज़ार में भी लड़के उसे घूरते रहते थे...पर गाँव में उसे काफ़ी छोटा लड़का उसे इस कदर घूर रहा था....ये कुछ अटपटा सा लगा...पर वो कुछ नहीं बोली ओर शन्तोश के साथ अपने घर लौट गई.....
कुसुम..संतोष दीदी ये लड़का कौन था...
संतोष...कॉन्सा लड़का कुसुम..
कुसुम...अरे वही लड़का जिनके घर से हम अभी आए है...बहुत घूर घूर कर देख रहा था..
संतोष.. तुम हो ही इतनी सुंदर कि कोई भी तुम्हे घूर घूर कर ही तो देखेगा....ये कह कर संतोष हंस पड़ी.....
कुसुम-क्यूँ मज़ाक कर रही हो दीदी...ज़रा उसकी उम्र तो देखो....ऑर ऐसे घूर रहा था.. कि मानो..मुझे.........
संतोष...वो देखने में ही छोटा है...पर उसका वो बहुत बड़ा है....
कुसुम...उसका वो से आपका क्या मतलब है दीदी...
संतोष...हँसते हुए डॉक्टरनी जी इतनी भी भोली ना बनो...
कुसुम...इसमें भोली बनने की क्या बात है...ज़रा खुलकर बताओ ना दीदी...
संतोष...अरे वही...जिसके लिए आदमी औरत को देखता है....
कुसुम…आदमी किसके लिए औरत को घूरता है दीदी….
संतोष…तुम कॉलेज में क्या पढ़ती हो…जो तुम्हें ये भी नहीं पता है…ऑर फिर तुम्हें कॉलेज के लड़के क्यूँ घूरते हैं…????
कुसुम…उनका तो दिमाग़ खराब होता है जहाँ कोई लड़की देखी बस हो गए शुरू…कुछ वो बोलते रहते है…उन्हें तो कोई ऑर काम होता नहीं है…पर ये लड़का तो अभी उम्र में भी काफ़ी कम है….
संतोष…मेने बताया ना…उसका वो काफ़ी बड़ा ऑर मस्त है….
कुसुम…में भी तो वही पूछ रही हूँ कि वो क्या…..
संतोष….अगर तुम कॉलेज के लड़को को लिफ्ट दो तो वो तुम्हारे साथ क्या करना चाहेंगे…
कुसुम….अरे दीदी छोड़ो..वो तो गंदी सन्दी पिक्चर देखते है…बस उन्हे तो एक ही चीज़ चाहिए….
संतोष…एक ही क्या चीज़ चाहिए…ये तो बताया नहीं तुमने….
कुसुम…तुम तो बात को टाल रही हो…में तो उसके बारे में पूछ रही हूँ….
संतोष..ऑर में भी तो उसी के बारे में बता रही हूँ…वे लड़के तुमसे क्या चाहते है….
कुसुम….सेक्स करना ऑर क्या….
संतोष…पर ये सेक्स होगा किस चीज़ से…में उसी के बारे में बता रही हूँ….
कुसुम…क्या मतलब….
संतोष….बस यही मतलब है कि उसका वो बहुत बड़ा है…..
कुसुम…इसका मतलब ये हुआ कि आपने देखा है दीदी…
संतोष…यही समझ लो…
कुसुम…उत्सुकता से …पर कैसे दीदी…क्या आपने उसके साथ…
संतोष…यही समझ लो…पर वो है बड़ा ही प्यारा…
कुसुम…दीदी बताओ ना…क्या, कब ऑर कैसे हुआ था…..
संतोष…अर्रे..अरे एक साथ इतने सवाल…बस बता दिया कि वो बहुत ही प्यारा है….बस एक ही बार मोका मिला था…बस वो मज़ा आया कि आज तक याद है….अगर एक बार देख लिया तो अपने शहर के लड़को को भूल ही जाओगी…
कुसुम…में अभी कहाँ लड़को को याद रखती हूँ…मेरा कोई बाय्फ्रेंड नहीं है दीदी ऑर मैने आज तक किसी भी लड़के से बात तक नहीं की ऑर बाते तो एक तरफ रही….
संतोष…तो क्या वास्तव में तुमने कभी किसी आदमी का वो नहीं देखा…ऑर सेक्स का आनंद नहीं लिया…
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