RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
दर्द से निढाल कंचन......शायद एक बार फिर मुस्कान की कहानी........कंचन को संभलने का मौका दिए बगैर ही शास का तीसरा जोरदार धक्का.....ऑर इस बार शास का पूरा लंड कंचन की चूत में था और कंचन की बच्चे दानी के अंदर दाखिल हो रहा था.....मगर ये क्या...कंचन तो चीख कर बेहोश बो चुकी थी और बेहोशी में भी दर्द के कारण... अपने सिर को इधर उधर कर रही थी....उसकी आँखों से बहता पानी उसके दर्द की पूरी दास्तान बया कर रहा था....
भाभी....क्या हुआ शास......
शास...वही जिसका डर था भाभी.....
आख़िर भाभी से नहीं रुका गया ऑर वो उठी....अरे ये तो बेहोश हो गयी शास...तुमने इस बेचारी के हालत पर बिल्कुल भी तरस नहीं खाया....भला ये गधे का लंड ये मासूम कंचन काया झेल पाती.....
खैर ठहर अभी कुछ नहीं करना.....में फ्रिज का ठंडा पानी लाती हूँ....तब तक...तू इसके बूब्स ही सहला सकता है....लंड को मत छेड़ना......
शास धीरे धीरे कंचन की चुचिया मसल रहा था....शास का लंड कंचन की चूत में पूरी तरह से फँसा था....ऑर बेहोशी की हालत में कंचन अपने सिर को इधर उधर हिला रही थी.....कंचन की नाज़ुक कुँवारी चूत ऑर शास का मुस्टंडा गधे जैसा लंड....क्या कंचन झेल पाती....आख़िर यही तो होना था......फिर भी शास अपने लंड को बिना हिलाए कंचन की चुचियाँ हल्के हल्के दबा-दबा कर सहला रहा था....ओर कभी कभी चुचियों के निप्पल होंठों में लेकर चूस रहा था....तभी भाभी पानी लेकर आ गयी....ऑर कंचन के मुँह पर ठंडा पानी डाला....एक बार फिर ठंडा पानी डालने पर कंचन कुछ होश में आई...पर चूत का दर्द अभी भी उससे सहन नही हो पा रहा था....उसकी आँखो से बहता हुआ पानी उसके दर्द की कहानी बयान कर रहा था.....कंचन कुछ होश में आते ही चीख पड़ी.....शास प्लीज़ इसे बाहर nikal लो....में तो मर जाउन्गी....आआआआआअहह उूुुुुउउईईईईआआाअहीईईईइससस्स्स्सिईईईईईईईईईई.......................
धीरज धर....अभी दर्द बंद हो आएगा......
कंचन....भाभी में मर रही हूँ
भाभी कंचन के सिर के पास बैठ गई...
भाभी....कंचन बस ज़रा सा हूँ....
कंचन - आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
भाभी....बस अब जो होना था...वो तो हो चुका......बस थोड़ी देर ऑर सहन कर लो......
कंचन....भाभी....नहीं मुझसे सहेन नहीं हो पा रहा है.........
भाभी....कंचन बस थोड़ी सी देर ऑर....ऑर फिर ये तो एक दिन होना ही था...बस इसके बाद इस दर्द से हमेशा के लिए छुट्टी.....बस मज़ा ही मज़ा.... पहले तो सबसे आगे थी.....ऑर अब डर रही है.....लंड तो पूरा चूत में घुस चुका है....क्यों शास.....?????
शास...हां भाभी...कंचन की चूत तो मेरे लंड को पूरा पी गई....
कंचन...पी नहीं गई...फट गई.......
इस पर भाभी....ऑर शास एक साथ हंस पड़े और दर्द होते हुए भी कंचन मुस्कुरा दी.......
भाभी.....आज काश में कंचन की जगह होती...तो बड़ा मज़ा आता...में भी अपनी चूत को फटते हुए देखती....पर मुझे पहले ऐसा लंड ही नहीं मिला....शास मेरी चूत में फिर खुजली मचने लगी है....कुछ तो इस का भी कर दो.......
शास....तो क्या कंचन की चूत से लंड को बाहर nikal कर आपकी चूत में पेल दूं भाभी.......
भाभी...नहीं शास...ऐसा गजब नहीं करना...क्या कंचन की चूत को प्यासी ही छोड़ देगा......देखा नहीं रहे हो....इतना दर्द झेल कर और चूत को फूडवा कर अब कितने आराम से लेटी है.....इस पर कंचन एक बार फिर मुस्कुरा दी.....
शास -- फिर में क्या करूँ भाभी....
भाभी....कुछ नहीं....में तो अपने हाथ से ही काम चला लूँगी.....तुम अब बस कंचन को सम्भालो....ऑर शार एक बार फिर कंचन की चुचियों को मस्त होकर चूसने लगा था....
शास के हाथ कंचन के पूरे सरीर पर तैरने लगे थे....ओर कंचन भी....अब भयंकर दर्द को भूलकर....मीठे मीठे दर्द में भी एक अजीब आनंद का अनुभव कर रही थी......
शास अब कंचन के बदन के साथ पूरी मस्ती के साथ खेल रह था...काफ़ी देर हो चुकी थी....ऑर कंचन की चूत का दर्द अब लगभग गायब था...भाभी का इशारा पाकर शास ने अपने लंड को अंदर ही अंदर हल्के हल्के हिलाना भी शुरू कर दिया था...ऑर कंचन मीठे मीथे दर्द के साथ उउउउउउउउउउआआआआआआउउउउउउउईईईएइससस्स्स्स्सिईईईई
के साथ...धीरे धीरे अपने सरीर को हिला रही थी....ऐसे ही काफ़ी देर गुजर गई....ऑर अब कंचन की चूत ने खून के साथ पानी भी छोड़ना शुरू कर दिया था....मगर शास अभी अपने लंड को अंदर बाहर नहीं कर रहा था...फिर भी उसका लंड झटके मार कर कंचन की चूत को चुनोती दे रहा था...कंचन की बच्चेदानि लगभग 3 एंच अंदर पहुँच चुकी थी...लंड के हर झटके के साथ कंचन क्र्राह उठती थी.....उधर भाभी अपने चूत में चारो उंगली डाल कर घुमा रही थी
कंचन की नज़र भाभी पर जैसे ही पड़ी वो मुस्कुराए बिना नहीं रह सकी....
अब उसकी चूत भी भरपूर पानी छोड़ रही थी...और शास के लंड को और
झटके मारने को मजबूर कर रही थी.....आख़िर जब शास से नहीं रुका गया तो उसने भी लंड को थोड़ा थोड़ा अंदर बाहर करना शुरू कर दिया......ओर कंचन एक बार फिर कराहने लगी पर अब दर्द कम ही हो रहा था
भयानक दर्द सहन करने के बाद ये दर्द कंचन के लिए कुछ भी नहीं था....शास के लंड के धीरे धीरे अंदर बाहर होने के साथ साथ कंचन की आ........आआआआहहुउऊुुुुुउउम्म्म्ममममममाआआआआईईईु
उूुउउम्म्म्मममममममम का साज़ मधुर संगीत बन कर और मादक होता जा रहा था...ऑर शास के लंड की अंदर बाहर होने की स्पीड धीरे धीरे बढ़ती जा रही थी.....
कंचन अब चुदाई का भरपूर आनंद लेने की स्थिति में आने लगी थी....उधर भाभी अपने काम में मस्त थी....बीच बीच में कंचन भाभी को देख कर ऑर कामातुर हो अपने चूतड़ हल्के से उपर उठाती तो बच्चेदानि ऑर अंदर खिसक जाती जिससे उसकी आआह nikal जाती थी......इस पर शास के लंड की अकड़ाहट ऑर बढ़कर ख़ूँख़ार होती जा रही थी.....ऑर कंचन के आहे अब सिसकारियों में बदलने लगी थी.........
वाह रे चुदाई के खेल...पिछले एक घंटे से दर्द से तड़पती कंचन.......बेहोश होती कंचन ....अब चुदाई के खेल को खुलकर खेलने के लिए तय्यार हो रही थी....उूुुुुउउम्म्म्मममममममाआआआआअहूऊऊऊऊहह की आवाजो के साथ मस्त नाज़ुक सी कंचन.....वासना के समुंदर में तैर रही थी......
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