RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
तभी सीमा के पास बहुत सी लॅडीस आ गयी अओर उनकी बाते बंद हो गयी.....बाहर दुल्हन के लिए गाड़ी सजकर तय्यार खड़ी थी....सभी वहाँ पर अब दुल्हन के आने का एंतजार कर रहे थे....कुछ लड़कियो ने सीमा को पकड़कर उठाया अओर गाड़ी की अओर लेकर चलने लगी....अब सुरू हुवा...रोने-धोने का सिलसिला.....एक दूसरे के गले लगकर सीमा दीदी भी घुघंट मैं रो रही थी....सभी ओरतो (लॅडीस) की आँखें भी गीली हो गयी थी....अओर सीमा को एक दुल्हन की ही तरह सजी हुई गाड़ी मैं बिठा दिया गया....ढेरो आशीर्वाद दूल्हा-दूल्हें के लिए सभी सगे-संबंदियों ने दिए.....फिर दूल्हा भी सीमा की बगल मैं बैठ गया....अओर गाड़ी चल दी......कुछ दूर जाकर गाड़ी रुकी...कुछ बड़े-बाजुर्गो मैं गुफ्तगू हुई...अओर फिर गाड़ी चल दी.....अओर सीमा दीदी बाबुल का घर छोड़ कर चली गयी....ससुराल.....
उसके बाद सभी लौट आए अओर दूसरे कार्यो मैं लग गये.....कुछ मेहमान अपने घर जाने की तय्यारी मैं जुट गये.....दोपेहर होते-होते घर मैं सन्नाटा छा गया था....मेहमान जा चुके थे...अओर घर के लोग....खाना खाकर सोने चले गये थे रात भर के जागे हुवे जो थे.....अब वहाँ पर चालपेहल सब ख़तम हो चुकी थी....रह गया था एक सामान्य सा घर......जहाँ पर कुछ खास घर के मेहमान ही बचे थे...शास जब से आया था....पहले सीमा दीदी अओर बाद मैं मुस्कान से ही जुड़ा रहा उसे मालूम ही नही चला की शादी मैं कॉन-कोन खास मेहमान आए थे....यहाँ तक की वह अपनी मौसी अओर उनकी दो बेटियों अओर एक बेटे से भी नही मिल पाया था....हा शादी मैं देखा ज़रूर था.....हाई-हेलो भी हुई थी......पर उनके लिए समय उस समय नही था शास के पास......
शास की मालती मौससी की दो बेटियाँ.....कंचन अओर पायल सेकेंडरी अओर सीनियर सेकेंडरी की स्टूडेंट थी थी बेटा....अभी छोटा था....जो 4र्थ या 5थ का ही स्टूडेंट था......बच्चे मौससी की ही तरह सुंदर थे.......शास भी उप्पेर के रूम मैं गया जहाँ से उसकी सीमा दीदी अओर पूजा की यादें जुड़ी थी.....उसने देखा.....कि वहाँ शास की मम्मी, मौससी अओर उनके तीनो बच्चे सो रहे थे.......दोनो बेड फुल थे.....शास ने एक चटाई उठाई अओर एक तरफ डालकर वहीं पर लेट गया.....कुछ ही देर मैं उसे भी नींद आ गयी...... नींद आते ही शास के ख़यालों मैं.....मस्त मुस्कान चली आई...अओर उसकी सुगंधित टाइट गुलाबी चूत.......उसके गोल-गोल सॉलिड बूब्स.....शास को नींद मैं भी लुभाने लगे....शास के सरीर मैं......सुरसूरहट सी होने लगी......अओर उसका लंड पेंट मैं ही बॅमबू बन गया....जो पेंट की चेन को तोडने का पारियास कर रहा था....अओर शास नींद मैं भी मस्त मुस्कान के सरीर से खेलता रहा.....अओर उसका लंड झटके ख़ाता रहा........
शाम के लगभत 4 बजे थे कि कंचन टाय्लेट के लिए उठी...अओर बाथरूम की तरफ जाते हुवे उसकी नज़र शास पर पड़ी जो फर्श पर चटाई बिछा कर सो रहा था.....पर जैसे ही उसकी नज़र शास के बॅमबू बने लंड पर पड़ी तो कंचन के सरीर मैं ल़हेर सी दौड़ गयी...शरम से उसका चेहरा लाल हो गया.....अओर वह तुरंत ही बाथरूम मैं चली गयी.....बाथरूम मैं जाकर कंचन ने अपना चेहरा मिरर मैं देखा.....उसकी गालो पर शुर्खी बता रही थी....कि उसे उस चीज़ का अहसास होने लगा था....जो योवेन आने के बाद होता है....कई बार स्कूल जाते हुवे लोकल बस मैं.....कई लंड उसकी गांद को रगड़ चुके थे.....अओर उस समय उसने चूत मैं गीलापन महसूस किया था.....मगर आज का अहसास कुछ अलग ही था....उसके सरीर की शिहरन...उसकी चूत का गीलापन कुछ अओर ही संकेत दे रहे थे......कंचन ने शीशे के सामने ही अपना ट्रोवजेर अओर पॅंटी नीचे खिसकाई.....अओर अपनी कोरी....मुलायम बालों वाली चूत को देखकर खुद ही शर्मा गयी.....अओर अनायास ही उसका एक हाथ उसकी चूत पर घूमने लगा था....उसकी बुर अओर गीली हो चली थी......एक लंड के अहसास ने उसकी बुर मैं हल्की हल्की खुजली कर दी थी.....की उसकी एक उंगली बुर के छेद पर हरकत करने लगी.....मदहोश होती कंचन.....क्लिट को छूकर छेद पर रखी उंगली.....उसकी उत्तेजना अनायास ही बढ़ गयी थी....अओर उंगली बुर के छेद मैं धीरे धीरे अंदर बाहर होने लगी थी....जिंदगी का पहला हस्त-मेथुन......बुर से बहता पानी.......एक अजीब अनुभव.....पूरे सरीर मैं अजीब सी एइन्ठन.....कंचन की उंगली की अचानक स्पीड बढ़ गयी....शुर्ख होता चूत का गुलबीपन.....फिर अचानक कंचन की नज़रे शीशे (मिरर) पर पड़ी तो वो अओर शर्मा गयी....उसकी चूत से गरम गरम लिसलिषा पानी उसकी उंगली को गीला कर चुक्का था.....कंचन ने अपने आप को बड़ी मुस्किल से रोका.....अओर टाय्लेट शीट पर बैठ कर अपनी बुर को ठंडे ठंडे पानी से धोया.....अओर टाय्लेट करके उठी....अपने चेहरे को भी धोया.....तब जाकर कुछ नर्माल महसूस किया.....अओर बाथरूम से बाहर निकल आई.....टवल से चेहरा सॉफ कर वह जाकर फिर से पायल दीदी के पास लेट गयी.....अभी भी बार बार उसकी निगाहें शास के बॅमबू बने लंड की अओर घूम जाती थी......फिर कंचन ने अपना एक पैर पायल दीदी के उप्पेर रख कर उधेर करवेट ले ली......मगर उसके जेहन मैं शास का लंड नाच रहा था......अओर उसका एक हाथ पायल की भारी –भारी गोल-मटोल टाइट चुचि पर आकर अपना हल्का मगर लगातार दबाव बढ़ा रहा था....अओर उसका घुटना पायल की जांघों के बीच एक गुदगुदी उभार को महसूस कर रहा था.........
कंचन एक बड़ी ही सुन्दर लड़की थी, उसकी लंबाई लगभग 5.5 इक-हरे शरीर की मलिक, बड़ी-बड़ी आँखें गुलाबी सुर्ख होत किशी को भी अपनी अओर आकृषित कर लेते थे.....उसके रूप-रंग के कई दीवानो ने उसके एर्दगिर्द मंडराना सुरू कर दिया था....पर कंचन ने आज तक किशी भी लड़के को भाव नही दिया था......वेशे तो स्कूल की कयि सहेलिया थी.....पर उसकी अपनी बड़ी बेहन पायल से ही जीयादा पट ती थी....दोनो साथ साथ स्कूल जाती-आती थी.....रास्ते मैं कई बार कुछ लड़को ने उन पर डोर डालने का पारियास किया.....पर उन्होने कभी किशी लड़के को महत्व नही दिया......एस्की एक वेजह पायल थी....पायल बड़ी ही सोमय लड़की थी....उसकी हाइट भी अच्छी थी....गोरा साफ सुथरा सरीर....नक्श बड़े ही लुभावने थे......पर उनकी मम्मी मालती जो उन्हे शिक्षा देती थी......पायल उसका ही अनुसरण करती थी.....एसीलिए आज तक वे दोनो बहने एस दुनिया की चमक-दमक से दूर ही रहती थी.....वैसे पायल का योवेन पूरे शबाब पर था....उसकी चुचियाँ काफ़ी भारी पर सॉलिड थी....चुचियो पर छोटी-छोटे ब्राउन निप्पेल्स उनकी सोभा मैं चार चाँद लगाते थे....उसके चूतड़ भी कंचन से कुछ भारी थे,,,पर कमर दोनो की ही पतली थी....पायल जवानी की दहलीज पर कदम रख चुकी थी....अओर कंचन जवानी की दहलीज पर कदम रख रही थी.....पर आज उसके सरीर के वेर्ताव ने उसे भी अहसास करा दिया था कि....वो इतनी जवान हो चुकी थी....कि उसकी चूत लंड के लिए बैचेन होने लगी थी.......
कंचन के हाथों का दबाव.....पायल ने अपनी चुचियो पर महसूस किया....उसकी फूली हुई चूत भी अपने उप्पेर दबाव महसूस कर रही थी......पायल की नींद टूट चुकी थी....पर अभी उसने आखें नही खोली थी......कंचन के हाथ कभी कभी पायल की चुचियो के निपल को छेड़ रही थी.....पायल सोच रही थी कि आज कंचन को कया हुवा...एसा तो उसने पहले कभी नही किया.....वे दोनो बरसों से साथ ही सोती थी....पर आज कंचन का बर्ताव पायल को कुछ अलग ही लग रहा था......उसने कांचेन को रोकने की चेस्टा नही की सायेद उसे कंचन का ये बर्ताव अच्छा लग रहा था.....कुछ ही देर मैं पायल ने भी अपनी चूत मैं गीलापेन महसूस किया.....कंचन के पैर का घुटना उसकी चूत की क्लिट को कभी कभी छू जाता था.....पायल भी आँखें बंद किए हुवे....कंचन के खेल का आनंद ले रही थी....तभी उसे लगा की उसकी बुर से कुछ निकल रहा है......एक खिचाव सा उसके सरीर मैं हुवा....अओर चूत मैं कुछ होने लगा....जैसे उसका टाय्लेट निकलने ही वाला है.....पर एक अजीब आनंद ने उसे रोके रखखा.....तभी उसे उसकी चूत से गरम..गरम पानी निकलता महसूस हुवा.......अओर आँखों पर एक दबाव सा आ गया......अओर अंजाने मैं उसके होंठो की थरथार्हत से उउउउउउम्म्म्म्म्म्म्मुउउउउउईईईईए जैसी सिसकी निकल ही गयी........अओर कंचन ने अपना काम बंद कर पायल के चेहरे की अओर देखने लगी....पायल की आँखें अभी तक बंद थी.......
कंचन...धीरे से ...कया हुवा दीदी...????
पायल............................................. ..............????
कंचन...पायल दीदी...कया हुआ....???? आप ऐसा कियूं कर रही है....???
पायल...पायल ने आँखें खोली....अओर बड़े प्यार से कंचन को देखती हुई बोली....कया कर रही थी तुम एत्नि देर से .....???
कंचन...कुछ भी तो नही दीदी.....
पायल...अच्छा....तुम कुछ नही कर रही थी...???
कंचन...डरते हुवे....दीदी कुछ नही सोते हुवे कही हाथ लग गया होगा.....
पायल...मुस्कुराते हुवे...अच्छा..सोते हुवे...ये सब हो रहा था..???
कंचन...कया हो रहा था दीदी..????
पायल...तुम्हे नही मालूम...कि कया हो रहा था...???
कंचन...नही दीदी मैं तो सो रही थी....आपकी आवाज़ सुन कर आँखें खुल गयी.....
पायल...अच्छा ठीक है....मम्मी को बताओँगी की कंचन.....????
कंचन....नही दीदी....प्लीज़....मम्मी को कुछ मत बताना.....???
पायल....तो बताओ कया कर रही थी....???
कांचें...कुछ नही दीदी....बस आपकी चुचियाँ अच्छी लगी....इन पर हाथ फेर रही थी......
पायल...अओर पैर का घुटना...कहाँ घुमा रही थी.....????
कांचें...दीदी...आपकी.....आपकी...वो....???
पायल...हां बोलो...नही तो मम्मी....
कांचें...प्लीज़ दीदी....आपकी चूत पर....मुझे जाने कियूं अच्छा लग रहा था....
पायल...कंचन सच सच बताओ कया बात है...नही तो मैं ये सब मम्मी को ज़रूर......????
कंचन...पायल को बीच मैं ही रोक कर, प्लीज़ दीदी...मम्मी को कुछ मत बताना.....मैं सब सच सच बता देती हूँ.....
पायल...अच्छा बताओ......???
कंचन...दीदी मैं टाय्लेट के लिए उठी तो शास भाय्या का वो.......???? दीदी प्लीज़ आगे मत पूछो...मुझे शरम आती है.....
पायल...अब बताओ भी..कंचन....मैं तुम्हें कुछ नही कहूँगी....
कंचन...दीदी ज़रा शास भाय्या का वो देखो....कंचन ने सोते हुवे शास की अओर एशारा किया...मगर अब तक...शास करवेट ले चुक्का था....अओर कुछ भी नज़र नही आ रहा था.....????
पायल...कया है शास भैया का....वो तो सो रहा है....???
कांचें...नही दीदी जब मैं उठी थी....तो....उनका वो....????
पायल...कया कंचन उनका वो...उनका वो कर रही है...बता ना....कया था...??? वो तो बेख़बेर सो रहा है...???
कंचन...दीदी शास भाय्या का वो...मेरा मतलब है....दीदी मुझे शरम आती है.....अब रहने भी दो...???
पायल...अच्छा अभी मेरी चुचिया अच्छी लग रही थी...अओर मेरी चूत भी अच्छी लग रही थी......अओर शास भाय्या का कया देखा ये बताते हुवे शरम आ रही है.....अब जल्दी से बता....शास भाय्या कया कर रहे थे....???
कंचन...दीदी...??? कंचन ने मूह पायल की बेगल मैं छुपा लिया....दीदी जब मैं टाय्लेट गयी तो शास भाय्या सो रहे थे अओर उनका लंड बॅमबू बना हुवा था.....
पायल...पगली...तो एसे कया होता है....सोते सोते हो गया होगा.....
कंचन...नही दीदी बहुत बड़ा बॅमबू था...आप देखती तो....????
पायल...मैं देखती तो कया उसके कपड़े उतार फैक्ति...???
कंचन..हो सकता है दीदी...????
पायल...अच्छा...???????????
फिर दोनो धीरे से हंस पड़ी....अओर एक दूसरे की आँखों मैं देखकर....फिर से मुस्कुरा दी....
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