Desi Sex Kahani चुदाई घर बार की
05-26-2019, 01:57 PM,
#38
RE: Desi Sex Kahani चुदाई घर बार की
फरजाना का जिस्म चुत चाटने से एक दम से जैसे काँपने लगा था की मैं थोडा घबरा गया और उठ के बैठ गया तो फरजाना ने अपनी आखेँ खोल के मेरी तरफ देखा 

अपनी चुत पे फिंगर रखते हो बोली भाई हट क्यों गये चतो ना ... कितना मज़ा आ रहा था मुझे

मैने इनकार मैं सर हिलाते हो कहा नहीं मेरी जान अब चाटूँगा नहीं अब मैं तुम्हारी चुत मैं अपना लंड घुसा के चोदुंगा और इतना बोलते ही मैं आगे हुआ 

अपना लंड फरजाना की चुत पे सेट कर के हल्का सा झतका दे के अपने लंड को 3 इंच....,, तक फरजाना की चुत मैं घुसता हुआ उस के ऊपर लेट गया तो 

फरजाना के मुह से सस्सिईईईईईईई की आवाज़ के बाद भाई पहले आराम से करना पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ कल बहुत दर्द हुआ था तो 
मैने कहा आज कुछ नहीं होगा मेरी जान अब बस मज़े ही मज़े हैं और इतना बोलते ही 

अपने लंड को फरजाना की चुत पे दबाने लगा जिस से मेरा लंड आहिस्ता आहिस्ता फरजाना की चुत मैं पूरा जा घुसा और फरजाना के मुह से आअहह सस्स्सीईई भाई बस आहिस्ताआआ ऊओह हान्ंनणणन् बस अभी रुकूऊऊऊ उनम्म्मह की आवाज़ भी कर रही थी और हम मेरे सर को भी अपनी तरफ खींच के मुझे अपने ऊपर पूरी तरह लिटा लिया
थोड़ी देर तक मैं ऐसे ही फरजाना के ऊपर लेटा रहा और फिर मैं उठा और 

फरजाना की टाँगों को पूरी तरह खोल के अपने लंड को भी फरजाना की चुत से कॅप तक निकाला और वापिस घुसा दिया तो फरजाना के मुह से आऐईयईईईईईईईईईईईईईई ऊऊहह भाईईईईईईईईईई पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ आहिस्ता करूऊऊऊऊ ऊऊओह भाईईईईईईईईईईईईईईईईई आहिस्ता पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ की आवाज़ै करने लगी

जैसे जैसे मैं अपना लंड फरजाना की टाइट चुत मैं इन आउट करता तो मुझे अपना आप कंट्रोल करना मुस्किल लगता जा रहा था क्यों की फरजाना की चुत मेरे लंड को अंदर से एक बार भींचती और फिर हल्का सा ढील छोड डेटी तो 
वहीं दोसरि तरफ फरजाना भी अपनी फरजाना को नीचे से मेरे लंड की तरफ दबा के मेरे झतकों का साथ देनी लगी और हाआंन्णाणन् भाइईईईईईईईई फाड़ डालो मेरिइईईईईई चुत को मुझे गश्ती की तरह छोड़ो भाई 

जान ऊऊहह मैं गैिईईईईईईईईई भाईईईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ैईन भी करती जा रही थी और फिर फरजाना का जिस्म एक बार आकड़ा और फिर ढीला पड़ गया क्यों की उस की चुत ने अपना सारा पानी निकल दिया था 

फरजाना के फारिघ् होने के बाद मैं भी फरजाना के चुत मैं 5 6 तेज़ झतकों के साथ फारिघ् हो गया और अपना लंड बाहर निकल लिया और फरजाना की चुत की तरफ देखने लगा 

जहाँ मेरे लंड से निकला पानी लगा हुआ था

मुझे इस तरह अपनी चुत की तरफ देखता पा के फरजाना उठ के बैठ गई और हंसते हो बोली क्या देख रहो हो भाई तो मैने हंसते हो कहा कुछ नहीं मेरी जान बस हुस्सान का ख़ज़ाना देख रहा था


उस रात मैने 2 बार व् की चुत मारी और उस के बाद मैं फरजाना को अपने साथ ही लिपटा के सो गया तो 

मेरी आँख फरजाना के हिलने से खुली मैं उठा तो फरजाना ने कहा भाई कपड़े पहन लो मैं जा रही हूँ अभी सुबह होने वाली है तो मैने अपने ऊपर एक चादर खींच ली और फरजाना की तरफ देख के बोला ठीक है यार तुम जाओ और मुझे सोने दो नींद आ रही है

फरजाना कब गई मुझे नहीं पता लेकिन जुब दोबारा मेरी आँख खुली तो उस वक़्त मुझे फरी बाजी ने उठाया था और जैसे ही मैं उठा तो बाजी ने मेरा कान पकड़ लिया और बोली 

विक्की तुम कितने बड़े कामीने हो रात को खामोशी से फरजाना को अपने साथ रूम मैं ले के घुस गये और मेरा और अम्मी का कुछ भी ख्याल नहीं आया तुम्हें और ऊपर से तुम 

किस बेशर्मी से नंगे सो रहे हो

बाजी के कान मरोड़ने की वजा से भी मेरी नींद उड़ चुकी थी तो मैने बाजी के हाथ से अपना कान छुदया और उन का हाथ पकड़ के उन्हें अपने पास बिता लिया और बोला 

यार अब घर मैं किस से शरम करू क्या अब भी कुछ बाकी बचा है जिस से हमनें शरमाना चाहिए

नहीं भाई बात तुम्हारी ठीक है लेकिन मेरी एक बात हमेशा याद रखना और अबू अम्मी भी ये ही चाहते हैं की हम आपिस मैं जिस तरह मर्ज़ी से रहें जो चाहे कराईं लेकिन हुमारे बीच एक परदा भी रहना चाहिए ताकि हम बाहर के लोगों के सामने भी थोडा अपने आप को संभाल सकैं क्यों के अगर हम ने हर हद पर कर डाली तो हुमारी तबाही मैं कुछ भी बाकी नहीं बचेगा यहाँ जो लोग हुमारी इज़्ज़त करते हैं आज ये लोग ही हुमारी बोटियाँ काट खाईंगे

बाजी की बात सुन के मैं सोच मैं पड़ गया और थोड़ी देर के बाद बोला बाजी बात तो आप की ठीक है हमनें जो भी करना है उस मैं कुछ ना कुछ शरम हया 

हमेशा रखनी होगी वरना सिर्फ़ तबाही ही हुमारे नसीब मैं होगी बाकी अगर हम अब यहाँ से सब कुछ छोड चार के ज़मीन बेच के किसी दौर के शहर मैं शिफ्ट हो जायं तो बहतेर है जहाँ कोई हमनें ना जनता हो

मेरी बात सुन के बाजी हंस दी और बोली तुम्हें अब ख्याल आया इस बात का लेकिन अबू अम्मी इस बात का फ़ैसला पहले ही कर चुके हैं अब हमनें यहाँ से जाना होगा जहाँ हमनें कोई ना जनता हो

बाजी की बात सुन के मैं उठा और सलवार पहन के बाजी से बोला ठीक है बाजी अब मैं ध्यान रखा करूगा लेकिन ये तो बताओ रात क्या हुआ फरीदा अबू के साथ मज़ा ले चुकी है या अभी नहीं

बाजी मेरी तरफ देख के मुस्कुरई और बोली भाई लगता है की अब तुम्हें ख्याल आ रहा है फरीदा के बारे मैं पूछने का वेसे तुम्हें ये बता दूँ की फरीदा रात अबू के साथ सुहाग रात मना चुकी है 
अब तुम निकलो यहाँ से और जा के नहा लो मैं नाश्ता लाती हूँ

मैं बाजी की बात सुन के रूम से निकल गया और नहा के रूम मैं वापिस आया तो बाजी मेरे लिए नाश्ता ला चुकी थी मैने बैठ के नाश्ता किया और उस के बाजी से फरीदा के बारे मैं पूछा तो बाजी ने कहा

अपने रूम मैं ही है अभी तक निकली नहीं

मैं तो रात अम्मी के साथ उन के रूम मैं ही थी बाकी अभी तक अपने रूम मैं नहीं गई तुम खुद ही जा के देख लो क्या कर रही है

मैं उठा और बाजी के साथ फरीदा के रूम की तरफ चल दिए और जुब रूम मैं पहुँचा तो फरीदा बाजी को देखा अपने बिस्तेर पे लेती होई थी मूड के हुमारी तरफ देखनी लगी जो 

उस वक़्त सिर्फ़ एक चादर अपने ऊपर लिए लेती होई थी जो की उस के बूबस से हटी होई थी 

फरीदा को इस तरह लेटा देख के और उस के नंगे बॉबस को देख के मेरा लूँद खड़ा होने लगा

हम दोनो के एक साथ देख के फरीदा थोडा शर्मा गई और जल्दी से अपनी चादर अपने ऊपर ठीक कर ली तो बाजी मुस्कुराती होई आगे बढ़ी और फरीदा के साथ जा के बैठ गई 

बोली क्या हुआ फरीदा हमनें देख के अपने आप को छुपा क्यों रही हो शरम आ रही है क्या मेरी रानी को फरीदा जो के पहले ही शर्मा रही थी बाजी की बात से और भी लाल हो गई और चादर को अपने ऊपर कर के फेस भी चादर मैं घुसा लिया तो बाजी ने कहा 

भाई आप ऐसा करो जाओ यहाँ से जुब तक तुम यहाँ रहोगे फरीदा इसी तरह शरमाती रहेगी तुम जाओगे 

तो मैं इसे रूम से निकाल लुंगी

मैं दोनो की तरफ देखते हो बोला ठीक है बाजी अगर आप ये ही चाहती हो तो मुझे कोई मसाला नहीं है मैं चला जाता हूँ वेसे अब तो फरीदा को मुझ से नहीं शरमाना चाहिए और इतना बोल के फरीदा और बाजी वाले रूम से निकला और अम्मी के रूम की तरफ चल दिया

अम्मी के रूम मैं आया तो देखा के अम्मी अपने रूम मैं नहीं थी तो तब मुझे याद आया की अगर बाजी घर पे ही हैं तो अम्मी अबू के साथ खेतों पे गई हूँ गी तो मैं वापिस अपने रूम मैं आ गया

रूम मैं आ के मैं अपने बिस्तेर पे लेट गया और अभी थोड़ी देर पहले देखे फरीदा के नंगे बूब,स को याद कर के अपने लंड को हाथ मैं ले के मसालने लगा और सोचने लगा की काश मैने इतनी ज़िद ना की होती तो गुज़री रात अबू की जगा मैने फरीदा की कुँवारी चुत का मज़ा लिया होता

दोपहर तक का वक़्त मैने फरी और फरजाना के साथ गुज़ारा जिस मैं के कोई ख़ास्स बात नहीं होई 

यहाँ आप के साथ शेर करू इस लिए आगे चलते हैं तो दोपहर के खाने के बाद जो की मैने अपने ही रूम मैं खाया था और जुब बाजी बर्तन उठाने आयो तो मैने बाजी को रोक लिया और बोला यार बाजी क्या मैं थोडा टाइम अगर आप इजाज़त दें तो मैं कुछ देर फरीदा के रूम मैं चला जाओं

बाजी.... विक्की कामीने बड़ा दिल कर रहा तेरा फरीदा की चुत मरने को मैं भी तुम्हारी बड़ी बेहन हूँ मेरा कुछ ख्याल नहीं है तुम्हें.... कुत्ते...

मैं... आप तो मेरी जान हो बाजी अगर आप का दिल कर रहा है तो मैं आप के साथ कर लेटा हूँ

बाजी... चल चल ज़्यादा माखन मत लगा मुझे और वेसे भी मैं कौन सा फरीदा की चुत पे अपना हाथ रख के बैठी होई हूँ जिस तरह वो मेरी बेहन है उसी तरह वो तुम्हारी भी बेहन है जाओ उस के रूम मैं देख लो क्या पता कुछ काम बन ही जाए तुम्हारा

मैं... नहीं बाजी फरीदा नहीं मानेगी मुझे पता है क्यों की मैने जिस तरह उस को अपनी ज़िद की वजाह से अबू की तरह धकेला था अब वो मुझे अपने पास भी नहीं फटकने देगी लिख लो मेरी बात को

बाजी ने बर्तन साइड पे किए और मेरा हाथ पकड़ के मुझे उठा दिया और बोली विक्की ऐसे ही अपने दिमाग के घोड़े मत दौड़ते रहा करो जाओ जा के फरीदा के पास जा के बैठो 

तुम्हें पता चल जाएगा की वो क्या चाहती थी और अब क्या चाहती है चलो शाबाश और मुझे रूम से बाहर की तरफ ढाका भी दे दिया

मैं बाजी की बात मान के रूम से निकला और फरीदा के रूम मैं चला गया तो फरीदा उस वक़्त सलवार क़मीज़ पहने अपने बिस्तेर पे लेती आराम कर रही थी और मुझे देखते ही बाजी जल्दी से उठ के बैठ गई तो मैं जा के फरीदा बाजी के पास बैठ गया तो फरीदा ने अपना सर झुका लिया 

मैने अब हिम्मत की और फरीदा के झुके हो सर की तरफ देखते हो बोला फरीदा क्या नाराज़ हो मेरे साथ तो फरीदा ने अपना सर ढेरे से उठाया और मेरी तरफ देख के अपना सर इनकार मैं हिला दिया लेकिन बोली कुछ नहीं तो मैने अपना हाथ आगे बढाया. 

और उस की रनो पे रखते हो उस के फेस की तरफ देखा तो फरीदा मेरी तरफ ही देख रही थी
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