Desi Sex Kahani चुदाई घर बार की
05-26-2019, 01:44 PM,
#8
RE: Desi Sex Kahani चुदाई घर बार की
जहाँ हम दोनो ने नहाके अपने आप को साफ़ किया और फिर बाजी को उठा के पास मैं चारपाई बिछाके लिटा दिया. और बाजी का सारा काम मै खुद करने लगा , जबकी बही तक मेने ..यह कुछ भी नहीं किया था

भेंसों को खोल के ले आया और उन्हें भी पानी पीला के और नहला के चारा डॉल दिया 

इन सब कामों से फारिग होते मुझे कोई 2 घंटे लगे और फिर मैं वापिस आया और एक बार फिर से नहाया 

कयुँकि मेरे जिस्म पे काफ़ी माटी लग चुकी थी और बाजी का दुपटा जिस की मैने धोती बाँध रखी थी उतार के अपने कपड़े पहन लिए और बाजी क पास गया तो देखा की बाजी अभी भी सो रही थी 

सोते हई बाजी के चेहरे पे बड़ी प्यारी सी मुस्कान दौड़ रही थी जैसे किसी को दिली सकूँ मिलने के बाद नींद आती है


मैने बाजी को सोने दिया और रूम से चटाई उठा के ले आया और बाजी के करीब ही बिछाके उस पे लेट गया और अभी कुछ देर पहले जो हम दोनो बहिन भाई के बीच हुआ उस के बारे मैं सोचने लगा की 

क्या अभी जो मैने किया है अपनी ही बड़ी बहिन के साथ क्या वो किसी भी मज़हब मैं जाइज़ है तो जवाब नहीं मैं आता 

लेकिन फिर साथ ही ये भी ख्याल आता की मैने ये सब कर के अपनी बड़ी बहिन की ख़ुशी ही पूरी नहीं की बल्कि उसे जगह जगह मुँह मारने और बदनाम होने से भी बचा लिया है ये सोच आती तो मेरा दिमाग शांत हो जाता और 

जब बाजी के साथ गुज़रे लम्हों की याद आती तो पुरे वजूद मे मज़े की लहर दौड़ने लगती जिस के कारण मेरा हाथ खुद ही लैंड पे चला जाता और मैं लैंड को सहलाने लगता

इन सब सोचों मैं कब वक़्त गुज़रा और दोपहर के 2 बज गये पता ही नहीं चला और पता तो तब चला जब बाजी ने मुझे आवाज़ दी विकी क्या सोच रहे हो इतनी देर से तो मैं चौंक सा गया

मैने सर घुमा के बाजी की तरफ देखा जो की करवट के बल चारपाई से थोडा नीचे को मेरी तरफ ही झुकी होई थी 

और मुझे देख के हल्का सा मुस्कुरा भी रही थी तो मैं भी हल्का सा हंस दिया और बोला बाजी क्या सोचना है बस 
ये ही सोच रहा था की हम ने आज क्या कर डाला 

बाजी... भाई अब तो जो होना था हो ही गया है तो इस मैं इतना सोचने की कों सी बात है 

बस अब जो हो रहा है चलने दो और लाइफ को पूरी तरह से एंजाय करो और करने दो क्या समझे

मैं... जी बाजी अब और हो भी क्या सकता है कयुँकि जो कुछ आज हमारे बीच हुआ है 

उस के बाद हम चाहे भी तो उन लम्हों को वापिस नहीं ला सकते तो फिर आप की बात ही ठीक है

बाजी... अच्छा ज़रा देख तो टाइम क्या हुआ है 

मैने अपनी वॉच पे नज़र डाली और टाइम बाजी को बताया की 2 बजे हैं तो बाजी ने कहा कहाँ रह गई ये फ़रीदा भी इतनी देर हो गई लेकिन खाना ले के नहीं आयी लगता है हमें ही जाना पड़ेगा

तू रुक थोडा मैं भैसों को चारा डाल के आती हूँ. और जबरदस्ती उड़ने की कोसिस की

मैने कहा बाजी मेने सब काम कर दिया है.. और भैसों को नहला भी दिया है 

बाजी ने मुझे देखा .. और हंस की बोली.. ओह भाई.. तुने .. सच मैं... पहली बार... लव यू भाई ....


आप यहाँ ही रूको मैं चला जाता हूँ और घर से खाना ले के आ जाता हूँ

तभी बाजी जो की खेतों को आने वाले रास्ते की तरफ ही देख रही थी बोली रहने दे अब कोई फाइयदा नहीं फ़रीदा खुद ही खाना ले के आ रही है 

और इतना बोलते ही चारपाई से उठी और नोर्मल दिखते हुयी रूम मैं चली गई और वहाँ से अपना दुपटा उठा के कंधों पे डॉल लिया और वहीँ आ गई

फ़रीदा जब खाना ले के हमारे पास पहुंची तो बाजी ने कहा क्या बात है यार, 

आज इतनी देर कयूं लग गई खाना बनाने मैं तुम्हे पता भी है यार की मुझे से भूख बर्दाश्त नहीं होती

फ़रीदा ने कहा बाजी वो फ़रज़ाना को मैने खाना बनाने को बोला था लेकिन उस ने भी नहीं बनाया और डाइजेस्ट मैं घुसी रही जिस की वजाह से आज खाना इतनी देर से तैयार हुआ है

फिर फ़रीदा ने भी हमारे साथ ही बैठ के खाना खाया और बर्तन ले के चली गई तो बाजी ने कहा क्यों विकी क्या ख्याल है हो जाए फिर से एक बार ज़रा मौज मस्ती या कोई और इरादा है
मैने कहा नहीं बाजी अभी नहीं रात को कुछ करेंगे तो बाजी ने कहा यार भाई जान तुम्हे क्या हो गया है घर मैं 

किस तरह से होगा तो मैने कहा बाजी आज मेरा बिस्तर छत पे लगा देना और खुद भी बहाने से ऊपर ही आ जाना सोने के लिए फिर क्या .... और हंस दिया

बाजी भी मेरी बात मान गई और फिर शाम को अबू के आने के बाद हम लोग घर वापिस आ गए

घर आके हम लोगों ने आपिस मैं थोड़ी देर तक गैप शप लगाई और फिर खाना खाया ,और खाने के बाद 

मैने फरी बाजी को आवाज़ दी और कहा की बाजी प्लीज मेरा बिस्तर आज छत पे लगा देना मैं आज ऊपर सोना चाहता हूँ


अम्मी... विकी क्या बात है बेटा खैर तो है ना आज कोई खास बात है जो तुम छत पे सोने का बोल रहे हो

मैं... वो अम्मी आप को तो पता है कितनी गर्मी हो रही ऊपर ज़रा हवा तो लगेगी ही ना इस लिए

बाजी.... अम्मी क्या मैं भी भाई के पास ऊपर ही अपना बिस्तर बिछा लूँ क्या .
अम्मी... हाँ फरी ये ठीक रहेगा विकी का अकेले ऊपर सोना ठीक नहीं है तुम भी ऊपर ही चली जाओ

अम्मी की तरफ से इजाज़त मिलते ही बाजी ने मेरी और अपनी बिस्तर ऊपर छत पे ले गई और बिस्तर लगाके मुझे आवाज़ दे के बोली भाई बिस्तर लगा दिया है आ जाओ ऊपर तो मैं अम्मी के पास से उठा और छत की सीढ़ियाँ चढ़के छत पे बाजी के पास चला गया जो की नीचे बिस्तर पे बैठी थी

मेरे ऊपर जाते ही बाजी ने कहा तुम सो मत जाना आज की रात जाग के गुजारेंगे ,मैं अभी थोड़ी देर तक आ जाओंगी तुम्हारा दूध ले के 

मैने अब की बार थोड़ी हिम्मत की और अपना हाथ बाजी के लेफ्ट चूची पे रख के हल्का सा दबा दिया और बोला 

बाजी मुझे तो अब ताज़ा दूध ही पीना है क्या आप पिलाओगी मुझे

बाजी ने मेरी गॉल पे प्यार से चुटकी कटी और बोली 

भाई मैं तो बस अब तुम्हारी ही हूँ

जब दिल चाहे जितना दिल चाहे दूध पियो मैं भला तुम्हे कयूं मना करने लगी तुम तो अब मेरी जान और जिस्म के भी मलिक हो

बाजी की बात ने मुझे इतना सकून दिया की मैं बता नहीं सकता और फिर बाजी मेरे पास से उठी और नीचे चली गई और मैं चारपाई पे लेट के बाजी की वापसी का इंतजार करने लगा 
जैसे बाजी ने कहा था की आज की रात जाग के गुज़ारनी है तो फिर मुझे नींद कैसे आ सकती थी

बाजी कोई 30 मिनट के बाद वापिस आयी तो बाजी के हाथ मैं दूध का गिलास भी था जो बाजी ने मुझे पकड़ा दिया तो मैने एक ही साँस मैं पूरा ग्लास खाली कर के बाजी की तरफ देखा तो बाजी ने कहा 

अभी थोडा सब्र करो सब को अच्छी तरह से सो जाने क बाद जो भी दिल चाहेगा करेंगे 

हम दोनो अलग अलग बिस्तर पे लेते इंतज़ार की आग मैं जलते रहे 

कोई 30 मिनट क बाद बाजी उठी और नीचे चली गई और वापिस आके 
सीधा मेरी बिस्तर पे लेट गई तो मैने बड़ी बेताबी से बाजी को अपने साथ लिपटा लिया और बाजी को किस करने लगा और चूची को मसालने लगा

थोड़ी देर तक किस करने के बाद बाजी ने मुझे खुद से अलग किया और बिस्तर से उठ के खड़ी हो गई 

अपने कपड़े उतार ने लगी तो मैं भी उठ के बैठ गया और कपड़े उतार के नंगा हो गया
बाजी के कपड़े उतरते ही मैने फिर से बाजी को वापिस अपनी तरफ खींच लिया और फिर से बाजी की ज़ुबान को अपने मुँह मैं भर के चूसने लगा और बाजी की चूचियों को मसालने लगा तो बाजी ने भी अपना हाथ नीचे किया और मेरा लण्ड जो के बाजी की जांघों मैं घुसा जा रहा था अपने हाथ मैं पकड़ लिया और सहलाने लगी जिस से मुझे बहुत अच्छा फील होने लगा और 

मैने बाजी की ज़ुबान को अपने मुँह मैं जकड़ लिया और चूसने लगा

कुछ देर बाद जब मैने बाजी को छोड़ा तो बाजी ने लंबी साँस ली और बोली भाई आराम से करो मैं कहीं भागी तो नहीं जा रही हूँ 

और उठ के बैठ गई और मुझे भी सीधा लिटा दिया और मुझे प्यार से चूमना और चाटना चालू किया और फिर मेरे लण्ड सुपाड़े को अपने मुँह मैं भर क चूसने लगी
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