Real Chudai Kahani किस्मत का फेर
05-26-2019, 12:04 PM,
#13
RE: Real Chudai Kahani किस्मत का फेर
“ आँचल ” उसने दरवाज़े के बाहर से अपनी बहन को आवाज़ दी ।

" जाओ यहाँ से " आँचल सुबकते सुबकते ही बोली ।

" आँचल , प्लीज मुझे अंदर आने दो । मैं तुमसे बात करना चाहता हूँ । “

" समीर , तुम मुझसे दूर रहो । मुझे अकेला छोड़ दो । प्लीज ! ”

समीर उसका दुःख और बढ़ाना नहीं चाहता था । इसलिए उसने ज्यादा जोर नहीं दिया और चुपचाप
अपने बेडरूम में आ गया । बेड में लेटे हुए उसे महसूस हुआ कि उसने अपनी प्यारी बहन को खो दिया है ।
उसे लगा कि, उन दोनों के बीच जो लाड़ भरा रिश्ता भाई बहन का था और जो उसके लिए बहुत मायने रखता था
क्योंकि वो अपनी बहन से बहुत प्यार करता था और उम्र में थोड़ा छोटा होने के बावजूद एक protective भाई की तरह
उसकी केयर करता था , वो रिश्ता अब हमेशा के लिए खत्म हो चुका है ।



उन दोनों ही भाई बहन के लिए वो रात बहुत लम्बी गुजरी l दोनों ही अपनी अपनी मानसिक पीड़ा को भोगते हुए
बिस्तर में इधर से उधर करवटें बदलते रहे । आखिर थककर नींद ने उन्हें अपने आगोश में ले लिया ।

दूसरे दिन कॉलेज में आँचल का मन नहीं लगा । उसके मन में वही सब ख्याल आते रहे । पार्किंग में समीर के सीने से
लगने पर हुई उत्तेजना के दृश्य उसकी आँखों के सामने घूमते रहे । जिस अजनबी को वो इतना चाहने लगी थी
वो अब अजनबी नहीं उसका भाई समीर था । फिर भी उसकी चाहत कम नहीं हो रही थी ।

उसने अपने दिल को समझाना चाहा कि ये सिर्फ छिछोरापन है , समीर उसका भाई है और वो उसकी 1 साल
बड़ी बहन । आखिर दुनिया में कौन बहन अपने भाई की तरफ इस तरह आकर्षित होती है कि उससे सेक्स सम्बन्ध
बनाने की इच्छा हो ? जो भी हुआ वो किस्मत की एक गलती थी और अगर अब भी मैं समीर की तरफ आकर्षित हो
रही हूँ तो ये बहुत ही गलत बात है , जो संसार के नियम बंधनों के हिसाब से पाप है ।

उसे अपने ऊपर ही क्रोध आने लगा । लेकिन लाख कोशिश करने के बाद भी वो अपने दिल पर काबू न पा सकी ।उसके मन में
समीर को पाने की इच्छा बढ़ती ही गयी । जब भी वो अपनी आँखे बंद करती उसको समीर ही दिखाई देता । उसने अपनी
पूरी कोशिश की , कि वो अपने भाई के बारे में इस तरह से न सोचे । उसने अपना ध्यान समीर से हटाकर , अपने
पुराने बॉयफ्रेंड के साथ बिताये पलों को याद करने का प्रयास किया । लेकिन इन सब कोशिशों से कोई फायदा नहीं हुआ ।
उसको बार बार उस अँधेरे कमरे में अपने ऊपर समीर के बदन की परछाई दिखाई दे रही थी ।



शाम को आँचल डाइनिंग रूम में सोफे पर आँखें बंद किये लेटी थी । उसके मन में समीर के ही ख्याल आ रहे थे । उसे लगा
समीर उसके ऊपर लेटा हुआ है और उससे धीमे धीमे प्यार कर रहा है । अपने आप ही उसका एक हाथ clitoris पर
चला गया और दूसरे हाथ से वो अपनी एक चूची को हलके से सहलाने लगी । फिर कुछ पलों बाद उसने समीर के मुंह से
निकलती सिसकारी सुनी और अपनी चूत में सफ़ेद गाड़े वीर्य की धार महसूस की ।

पिछले कुछ दिनों से आँचल के मन में अजनबी से मिलने की बहुत तड़प थी । उस रात की उत्तेजना उसके मन
से कभी निकल ही नहीं पायी । उसको लगता था उसके बदन में कुछ आग सी लग गयी है ।अपनी चूत के फूले होंठ उसको
कुछ ज्यादा ही sensitive महसूस हो रहे थे और चूत में हर समय एक गीलापन महसूस होता था ।

अपने अंदर उठती इन भावनाओं की वजह से दिन भर वो बहुत रोयी थी । ये ऐसी इच्छाएं थी जो पूरी नहीं की
जा सकती थीं और अपने भाई के लिए तड़प , उसे तो समाज स्वीकार ही नहीं करता था । उसने कभी नहीं सोचा था
कि सिर्फ एक रात के सम्बन्ध से हालत यहाँ तक पहुँच जायेंगे और उसके मन में अपने भाई को पाने की चाहत
इस कदर बढ़ जायेगी कि वो समाज के बनाये नियमों को तोड़ने पर आमादा हो जाएगी ।

अब वो अजनबी से अनजान नहीं थी । ये बात बिलकुल साफ़ हो चुकी थी कि वो कौन था जो उसके उत्तेजक सपनो
में आता था और उसको भरपूर कामतृप्त करके ही जाता था । जिसके चौड़े सीने से लगकर वो अपने आप को
फिर से छोटी बच्ची की तरह सुरक्षित महसूस करती थी । अब उस अजनबी का चेहरा धुंधला सा नहीं था ,
वो चेहरा था उसके हैंडसम भाई समीर का ।

ऐसे हालात में एक ही छत के नीचे अपने भाई के साथ रहना अब उसके लिए नामुमकिन सा था । समीर के उसके ही
साथ रहने से आँचल को अपनी भावनाओं पर काबू पाना संभव नहीं लग रहा था । उसे लग रहा था कि अगर समीर यहीं रहा
तो वो उसके लिए तड़पती ही रहेगी । उसने सोचा कि वो अपने प्यारे भाई से कह देगी कि वो अपने लिए कोई और कमरा ढूंढ ले
और यहाँ से चला जाये । मगर समीर को जाने के लिए कहने के ख्याल के बारे में सोचने से ही उसे इतनी पीड़ा पहुंची
कि उसने इस ख्याल को ही मन से निकाल दिया ।

उसने ये भी सोचा कि वो अन्य दूसरे लड़कों से दोस्ती बढ़ाएगी , कोई नया बॉयफ्रेंड बनायेगी । ताकि इन बातों को
भूल सके । लेकिन ये ख्याल भी ज्यादा देर नहीं टिका क्योंकि अब वो सिर्फ और सिर्फ समीर को ही चाहती थी । कोई भी
दूसरा लड़का समीर के लिए उसकी चाहत के सामने बौना ही साबित होता । आँचल के लिए अब छोटा भाई समीर ही
उसका “ बॉयफ्रेंड “ था । लेकिन समीर के लिए ?
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RE: Real Chudai Kahani किस्मत का फेर - by sexstories - 05-26-2019, 12:04 PM

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