RE: Kamvasna मजा पहली होली का, ससुराल में
जब बाकी औरतें चली गयी तो भी एक दो मेरे जो रिश्ते की जेठानी लगती थी रुक गयीं. हम सब बातें कर रहे थे तभी छोती नन्द की किस्मत ...वो कमरे से निकल के सीधे हमी लोगों की ओर आ गयी. गाल पे रंग के साथ हल्के हल्के दांत के निशान, टांगे फैली फैली...चेहरे पे मस्ती लग रहा था पहली चुदायी के बाद कोयी कुंवारी आ रही है. जैसी कोयी हिरणी शिकारियों के बीच आ जाये वही हाल उसकी थी. वो बिदकी और मुडी तो मेरी दोनो जिठानियों ने उसे खदेड़ा और जब वो सामने की की ओर आयी तो वहां मैं थी. मैने उसे एक झटके में दबोच लिया. वो मेरी बाहों में छटप्टाने लगी तब तक पीछे से दोनो जेठानीयों ने पकड़ लिया, और बोलीं,
* हे कहां से चुदा के आ रही है.” दूसरी ने गाल पे लाल रंग मलते हुए कहा,
* चल, अब भौजाइयों से चुदा . एक एक पे तीन तीन...और एक झटके में उसकी चोली फाड के खींच दी. जो जोबन झट्क के बाहर निकले वो मेरी मुट्ठी में कैद थे.
अरे तीन तीन नहीं चार चार...”
तब तक मेरी जेठानी भी आ गयीं. हंस के वो बोली और उस्को पूरी नंगी कर के कहा, अरे होली ननद से खेलनी है उसके कपड़ों से थोडी ही. फिर क्या था थोडे ही देर में वो नीचे और मैं उपर.रंग, पेंट, वार्निश और कीचड कोयी चीज हम लोगों ने नहीं छोड़ी. लेकिन ये तोशुरुआत थी. मैं अब सीधे उसके उपर चढ़ गयी और अपनी प्यासी चूत उसके किशोर गुलाबी रसीले होंठों पे रगडने लगी. वो भी कम चुदक्कड नहीं थी. चाटने और चूसने में उसे भी मजा आ रहा था.
उसके जीभ की नोक मेरे क्लिट को छेडती मेरे पेशाव के छेद से छू गयी और मेरे पूरे बदन में सुरसुरी मच गयी. मुझे वैसे ही बहोत कस के ‘लगी थी. सुबह से पांच छ: ग्लास ‘शरबत • पी के और फिर सुबह से की नहीं थी ( मुझे याद आया की कल रात मेरी ननद ने छेड़ा था की भाभी आज निपट लीजिये, कल होली के दिन टायलेट में मैं सुबह से ही ताला लग दूंगी, और मेरे बिना पूछे बोला की अरे यही तो हमारे गांव की होली की, खास कर नयी बह के आने पे होने वाली होली की स्पेशलिटी है. जेठानी और सास दोनो ने आंख तर कर उसे मना किया और वो चुप हो गयी.)
मेरे उठने की कोशिश को दोनो जेठानीयों ने बेकार कर दिया और बोली हे।आ रही है तो कर लो ना इतनी मस्त ननद है होली का मौका जरा पिचकारी से रंग की धार तो बरसा दो छोटी प्यारी ननद के उपर. मेरी जेठानी ने कहा और वो बेचारी तेरी चूत की। इतनी सेवा कर रही तू भी तो देख जरा उस की चूत ने क्या क्या मेवा खाया है. मैने गप्प से उसकी चूत में मोटी उंगलीं घुसेड दी. चूत उसकी लसालस हो रही थी. मेरी दूसरी उंगली भी अंदर हो गयी. मैने दोनों उंगलियां उसकी चूत से निकाल के मुंह में डाल ली..वाह क्या गाढी मक्खन मलायी थी. एक पल के लिये मेरे मन में ख्याल आया की मेरी ननद की चूत में किसका लंड अभी गया था, लेकिन सर झटक के मैं मलायी का स्वाद लेने लगी. वाह क्या स्वाद था.
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