RE: non veg kahani नंदोई के साथ
मगर बाद में मेरी कामग्नी ने मुझे समझाया की अभी तो कुछ देर पहले तीनों के गंदे लण्ड अपने मुँह में लिया था फिर इसमें क्या बुराई है।
मैंने अपनी जीभ निकलकर उसके लिंग को अपनी जीभ से चाटने लगी। हम उस वक़्त 69 पोजीशन में लेटे एक दूसरे के साथ मुख-मैथुन कर रहे थे। वो भी अपने लिंग को मेरे मुँह में डालने की कोशिश कर रहा था। इसकोशिश में वो बार-बार अपनी कमर को ऊपर-नीचे करता। कुछ देर उसे तड़पाकर मैंने खुद उसके लिंग को अपने मुँह में जाने दिया और उसके लिंग को अपने मुँह में भरकर चूसने लगी। उसने मेरी योनि को चूस, चाटकर बुरा हाल कर दिया था। अब उसके मुँह से भी उत्तेजना की आवाजें निकल रही थी।
वो भी “अयाया... हाँ... हाँ... हाँ... एम्म्म...” जैसी आवाजें निकालने लगा।
अब उसका लिंग झटके खाने लगा था तो मैं समझ गई की उसके लिंग से अब रस निकलने वाला है ये देखकर मैंने उसके लिंग को अपने मुँह से बाहर निकाल दिया। वो भी शायद अपने वीर्य को बेकार बर्बाद नहीं होने देना चाहता था इसलिए उसने भी मेरी योनि से अपना सिर ऊपर उठाया और घूमकर मेरी जांघों के जोड़ की तरफ आ गया। मेरा अब तक दो बार वीर्यपात हो चुका था।
उसने मेरी टाँगें उठाकर अपने कंधों पर रख लिया और अपने लिंग को मेरे योनि के द्वार पर रखकर एक धक्के में पूरा लिंग मेरी योनि में ढूंस दिया। मेरी योनि इतनी बार चुद चुकी थी की उसके लिंग को अंदर जाने में कोई दिक्कत नहीं आई।
उसने मुझ पर लेटते हुए वापस मेरे निपल्स को दाँतों से काटना शुरू किया। मैं दर्द से तड़पने लगी। “आआआहह एयाया... नहींई... उफफ्फ़.. म्माआ... प्लीस...” मैं दर्द से छटपटाने लगी तो उसने मेरे उरजों को काटना छोड़कर अपने लिंग से धक्के मारना शुरू कर दिया।
वो काफी जोर-जोर से धक्के मार रहा था। मैं उसके हर धक्के से कार्पेट पर रगड़ खा रही थी। मेरी पीठ हर धक्के पर रगड़ खाने के कारण दुखने लगी। शायद छिल भी गई होगी। मैं उसके झड़ने का इंतेजार कर रही थी।
लेकिन वो तो पूरे जोश में मुझे चोदे जा रहा था। पंद्रह मिनट तक उसी रफ़्तार से चोदने के कारण मेरे बदन के हर अंग में दर्द हिलोरें मरने लगा था। पंद्रह मिनट बाद मुझे उठाकर उसने सोफे के सहारे मुझे चौपाया बनाया। और मुझे पीछे की ओर से चोदने लगा। कमर तक मेरा जिम सोफे पर था और बाकी जिम जमीन पर। इसी अवस्था में मुझे अगले पंद्रह मिनट तक लगातार चोदता रहा, मेरी योनि में जलन होने लगी थी। मानो अंदर से योनि की त्वचा छिल गई हो।
बस... बस... जल्दी करो... मैं थक गई हूँ.” मैं उससे बस करने के लिए निवेदन कर रही थी।
अब उसके धक्कों की गति काफी तेज हो गई थी। पता नहीं उसमें इतनी ताकत कहाँ से आ गई थी। मैं हर धक्के के साथ “अयाया” “आआआ" कर रही थी। काफी देर तक तेज-तेज धक्के मारने के बाद एकदम से मेरी योनि से अपने मोटे लिंग को खींचकर बाहर निकाला। मुझे ऐसा लगा मानो मेरी योनि की चमड़ी उसके लिंग पर चिपक कर ही बाहर निकल गई। योनि में एकदम खाली खाली लग रहा था।
उसने मेरे बालों को अपनी मुट्ठी से पकड़कर मेरे चेहरे को पीछे की ओर घुमाया। उसके लिंग की टोपी मेरे चेहरे से 6 इंच की दूरी पर था। वो अपने लिंग को मुट्ठी में भरकर अपने हाथ को तेजी से आगे-पीछे कर रहा था।
“ले... ले... रांड़ अपना मुँह खोल... ले... मेरे रस को पी...” उसके लिंग से रस की फुहार निकलकर मेरे चेहरे पर यहाँ वहाँ गिरने लगी। वो अपना वीर्य मुझे पिलाना चाहता था लेकिन मैं अपना मुँह नहीं खोल रही थी। ये देखकर उसने मेरे बालों को अपनी मुट्ठी में भरकर जोर से झटका दिया। मैं दर्द से बिलबिला उठी। उसके हाथों से बचने के लिए मैंने ना चाहते हुए भी अपना मुँह खोल दिया। तब तक उसके लिंग से ढेर सारा वीर्य निकलकर मेरे चेहरे को और बालों को भिगो चुका था। इसलिए जब तक मैंने अपना मुँह खोला उसके वीर्य का स्टोरेज खतम होने वाला था। कुछ वीर्य मेरे मुँह में डालने के बाद उसके लिंग से वीर्य निकलना बंद हो गया। उसने अपनी मुट्ठी को सख़्त करके लिंग के अंदर बचा हुया वीर्य मसलकर बाहर निकाला और मेरे मुँह में डाल दिया। मैंने अपने मुँह में भरे वीर्य को वहाँ कारपेट पर उलीच दिया।
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