RE: non veg kahani नंदोई के साथ
मैंने उत्तेजना में उसके सिर के बाल अपनी मुट्ठी में भरकर अपनी योनि में लगाने की कोशिश करने लगी। मगर वो अभी इसके लिए तैयार नहीं था इसलिए इस जोर आजमाइश में उसके सिर के कुछ बाल टूट कर मेरी मुट्ठी में आ गये।
उसने मेरी टाँगों को छोड़ दिया और मेरे सिर के दोनों ओर अपने घुटने कार्पेट पर रखकर अपने सिर को मेरे टांगों के जोड़ पर रख दिया। मेरी टाँगें तो पहले से ही खुली हुई थी उसके जीभ के स्वागत करने के लिए। उसने
अपनी दोनों हाथों की उंगलियों की मदद से मेरी योनि को चौड़ा किया।
उसकी आँखों के सामने मेरी योनि की लाल गुफा थी जिसकी दीवारों से वीर्य चिपका हुआ था। उसने अपनी जीभ एकदम भीतर तक घुसा दी। अब वो मेरी योनि की दीवारों को चाटने लगा। मेरी कमर उसका साथ देने के लिए बिस्तर से ऊपर उठने लगी।
कर रहेई होओ। छोड़ो... छोड़ो... बहुत गुदगुदी हो रहीई हैईई...” मैं अनाप सनाप बड़बड़ाने लगी थी।
आआहह आआहह... म्म्म्म म... क्या
मेरी योनि को चाटते हुए उसका पूरा बदन मेरे बदन पर लेटा हुआ था। उसके शरीर पर अभी भी पूरे कपड़े थे। पैंट के अंदर से उसका उभर मेरे गालों को रगड़ रहा था। मैंने अपने हाथों से उसके पैंट की जिप खोलकर उसका लिंग निकालना चाहा। मगर मेरे लिए उसकी मदद के बिना ऐसा कुछ होना संभव नहीं था। उसे जैसे ही मेरी हरकतों का आभास हुआ उसने अपनी कमर को कुछ उठाकर अपने पैंट का हुक और उसके बाद जिप खोलकर कुछ नीचे सरकया। मैंने उसकी जंघिया की भीतर हाथ डालकर उसके लिंग को सहलाया। उसके दोनों पैर फैले होने की वजह से मैं उसके लिंग को पूरा बाहर निकल नहीं पा रही थी।
जब उसे मेरी परेशानी का पता चला तो वो कुछ पलों के लिए मुझे छोड़कर उठा और अपने पैंट और अंडरवेर को अपने बदन से अलग कर दिया। इस काम में मुश्किल से 15 सेकेंड लगे होंगे मगर दोनों जिस अवस्था में थे। उसकी वजह से ये समय काफी लंबा महसूस हो रहा था।
वो वापस उसी अवस्था में लेट गया। मेरी योनि को चाटते हुए अब वो अपना लिंग मेरे गालों पर रगड़ने लगा। मैंने उसके लिंग को अपनी मुट्ठी में भरकर उसके ऊपर के चमड़े को नीचे खिसका दिया। उसके लिंग के ऊपर का टोपा किसी काले नाग की तरह फुफ्कार कर बाहर निकल आया। मैंने उसे अपने होंठों के पास खींचकर । उसको एक बार चूमा। उसके लिंग से बदबू आ रही थी। मैंने पहले तो उसे अपने मुँह में ना लेने का मन बनाया
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