RE: non veg kahani नंदोई के साथ
साला छक्का कहता था की पूरी रात इसको चोदेंगे साले में अब दम नहीं रहा...” दूसरे आदमी ने कहा।
राज की भी उत्तेजना अब धीमी पड़ती जा रही थी। वो भी अपनी आँखों से नींद को भगाने की कोशिश में बारबार अपने सिर को झटक रहा था। मैंने मौका देखकर अपने कमर की गति को धीमा कर दिया। कुछ देर में राज का लिंग ढीला होकर मेरी योनि से फिसल कर बाहर आ गया। वो भी नशे में होश खो चुका था। बचे तीसरे आदमी ने मुझे राज की कमर से उठाया और मुझे चौपाया बनाकर मेरे पीछे से अपने मोटे लिंग को मेरी योनि में जड़ तक धंसा दिया।
दोनों मैदान छोड़कर भाग गये पर क्या हुआ जानेमन मैं तो हूँ ना। मैं आज तुझे रात भर सोने नहीं दूंगा। तू सारी जिंदगी नहीं भूलेगी मेरे लण्ड को और बार-बार आएगी इसका स्वाद लेने। हाहाहा...” उसपर शराब का कोई ज्यादा असर नहीं दिखाई पड़ रहा था।
मैं ऊपर वाले से दुआकर रही थी की इस दरिंदे के हाथों से मुझे चूतकारा दिला दे। उसने मेरे एक-एक जोड़ को हिलाकर रख दिया। उसने मुझे इतनी बुरी तरह से चोदा की मुझे पूरा कमरा घूमता हुआ नजर आ रहा था। मेरी बाँहे अब मेरे बदन के बोझ को उठा पाने में असमर्थ होकर मुड़ गई और मेरा चेहरा तकिये में फँस गया। काफी देर तक मुझे चोदने के बाद ढेर सारा वीर्य मेरी योनि में डालकर वो भी मेरे ऊपर गिर कर गहरी नींद में डूब गया।
तीनों मेरे इर्द-गिर्द नंगे पसरे हुए सो रहे थे। मैंने उठने की कोशिश की मगर दर्द की अधिकता के कारण मैं उठ नहीं सकी। हारकर मैं वहीं उनके बीच पसर गई। मैंने कुछ देर तक रेस्ट करने का मन बनाया। मैं बुरी तरह थक चुकी थी। कुछ देर तक लंबी-लंबी सांसें लेती रही। कुछ देर तक सुस्ताने के बाद मैं धीरे-धीरे उठकर बाथरूम तक गई। बाथरूम में जाकर अपनी योनि को पानी से अच्छी तरह साफ किया। काफी देर तक मैं शावर के नीचे बैठी रही। इससे मेरे दुख़्ते बदन को काफी राहत मिली।
ठंडे पानी की बूंदे दर्द को कम कर रही थी। काफी देर बाद मैं बाथरूम से निकली। मैं अब भी बिल्कुल नग्न थी। बदन पर एक रेशा तक नहीं था। तीनों तो थक कर खर्राटे ले रहे थे तो शर्म किससे करती। वापस आकर मैंने । देखा की चादर में ढेर सारा खून लगा हुआ था। उसे देखकर मैं फफक कर रो पड़ी। मैं हिचकियां लेते लेते वापस बिस्तर पर ढेर हो गई। कुछ देर तक मैं सुबक्ती रही और कब मुझे भी नींद ने अपनी आगोश में ले लिया पता
भी नहीं चला।
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